SIP के ज़रिये म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश निवेशक को बहुत लचीलापन प्रदान करते हैं| निवेशक निवेशित राशि पर, अवधिकाल पर और निवेश की आवृत्ति पर (साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक आदि) अपनी पकड़ जमाये रख सकता है|
एक बार SIP आरम्भ करने पर, क्या आप अपने शुरुआती चुनाव का, अवधि के अंत तक पालन करने को बाध्य या वचनबद्ध होते हैं?
इसका उत्तर है नहीं| उदाहरण स्वरुप, अगर आप किसी फंड में मासिक ५०००/- रूपए के SIP का चुनाव करते हैं जो अगले सात वर्षों की अवधि की समय सीमा लिए है, आपके पास इस अवधि को घटाने या बढाने का, SIP रकम को घटाने और बढाने का लचीलापन मौजूद है| ये आपके वित्तीय स्वास्थ्य और आपकी मर्जी पर निर्भर है| SIPs लम्बी अवधि के निवेश के लिए एक बढ़िया विकल्प साबित हुए हैं जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं| इस लचीलेपन के चलते ये बिना झमेला लिए होते हैं और दूसरे निवेशों की तुलना में काफी तरल भी हैं|
अगरचे आप SIP के सामयिक नवीनीकरण और विस्तार के झमेलों से भी बचना चाहें तो आप पेर्पेचुअल SIP का चुनाव कर निर्बाधित निवेशित रह सकते हैं जब तक आपके वित्तीय लक्ष्य पूरे न हो जाएँ| आपके ज़रुरत के वक़्त, आप अपने SIP को विराम दें, ये लचीलापन भी आपके पास मौजूद है| अपने समयावधि के पूर्व अगर आपके SIP को विराम या स्थगित करने की नौबत आन पड़े, स्वयं को सुरक्षित रखते हुए, बेहतर होगा अगले SIP की नियत तारीख के ३० दिन पूर्व इस आशय का एक आवेदन पत्र अवश्य जमा कर दें|