स्मॉल-कैप फंड्स वे म्यूचुअल फंड योजनाएं होती हैं जो अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 65% स्मॉल-कैप कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी सिक्योरिटीज़ में निवेश करती हैं। स्मॉल कैप कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइज़ेशन आमतौर पर 100 करोड़ रुपये से कम का होता है, और बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइज़ेशन) के लिहाज से टॉप 250 कंपनियों से नीचे की होती हैं, हालांकि उनकी परिभाषा मार्केट इंटरमीडियरीज (बाजार मध्यस्थों) के बीच अलग-अलग हो सकती है।
स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड्स की विशेषताएं
- ज़्यादा विकास की क्षमता रखने वाली स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश करते हैं।
- इसमें मौजूद कंपनियां अभी-अभी शुरू हुई हैं, इसलिए वे अस्थिर और जोखिम भरी होती हैं।
- बुल मार्केट (तेज़ी वाले बाजार) में मिड और लार्ज-कैप फंडों से बेहतर परफ़ॉर्म कर सकती हैं, बियर मार्केट (मंदी वाले बाजार) में खराब परफ़ॉर्म कर सकती हैं।
स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड्स में क्यों निवेश करना चाहिए?
- महत्वपूर्ण विकास क्षमता: मजबूत विकास और विविधीकरण संभावनाओं के साथ विकासशील व्यवसायों में निवेश।
- कम वैल्यू वाले एसेट्स: कम आकलन के कारण, कम लागत पर छोटे बिज़नेसों में निवेश करने से, जैसे-जैसे वे बढ़ते हैं लंबी अवधि में ज़्यादा रिटर्न मिल सकता है।
- मर्जर एंड एक्विजिशन (M&A): छोटी-छोटी कंपनियां महत्वपूर्ण M&A का अवसर देती हैं, जिससे संभावित रूप से मुनाफा होता है क्योंकि वे बड़ी कंपनियों के साथ मर्ज कर जाती हैं।
अगर आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं, ज़्यादा जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं और लंबे समय में ज़्यादा पैसा बनाना चाहते हैं, तो शायद स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड्स आपके लिए सही हैं। मगर निवेश करने से पहले, अपने जोखिम प्रोफाइल, फंड के निवेश करने के तरीके और पिछले परफ़ोर्मेंस के डेटा की सावधानीपूर्वक जांच-परख करें और निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
अस्वीकरण
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।