निवेश में नए ज़माने के डिजिटल ट्रेंड्स: वे कैसे काम करते हैं

निवेश में नए ज़माने के डिजिटल ट्रेंड्स: वे कैसे काम करते हैं

टेक्नोलॉजी में तरक्की के कारण फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में कई बदलाव हुए हैं। आजकल, आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से भुगतान, खरीदारी और यहाँ तक कि निवेश भी कर सकते हैं। 

निश्चित रूप से,  इसी वजह से नए जमाने के डिजिटल ट्रेंड्स को भी आसान-ट्रेडिंग के वर्चुअल एसेट की तरह ले लिया गया है जिनका कोई भौतिक प्रारूप नहीं हैं। वे सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा बनाए या जारी नहीं किए गए हैं। इसलिए इन्हें धन या वैध मुद्रा की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मगर कुछ जोखिम हैं जैसे:

-    ऐसे डिजिटल एसेट का मूल्य वास्तविक एसेट से जुड़ा नहीं होता है। जिसकी वजह से उनकी वैल्यू— और आपके निवेश में— बड़ी अस्थिरता देखी जा सकती है।
-    वर्चुअल एसेट विनियमित नहीं होते हैं। सरकारी नियमों के बिना, निवेशकों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है और वे अपना पैसा गंवा सकते हैं। 
-    फिलहाल, केंद्रीय बजट 2022 के अनुसार, इन वर्चुअल एसेट पर बहुत ज़्यादा टैक्स देना पड़ता है। 

इनकी तुलना में, म्युचुअल फंड्स लगभग 1924 से चलन में हैं। पिछली सौ सालों से, निवेशकों की सुरक्षा के लिए म्युचुअल फंड्स को अच्छे से विनियमित और उन पर बारीकी से निगरानी रखी गई है। अलग-अलग तरह के रिटर्न और जोखिम की क्षमता के अनुरूप कई योजनाएं भी उपलब्ध हैं। साथ ही, वे स्वाभाविक रूप से विविधता भरे हैं, इसलिए निवेशक के जोखिम को कम करते हैं। म्यूचुअल फंड्स में अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले सबसे कम टैक्स देने का अतिरिक्त लाभ मिलता है। (म्युचुअल फंड्स पर कैसे टैक्स लगाया जाता है, आप यहाँ पढ़ सकते हैं)।

नए ट्रेंड की हमेशा एक नई और अलग वैल्यू होती है। इसलिए वे निवेशकों को काफ़ी आकर्षक लग सकते हैं। मगर अपनी मेहनत की कमाई को निवेश करने से पहले जोखिमों की भी तुलना करना ज़रूरी है। अच्छी तरह जाँचें-परखें और तय करें कि क्या कोई खास निवेश विकल्प आपके जोखिम प्रोफाइल और रिटर्न की उम्मीदों के अनुरूप है। निवेश के फैसले जीवन भर के लिए होते हैं और इन विकल्पों को तय करने  में थोड़ा समय देना सही है।

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