म्यूचुअल फंड्स, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) स्कीम्स से कैसे अलग हैं?

How are Mutual Funds different from Portfolio Management Schemes? zoom-icon

हालांकि म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) दोनों ही पेशेवर फंड मैनेजर्स के द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले एक पूल्ड इंवेस्टमेंट व्हीकल के माध्यम से निवेशकों को शेयर और बॉन्ड्स में अपना पैसा निवेश करने की सुविधा देते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग निवेश विकल्प हैं और इनके उद्देश्य भिन्न हैं तथा ये दोनों दो अलग-अलग तरह के निवेशकों के लिए हैं।

म्यूचुअल फंड में कोई भी 500 रुपए प्रति माह की छोटी सी रकम से निवेश कर सकता है, लेकिन पीएमएस स्कीम्स में कम से कम 25 लाख का निवेश करना होता है क्योंकि ये मुख्यतः एचएनआई को लक्ष्य करने वाले वेल्थ मैनेजमेंट प्रोडक्ट्स हैं। म्यूचुअल फंड को सेबी द्वारा रेगुलेट किया जाता है जबकि पीएमएस स्कीम्स के लिए कोई सख्त डिस्क्लोजर मानदंड नहीं हैं। इसके अलावा, पीएमएस प्रोडक्ट्स उन एडवांस निवेशकों के लिए हैं जो इसमें निहित जोखिमों को समझ सकते हैं क्योंकि पीएमएस फंड्स उन सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं जिनको बाज़ार में आसानी से खरीदा-बेचा नहीं जा सकता है। म्यूचुअल फंड उन सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जो कि लिक्विड (तरल) हैं। अच्छी तरह से डायवर्सिफ़ायड पोर्टफोलियो होने के कारण म्यूचुअल फंड, पीएमएस स्कीम्स की तुलना में कम जोखिम होते हैं। पीएमएस फंड्स में आम तौर पर 20-30 शेयरों का एक केंद्रित पोर्टफोलियो होता है। इस तरह, फंड का प्रदर्शन पूरी तरह फंड मैनेजर की शेयर को चुनने की क्षमता पर निर्भर करता है।

अधिक फंड मैनेजमेंट फीस के अलावा पीएमएस फंड्स का एंट्री और एक्जिट लोड भी ज़्यादा होता है। म्यूचुअल फंड में कोई एंट्री लोड नहीं है और एक्जिट लोड भी कम होता है। म्यूचुअल फंड्स रिटेल निवेशकों के लिए सही हैं जबकि पीएमएस फंड्स रिटेल निवेशकों के मतलब के नहीं हैं।

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