जब भी आप किसी अम्यूज़मेंट पार्क की कल्पना करते हैं, आपके ज़हन में क्या पहले उभरता है, टॉय ट्रेन या रोलर कोस्टर राइड? कदाचित रोलर कोस्टर राइड, जो किसी भी अम्युज़मेंक पार्क का सबसे बड़ा आकर्षण होते हैं और जो इन पार्कों के बारे में एक लोगों में एक धारण की सृष्टि करते हैं| ‘म्यूच्यूअल फंड्स’ ने भी ऐसी ही एक धारणा की सृष्टि की है कि वो सिर्फ स्टॉक्स में निवेश करते हैं इसलिए जोखिम भरे होते हैं| निवेशकों के भिन्न–भिन्न ज़रूरतों को ध्यान में रख म्यूच्यूअल फंड्स कई विकल्प पेश करता है| कुछ निवेशकों को ऊंचे प्रतिफल की चाह है जो सिर्फ स्टॉक ही आपको दे सकता है| ऐसे निवेशक इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर, जो लम्बी अवधि के निवेश के बेहतरीन विकल्पों में से एक है, अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं| इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि अलग-अलग कंपनियों के स्टॉक्स के अपने जोखिम के चलते, ऐसे म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश अपने में अधिक अस्थिरता, उतार-चढ़ाव का जोखिम भी लिए होता है|
कुछ और प्रकार के म्यूच्यूअल फंड्स भी हैं जो इक्विटी में नहीं निवेश करते हैं| सरकारी संस्थाओं, बैंकों, कंपनियों और दूसरे मुद्रा बाज़ार उपकरणों (बैंक CDs, T-बिल्स, वाणिज्यिक पत्र,) द्वारा जारी बांड्स में निवेश करते हैं जिनमें जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है पर प्रतिफल भी इक्विटी फंड्स की तुलना में कम होता है| ये फंड्स पारंपरिक निवेशों जैसे बैंक FDs, PPFs के बढ़िया विकल्प साबित होते हैं और अगर आप ऐसा निवेश चाहते हैं जो पारंपरिक निवेशों से बेहतर प्रतिफल के साथ ही कर का प्रभावशाली प्रतिफल भी दे, डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स ऐसे वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बढ़िया चुनाव साबित होते हैं|