कुछ लोग स्वयं को सुरक्षित रखते हुए जाने पहचाने विकल्प ही चुनते हैं| मान लें आप एक नए रेस्टोरेंट में हैं और मेनू (खाद्य तालिका) में कई अनोखे व्यंजन शामिल हैं| आप उसी व्यंजन का चुनाव करते हैं जिसके स्वाद से आप परिचित हैं, किसी नए व्यंजन को चुनकर आप बाद में पछताने से बचना चाहते हैं| आप कुसकुस पनीर सलाद की जगह पनीर या काठी रोल मंगाते हैं जिसके आप आदी हैं लेकिन साथ ही आप एक नए रेस्टोरेंट की सेवाएं, उसके माहौल और वहाँ उपलब्ध व्यंजनों के बारे में भी जानकारी हासिल कर लेते हैं|
म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करना भी रेस्टोरेंट में सही व्यंजन के चुनाव करने जैसा ही है| आप अगर स्टॉक मार्किट में न जाते हुए भी अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना चाहते हैं, आप डेब्ट फंड्स में निवेश कर सकते हैं| म्यूच्यूअल फंड्स को मोटे तौर पर इक्विटी, डेब्ट, संकर (हाइब्रिड), समाधान उन्मुख स्कीम और दूसरे स्कीम युक्त निवेशों में बांटा जा सकता है| यदि आप इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के माध्यम से स्टॉक्स में निवेश नहीं चाहते, आप डेब्ट फंड्स के माध्यम से जो बैंकों, सरकारी संस्थानों जिसमें RBI और अन्य मुद्रा बाज़ार उपकरण भी शामिल हैं (T-बिल्स, बैंक CDs या वाणिज्यिक पत्र आदि) और निगमों (कॉर्पोरेट्स) द्वारा जारी बांड्स में निवेश करते हैं, म्यूच्यूअल फंड्स से अर्जित लाभ के हिस्सेदार बन सकते हैं| डेब्ट फंड्स में निवेश करने से आपके धन की वृद्धि बेहतर होती है क्यों कि इसमें आपको करों का प्रभाशाली प्रतिफल आपके परम्परागत विकल्पों जैसे बैंक FDs, PPFs, या डाक घर बचत योजनाओं से बेहतर मिलता है|