ETF निष्क्रिय(पैसिव) निवेश के साधन होते हैं जो मुख्य इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और एक्सचेंज में शेयरों की तरह उनमें कारोबार होता है। लेकिन एक्सचेंज में किसी ब्रोकर के माध्यम से ETFs खरीदे या बेचे जाने चाहिए। ETFs में कारोबार करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है और आपको हर ट्रांज़ैक्शन के लिए ब्रोकर को कमीशन देनी होगी। अगर आप ETFs की रीयल-टाइम ट्रेडिंग का फ़ायदा उठाने के लिए उनमें कारोबार करने की इच्छा रखते हैं, तो कमीशन से जुड़ा खर्च समय के साथ आपके रिटर्न को कम कर सकता है।
दूसरी बात, ETF रुपया-लागत औसत का लाभ पेश नहीं करते जो म्यूचुअल फंड्स में SIP के माध्यम से उपलब्ध होता है। अगर आप ETFs में नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो आपको हर ट्रांज़ैक्शन पर कमीशन से जुड़ा खर्च उठाना होगा। ETF ग्रोथ और डिविडेंड जैसी विशेषताएं पेश नहीं करते जहाँ निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, ETFs नियमित आमदनी चाहने वाले किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति या नियमित रूप से डिविडेंड का भुगतान चाहने वाले किसी व्यक्ति की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकते।
कुछ ETF विशेष या सेक्टर विशिष्ट होते हैं और उनमें कम कारोबार होता है। ETF में ट्रांज़ैक्शन करते हुए निवेशक बोली/मांग(bid/ask) के व्यापक प्रसार (ETF की मौजूदा कीमत और उसकी NAV में अंतर) का सामना कर सकते हैं। यद्यपि ETFs इंट्राडे ट्रेडिंग के मौके पेश करते हैं जो छोटी अवधि में आकर्षक हो सकते हैं, वे किसी लंबी-अवधि की वित्तीय योजना के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।