सीएजीआर (CAGR) या सालाना रिटर्न क्या होता है?

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कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) काफ़ी ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला रिटर्न मेट्रिक है क्योंकि यह वास्तव में किसी निवेश द्वारा कमाया गया साल-दर-साल का रिटर्न बताता है, जो पूर्ण रिटर्न के विपरीत होता है जो किसी निवेश पर रिटर्न कमाने में लगने वाले समय पर ध्यान दिए बिना पॉइंट-टू-पॉइंट रिटर्न बताता है।

CAGR को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि प्रारंभिक निवेश राशि, निवेश के अंतिम मूल्य और व्यतीत समय अवधि के आधार पर किसी निवेश द्वारा कमाया गया औसत वार्षिक रिटर्न प्रदान करके, इसके द्वारा अलग-अलग ऐसेट क्लासेज़ में मिलने वाले रिटर्न्स की तुलना की जा सकती है। अगर 5 साल पहले किए गए 1000 रु. के निवेश का मूल्य आज 1800 रु. है, जबकि पूर्ण विकास दर 80% है, तो उसका CAGR उस निवेश द्वारा हर साल कमाया गया औसत रिटर्न है। इसका CAGR 12.5% आता है। अगर आपको सालाना 12.5% का वादा करने वाली बैंक FD से इसकी तुलना करनी हो, तो CAGR तुलना करने को आसान बनाता है।

इसी तरह, यदि आपको महंगाई, जो लगभग 4% का वार्षिक आंकड़ा होता है, को निकालने के बाद अपने निवेश द्वारा कमाए गए रिटर्न का हिसाब लगाना हो तो CAGR इसका हिसाब लगाना आसान बनाता है यानी कि महंगाईको निकालकर आपने वास्तव में 8.5% का रिटर्न कमाया। जब एक साल से ज़्यादा अवधि के लिए रिटर्न्स की तुलना की जाती है तब CAGR उपयोगी साबित होता है। हो सकता है कुछ वर्षों में निवेश पर 12.5% से ज़्यादा रिटर्न मिला और दूसरेवर्षों में 12.5% से कम रिटर्न मिला लेकिन औसतन, 5-साल की अवधि के दौरान वह सालाना 12.5% की दर से बढ़ा।

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