डेट फंड फंड निवेशकों का पैसा ब्याज देने वाली सिक्योरिटीज जैसे कि बॉन्ड, कॉर्पोरेट डिपॉजिट, जी-सिक्योरिटीज, मनी मार्केट इन्स्ट्रुमेंट, आदि में निवेश करते हैं। ये बॉन्ड एक सर्टिफिकेट की तरह होते हैं जिसमें बॉन्ड जारीकर्ता की तरफ से एक इकरारनामा होता है कि वह बॉन्ड के निवेशकों को नियमित ब्याज (कूपन) का भुगतान करेगा। इस प्रकार, डेट फंड अपने पोर्टफोलियो की इन सिक्योरिटीज से नियमित ब्याज आय प्राप्त करते हैं। डेट फंड द्वारा अपने बॉन्ड पोर्टफोलियो से अर्जित ब्याज या तो निवेशकों के बीच वितरित किया जाता है या फंड में जमा किया जाता है, उदाहरण के तौर पर फंड के असेट्स में जोड़ा जाता है जिससे एनएवी में बढ़ोतरी होती है। इस प्रकार, इक्विटी फंड जो अपने पोर्टफोलियो के शेयरों के लाभांश वितरण पर निर्भर करता है, वहीं इसके विपरीत डेट फंड अंतर्निहित पोर्टफोलियो की विशेषतानुसार नियमित ब्याज आय प्राप्त करते हैं।
एक निवेशक के रूप में, अगर आप अपने डेट फंड से नियमित आय प्राप्त करना चाहते हैं तो आप लाभांश भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं। जैसा कि इस विकल्प का नाम है ' लाभांश भुगतान ', यह नियमित अंतराल पर अपने पोर्टफोलियो से प्राप्त ब्याज आय और अन्य पूंजीगत लाभों को वितरित करता है। भले ही डेट फंड के पोर्टफोलियो में ब्याज भुगतान करने वाली सिक्योरिटीज हों, लेकिन इनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड के विपरीत अपने लाभांश वितरण का ज्यादा सटीक अनुमान लगाने और नियमित होने की गारंटी होती है। लाभांश का भुगतान तभी होता है जब फंड में वितरण लायक अधिशेष (सरप्लस) हो। वितरित करने लायक लाभ अधिशेष और आय हमेशा नियमित नहीं होते हैं।