नेशनल पेंशन स्कीम (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली), अथवा एनपीएस, 2004 में भारत सरकार द्वारा पेश की गई एक रिटायरमेंट लाभ स्कीम है। वहीं म्यूचुअल फ़ंड, एक निवेश उपकरण है जो स्टॉक, बांड्स, अथवा अन्य सिक्योरिटीज़ के एक पोर्टफोलियो से बना होता है एवं इसका प्रबंधन एक पेशेवर फ़ंड मैनेजर द्वारा किया जाता है।
एनपीएस बनाम म्यूचुअल फ़ंड्स - दोनों निवेशों को समझना
एनपीएस: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली/ नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), भारतीय नागरिकों को रिटायरमेंट आय देने के लिए, भारत सरकार द्वारा जारी की गई एक स्वैच्छिक पेंशन प्रणाली है। इस स्कीम/प्रणाली को पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह उत्पाद, मार्केट से जुड़ा हुआ होता है, जो कि निवेशकों को इक्विटी, कॉर्पोरेट डेट, सरकारी डेट, एवं वैकल्पिक एसेट्स के एक संयोजन में निवेश करने की अनुमति प्रदान करता है।
एनपीएस के अंतर्गत दो प्रकार के खाते होते हैं, टियर I एवं टियर II. टियर I खाता, निवेशक के 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक लॉक्ड रहता है। जबकि टियर II स्वैछिक है, एवं इस खाते का लाभ उठाने की योग्यता के लिए, निवेशक के पास टियर I खाता होना आवश्यक है। टियर I के विपरीत, टियर II के अंतर्गत निवेशक पैसों की निकासी किसी भी वक़्त कर सकता है।
नेशनल पेंशन स्कीम एक ऐसा निवेश विकल्प है, जो असंगठित विभाग/क्षेत्र के कर्मचारियों सहित देश के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। यह एक संरचित रिटायरमेंट सेविंग प्लान/योजना हैं, जो कि वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। एनपीएस में किये गए योगदान को, विभिन्न प्रकार की एसेट क्लासेस जैसे कि इक्विटी, कॉर्पोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज़, आदि में विभाजित कर दिया जाता है। हालाँकि, यह स्कीम, सक्रिय चुनाव एवं ऑटो चुनाव के माध्यम से एसेट आवंटन की फ़्लेक्सिबिलिटी देती है।.
60 की उम्र तक पहुँचने पर, एनपीएस खाता परिपक्व हो जाता है, एवं निवेशक, परिपक्व हुई राशि का 60% एक मुश्त राशि के रूप में निकाल सकता है। शेष 40 % राशि का उपयोग, एक नियमित पेंशन वार्षिकी खरीदने में किया जा सकता है।
म्यूचुअल फ़ंड्स: म्यूचुअल फ़ंड्स एक पेशेवर तरीके से प्रबंधित किया जाने वाला निवेश साधन है, जो कि स्टॉक्स, बांड्स, एवं मनी मार्केट उपकरणों सहित एसेट्स के एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो को खरीदने के लिए कईं निवेशकों से राशि एकत्रित करता है। सरल शब्दों में, यह एक सामूहिक निवेश साधन है, जहाँ एक समान निवेश लक्ष्यों वाले निवेशकों से धन एकत्रित किया जाता है।
म्यूचुअल फ़ंड्स के विभिन्न प्रकार, सक्रिय , निष्क्रिय, इक्विटी, निश्चित आय, संतुलित फ़ंड्स, एवं आदि सहित निवेश प्राथमिकताओं का विविधीकरण करते हैं। फ़ंड के हरेक प्रकार, विशेषताओं के अद्वितीय सेट, संभावित लाभों, एवं उनसे जुड़े हुए जोखिमों के साथ आते हैं। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि अधिकतर म्युचुअल फ़ंड्स, लॉक-इन का दबाव ना बनाते हुए फ़्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं। यह फ़्लेक्सिबिलिटी, निवेशकों को उनके पसंदीदा फ़ंड्स को उनके विशेष वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता, एवं निवेश के होराइज़न के साथ संरेखित करके, उन्हें सुविज्ञ एवं व्यक्तिगत निवेश निर्णय लेने के लिए सशक्त करती है।
अस्वीकरण
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।