इंडेक्स फंड्स की सीमाएं क्या हैं?

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अपनी निष्क्रिय प्रबंधन शैली की वजह से इंडेक्स फंड्स के तीन प्रमुख नुकसान हैं। वे बाज़ार में गिरावट का प्रबंधन करने हेतु फंड मैनेजर को लचीलापन प्रदान नहीं करते। अगर फंड द्वारा अनुकरण (नकल) किया जा रहा इंडेक्स प्रतिकूल आर्थिक या बाज़ार की स्थिति की वजह से नकारात्मक रिटर्न दे रहा है, तो एक सक्रिय फंड मैनेजर के पास बेहतर ढंग से गिरावट का प्रबंधन करने के लिए शेयरों का चुनाव करने का विकल्प होता है। लेकिन एक इंडेक्स फंड के लिए, बाज़ार के बढ़ने और उसमें गिरावट होने, दोनों ही स्थितियों में, बेंचमार्क को फ़ॉलो करना ज़रूरी है।

एक सक्रिय फंड मैनेजर अल्फ़ा जनेरट करने की कोशिश करता है यानि फंड के बेंचमार्क के मुकाबले अतिरिक्त रिटर्न। इसलिए सक्रिय फंड्स अतिरिक्त जोखिम उठाकर अपने बेंचमार्क के मुकाबले ज़्यादा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं। लेकिन इंडेक्स फंड्स कम जोखिम वाले उत्पाद होते हैं जो केवल एक अंतर्निहित बेंचमार्क का अनुकरण (नकल) करते हैं। इसलिए बेंचमार्क के मुकाबले ज़्यादा रिटर्न चाहने वाले किसी निवेशक को इंडेक्स फंड्स से दूर रहना चाहिए क्योंकि वे औसत बाज़ार रिटर्न जनरेट करते हैं।

यद्यपि इंडेक्स फंड्स का उद्देश्य एक इंडेक्स को फ़ॉलो करना और उसके अनुरूप रिटर्न देना है, लेकिन ट्रैकिंग एरर मौजूद होने की वजह से ज़्यादातर इंडेक्स फंड्स दरअसल अपने बेंचमार्क के रिटर्न से कम रिटर्न देते हैं। एक इंडेक्स फंड को अपने इंडेक्स में बदलाव होने के बाद हर बार अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करने पर कुछ खर्च आता है। जब इंडेक्स की संरचना में कोई बदलाव होता है तो इंडेक्स को ट्रांज़ैक्शन पर ऐसा कोई खर्च नहीं आता। इंडेक्स फंड द्वारा किया गया ट्रांज़ैक्शन का खर्च बेंचमार्क के रिटर्न के मुकाबले उसके रिटर्न को कम कर देता है।

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