म्यूचुअल फंड के निवेशों के लिए उपयुक्त समय सीमा की जरूरत होती है। सही समय सीमा होने से न केवल अपेक्षित, निवेश रिटर्न (लाभ) हासिल करने के बेहतर अवसर मिलते हैं बल्कि निवेश में जोखिम भी कम हो जाता है।
अब यह “जोखिम” क्या है, जिसकी हम बात कर रहे हैं? सरल शब्दों में, यह निवेश प्रदर्शन की अस्थिरता के साथ ही साथ निवेश की गयी पूंजी के समाप्त होने के अवसर होते हैं। दीर्घ अवधि तक निवेशित रहने से कुछ वर्षों के निम्न/ऋणात्मक लाभ और कुछ वर्षों के प्रभावशाली लाभ मिल कर औसत लाभ को काफी बेहतर बना देते हैं। इसलिए, अधिक स्थिर दीर्घ कालीन रिटर्न (लाभ) पाने के लिए निवेशक 'वर्ष के व्यापक उतार-चढ़ाव वाले लाभ का औसत ले सकते हैं'।
अनुशंसित समय सीमा, प्रत्येक एसेट वर्ग के लिए और साथ ही म्यूचुअल फंड श्रेणी के लिए भिन्न-भिन्न होती है। निवेश करने का फैसला लेने से पहले कृपया किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें और योजना से संबंधित दस्तावेज़ों को पढ़ें।