म्यूचुअल फंड के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

म्यूचुअल फंड निवेश में कौनसे जोखिम शामिल हैं?

हम सब ने यह सुना ही है: ‘म्यूच्यूअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन है', ‘कभी सोचा है, ये जोखिम क्या हैं? सब जोखिम सारे म्यूच्यूअल फंड योजनाओं पर असर नहीं करते हैं| स्कीम इनफार्मेशन डॉक्यूमेंट, (SID) कौन सा जोखिम हमारे चुने हुए किस स्कीम पर लागू होगा, यह समझने में मददगार है| अधिक पढ़ें

केवाईसी (KYC) क्या है?

KYC “नो योर कस्टमर” का संक्षिप्त रूप है और इसे किसी भी वित्तीय कंपनी के खाता खोलने की प्रक्रिया में ग्राहक पहचान विधि स्वरुप इस्तेमाल किया जाता है| KYC ग्राहक की पहचान और पता प्रासंगिक सहायक दस्तावेजों के ज़रिये सिद्ध करता है मिसाल के तौर पर निर्धारित फोटो ID (PAN कार्ड, आधार कार्ड) पते का सबूत और इन-पर्सन वेरिफिकेशन (IPV). अधिक पढ़ें

मुझे कबसे म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना शुरू करना चाहिए?

एक बड़ी खूबसूरत चीनी कहावत है, ’पेड़ लगाने का सबसे बढ़िया वक़्त २० साल पहले था, दूसरा वक़्त आज है’| किसी के पास कोई कारण ही नहीं है कि वो निवेश करने में विलम्ब करे सिवा इसके कि उसके पास निवेश हेतु धन नहीं है| इसके अंतर्गत, बेहतर है कि म्यूच्यूअल फंड्स का इस्तेमाल हो बजाय कि अपने आप कर लिया जाए| अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड की स्कीम में कौन कौन से रिस्क इंडीकेटर्स होते हैं?

अपनी मेहनत की कमाई को सही म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले आपको अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए। जबकि निवेशक अक्सर स्कीम की केटेगरी और सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाली स्कीम में से चुनते हैं, वे इन स्कीमों के रिस्क इंडीकेटर्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जब आप स्कीमों की तुलना कर रहे हैं, तो उनके जोख़िमों की अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स किस तरह से जोखिम प्रबंधन में सहायता करते हैं?

जोखिम कई रूपों में दिखते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं तो मूल्य जोखिम या बाज़ार जोखिम या कंपनी विशिष्ट जोखिम होते हैं। उपरोक्त कारणों में से किसी एक या उनके मिश्रण से केवल उसी कंपनी के शेयर मूल्य गिर सकते हैं या बरबाद हो सकते हैं।  अधिक पढ़ें

योजना संबंधी दस्तावेज क्या होते हैं? ये दस्तावेज क्या जानकारी देते हैं?

सभी म्यूचुअल फंड विज्ञापनों में एक संदेश होता है: “योजना संबंधी सभी दस्तावेजों को सावधानी के साथ पढ़ें।” ये दस्तावेज क्या होते हैं? 3 मुख्य दस्तावेज होते हैं: मुख्य जानकारी ज्ञापन (किम), योजना जानकारी दस्तावेज (एसआईडी) और अतिरिक्त जानकारी कथन (एसएआई)। अधिक पढ़ें

आपने लंबी अवधि के लिए निवेश किया हो और इस दौरान अगर बाज़ार में मंदी आ जाए तो क्या होगा?

सिप (SIP) के माध्यम से म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि का निवेश करने वाले निवेशकों को हर समय यह फ़िक्र होती रहती है कि इस दौरान अगर बाज़ार गिरने लगा तो क्या होगा। बाज़ार की टाइमिंग और उतार-चढ़ाव जैसी जोखिमों से कुछ हद तक बचाव के लिए सिप एक नायाब तरीका है। अधिक पढ़ें

रिस्क और रिटर्न के बीच क्या नाता है?

म्यूचुअल फंड में यह अक्सर सुना जाता है कि, ‘जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक प्रतिफल’। क्या यह सत्य है?a यदि ‘जोखिम’ को पूंजी की हानि की संभाव्यता या निवेश मूल्य में उतार-चढ़ाव और अस्थिरता के रूप में मापा जाता है तो परिसंपत्ति वर्गों जैसे एक्विटी निसंदेह सबसे अधिक जोखिम वाले होते हैं और बचत खाता या सरकारी बॉन्ड में रखा धन निसंदेह सबसे कम जोखिम होता है। अधिक पढ़ें

अगर म्यूचुअल फंड कंपनी बंद हो जाए या बेच दी जाए तो क्या होगा?

जब कोई म्यूच्यूअल फंड कंपनी बिक जाती है या बंद हो जाती है, किसी भी मौजूदा निवेशक के लिए ये एक गंभीर चिता का विषय हो जाता है| चूंकि म्यूच्यूअल फंड्स SEBI द्वारा विनियमित होते हैं, इस प्रकार की संभावनाओं से निपटने के लिए प्रक्रिया भी निर्धारित हैं| अधिक पढ़ें

तो फिर डिस्क्लेमर में यह क्यों लिखा है कि म्यूचुअल फंड्स बाज़ार जोखिम के अधीन हैं?

म्यूचुअल फंड, प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं और प्रतिभूतियों की प्रकृति योजना के उद्देश्य पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, कोई इक्विटी या ग्रोथ फंड कंपनी शेयरों में निवेश करेगा। कोई लिक्विड फंड डिपॉजिट के सर्टीफिकेट और कॉमर्शियल पेपरों में निवेश करेगा। अधिक पढ़ें

क्या होता है जब आप बीच में SIP की किश्तों का भुगतान करना चूक जाते हैं?

निश्चित अवधि में SIP किश्तों के भुगतान न कर पाने से निवेशक म्यूच्यूअल फंड्स में आये नुकसान को लेकर चिंतित हो जाते हैं| ऐसे परिस्थिति कई वजहों से सामने आ सकती है, आप किसी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं या आपकी नौकरी या व्यापार के हालात  निश्चित नहीं है| ऐसी हालत में स्वाभाविक है कि आप नियमित रूप से SIP किश्तों का भुगतान नहीं कर सकेंगे| चूंकि SIP लम्बी अवधि के निवेश विकल्प होते हैं, इसमें कोई चि अधिक पढ़ें

निवेश करने के पहले क्या मेरे लिए स्टॉक, बांड या मुद्रा बाज़ार की जानकारी पाना ज़रूरी है?

कल्पना करिए कि आपको सुदूर देश की यात्रा करनी है और हवाई जहाज़ आपका एकमात्र विकल्प है| किन परिस्थितियों में, आपको विमान उड़ाने के लिए विमान के विविध नियंत्रणों के बारे मे जानना ज़रूरी होगा? या फिर उन तमाम संकेतों की जानकारी जो एक विमान चालक को तमाम नियंत्रण टावर से मिलते हैं? या किस तरह से रेडियो सिस्टम / प्रणाली काम करती है? अधिक पढ़ें

निवेशक की मृत्यु हो जाने पर उसके म्यूचुअल फंड निवेश का क्या होता है?

म्यूच्यूअल फंड्स स्कीमों की कोई मैच्युरिटी तारीख नहीं होती, जब तक आप ELSS या FMPs जैसे क्लोज एंडेड स्कीमों में निवेश नहीं करते जिनकी एक निश्चित अवधि होती है|    अधिक पढ़ें

आपकी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर फंड कैसे चुनें

म्यूचुअल फंड्स बाज़ार से जुड़े उत्पाद होते हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के जोखिम होते हैं और उनके रिटर्न्स की गारंटी नहीं होती। सही म्यूचुअल फंड चुनने में न केवल उसके निवेश के उद्देश्य, रिटर्न की संभावना को देखना बल्कि उसके जोखिम का मूल्यांकन करना भी शामिल है। चूँकि जोखिम की वरीयता सहित प्रत्येक निवेशक का अलग व्यक्तित्व होता है, इसलिए हर निवेशक क अधिक पढ़ें

क्या सभी म्यूचुअल फंड जोखिम भरे हैं?

हमारे प्रत्येक निवेश में जोखिम शामिल है केवल प्रकृति व डिग्री का अंतर है। यही चीज म्यूचुअल फंड पर भी लागू होती है। जब निवेश पर लाभ की बात होती है, सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं में समान जोखिम नहीं होते हैं। अधिक पढ़ें

क्या फंड मैनेजर्स ज़रूरी होते हैं?

उत्तर है 'हाँ'! यह नोट करना महत्वपूर्ण है कि धन का प्रबंधन/निवेश करने में, अच्छे प्रदर्शन के लिए अनुभव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जितना अधिक अनुभव होगा, लाभदायक निवेश निर्णय लेने की संभावनाएं उतनी ही अधिक होंगी। अधिक पढ़ें

सिस्टेमेटिक रिस्क क्या होता है?

सिस्टेमेटिक रिस्क वह जोखिम है जो पूरे बाजार या उसके एक बड़े हिस्से को प्रभावित करता है। इसे मार्केट रिस्क/बाजार जोखिम के नाम से भी जाना जाता है। यह जोखिम पूरे बाज़ार में मौजूद है, जो आर्थिक, सामाजिक-राजनीतिक और बाज़ार से जुड़ी घटनाओं जैसे कारकों के मिश्रण से बनता है। हालांकि ऐसी घटना की संभावना कम है, पर आपको निवेश करते समय इस पर विचार करना चाहिए क्योंकि यह उन कारकों से जुड़ी अनिश्चितता को उजाग अधिक पढ़ें

म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के क्या फायदे हैं?

हममें से अधिकाँश ही, खुद के निवेश के प्रबंधन के ख़याल मात्र से ही घबरा जाते हैं| व्यवसायिक फंड प्रबंधक कंपनी के साथ ये सुविधा है कि वे शिक्षा, अनुभव और कौशल के आधार पर विविध क्रियाओं को अंजाम देने हेतु उचित व्यक्तियों को कार्यभार सौंपा देते है| एक निवेशक की हैसियत से, आप खुद अपनी पूँजी निवेश कर सकते हैं या किसी व्यावसायिक फर्म की मदद ले सकते हैं| आप दूसरा विकल्प तब लेते हैं जब: अधिक पढ़ें

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स क्या हैं?

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स, जिन्हें डायनामिक असेट अलोकेशन फंड्स के नाम से भी जाना जाता है, हायब्रिड म्युचुअल फंड्स की श्रेणी में आते हैं। ये फंड्स इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं, लेकिन किसी फिक्स्ड एलोकेशन से बंधे नहीं होते। फंड मैनेजर्स को बाजार की मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच एलोकेशन एडजस्ट करने की फ्लेक्सिबिलिटी होती है।  अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड क्या है?

ज़्यादातर लोगों को म्यूच्यूअल फंड्स पेचीदे और डरावने लग सकते हैं| हम आपके लिए बिलकुल बुनियादी स्तर पर इसे सरल और स्पष्ट करने की कोशिश करेंगे| दरअसल, बहुत सारे निवेशकों की धनराशि जमा होने पर ही म्यूच्यूअल फंड की सृष्टि होती है| इस फंड के प्रबंधन के लिए फंड प्रबंधक नियुक्त होते हैं| अधिक पढ़ें

मैं अपने जोखिम प्रोफाइल का मूल्यांकन कैसे करुंगा/करूँगी?

प्रत्येक निवेशक अपने आप में न केवल निवेश उद्देश्यों के संबंध में बल्कि जोखिम के दृष्टिकोण और संबंध में भी अलग होता है। यह बात निवेश से पहले जोखिम प्रोफाइलिंग को बेहद महत्वपूर्ण बना देती है। कोई जोखिम प्रोफाइलर एक प्रश्न सूची होती है जिसमें किसी निवेशक को "क्षमता" और "इच्छा" दोनो के बारे में प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। अधिक पढ़ें

किसी योजना के लिए रिस्क-ओ-मीटर कैसे निकाला जाता है?

रिस्क-ओ-मीटर आपको म्यूचुअल फंड योजना के लिए ‘रिस्क’ की पूरी तस्वीर देने की कोशिश करता है। यह म्यूचुअल फंड योजना की हर एक एसेट क्लास का रिस्क स्कोर निकालकर ऐसा करता है। हर एक डेट या इक्विटी इंस्ट्रूमेंट और दूसरे एसेट्स, जैसे नकदी, सोना और म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पाए जाने वाले दूसरे फाइनेंशियल इन्स्ट्रूमेंट्स को एक खास रिस्क वैल्यू दी जाती है। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर और निवेश सलाहकार में क्या अंतर है?

यद्यपि दोनों ही आपके निवेश निर्णय में मदद के लिए हैं, जिनमें म्यूच्यूअल फंड्स स्कीम का चुनाव भी शामिल है, तथापि, जैसा की नाम से विदित है, म्यूच्यूअल फंड वितरक म्यूच्यूअल फंड उत्पादों पर ही तवज्जो देता है और निवेश सलाहकार के पास प्रस्तावित सेवाएं और उत्पाद ज़्यादा हैं| अधिक पढ़ें

वे कौन सी गलतियाँ हैं जो लोग म्यूचुअल फंड्स में निवेश दौरान कर बैठते हैं?

निवेश करते वक़्त निवेशक का गलतियाँ करना किसी भी निवेश के साथ हो सकता है, और म्यूच्यूअल फंड कोई अपवाद नहीं हैं| म्यूच्यूअल फंड्स के निवेश में होने वाली कुछ साधारण गलतियाँ इस प्रकार हैं: अधिक पढ़ें

मेरे निवेशों का रिकॉर्ड कौन रखता है?

भारत में सभी म्यूचुअल फंड, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से विनियमित होते हैं। म्यूचुअल फंड विनियम स्पष्ट रूप से एसेट प्रबंधन कंपनियों (AMC) और कस्टोडियन की भूमिकाओं और उत्तरदायित्वों को निर्धारित करते हैं।  यह याद रखना जरूरी है कि प्रत्येक निवेशक को निवेश से पहले प्रभावी KYC प्रक्रिया को पूरा करना होता है। इसलिए, केवल PAN कार्ड धारक प्रामाणिक निवेशक ही म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश अधिक पढ़ें

आपको कम उम्र में निवेश करना क्यों शुरू करना चाहिए?

लता और नेहा, दो सहेलियों ने अलग-अलग उम्र में म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू किया था। जब लता 25 साल की थी, तब उसने प्रति माह 5,000 रुपये का निवेश करना शुरू किया, और नेहा ने भी इतनी ही राशि का निवेश किया जब वह 35 साल की थी। औसत सालाना रिटर्न 12% मानते हुए, उनका निवेश पोर्टफोलियो 60 साल की उम्र में कुछ ऐसा दिखेगा: अधिक पढ़ें

क्या मैं सभी दिनों में पैसे निकाल सकता/सकती हूँ या सिर्फ़ विशेष दिनों पर?

ओपन ऐंड फंड सभी व्यावसायिक दिवसों पर मोचन की अनुमति देता है। यदि रिडम्पशन अनुरोध किसी निवेशक सेवा केन्द्र पर एक गैर-व्यावसायिक दिवस पर या एक विशेष निर्दिष्ट कट-ऑफ टाइम मान लीजिए 03:00 बजे दोपहर के बाद दिया जाता है तो यह संभव है कि यह अगले व्यावसायिक दिवस पर संसाधित हो। मोचन उसी विशेष दिवस की कुल संपत्ति के मूल्य) अधिक पढ़ें

एसआईपी में 2 साल की देरी आपको कैसे महंगी पड़ सकती है

शेयर बाजार में निवेश डराने वाला हो सकता है, खासकर यदि आप नौसिखिए हैं। हालाँकि, एक आजमाई हुई और परखी हुई निवेश रणनीति है जो न केवल शेयर बाजार में निवेश को सरल और आसान बनाती है बल्कि आपको दीर्घकालिक संपत्ति बनाने में भी मदद कर सकती है और वो है एसआईपी या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान।  अधिक पढ़ें

लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखने के क्या लाभ हैं?

लंबी अवधि के लिए निवेश करें –अनेक म्यूचुअल फंड वितरकों व निवेश सलाहकारों द्वारा नियमित तौर पर दी जाने वाली सलाह। यह विशेष रूप से कुछ म्यूचुअल फंड जैसे इक्विटी तथा बैलेन्स्ड फंड के मामले में सही है। आइये समझें कि पेशेवर लोग ऐसी सलाह क्यों देते हैं। लंबी अवधि में वास्तव में होता क्या है? लंबी अवधि तक निवेशित रहने में कोई लाभ है क्या? अधिक पढ़ें

मैं अपना कितना निवेश निकाल सकता हूँ?

अधिकांश म्यूचुअल फंड योजनाएं ओपन ऐंड योजनाएं होती है जो किसी निवेशक को बिना किसी समय प्रतिबंध के पूरी निवेशित राशि को निकालने की अनुमति देती है। केवल कुछ परिस्थितियों में योजनाएं रिडम्पशन पर प्रतिबंध लगाती हैं जो कि असामान्य परिस्थितियां होती हैं, जो बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ द्वारा निर्देशित होते हैं। अधिक पढ़ें

मैं अपना धन कितनी बार निकाल सकता/सकती हूँ?

किसी निवेशक के लिए किसी ओपन ऐंडेड स्कीम से धन निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है। जबकि कुछ मामलों में निकाली भार हो सकता है जो अंतिम हासिल राशि को प्रभावित कर सकता है, सभी ओपन ऐंड योजनाएं, तरलता को बेहतरीन लाभ के रूप में प्रस्तुत करती हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में मुझे रिटर्न कैसे मिलते हैं?

किसी भी और संपत्ति की तरह ही, म्यूच्यूअल फंड्स से अर्जित प्रतिफल का हिसाब एक अवधि में आये आपके निवेश में मूल्य वृद्धि को शुरुआती निवेश के साथ तुलना कर लगाया जाता है| म्यूच्यूअल फंड का नेट एसेट वैल्यू म्यूच्यूअल फंड का मूल्य है जिसका इस्तेमाल म्यूच्यूअल फंड निवेश पर अर्जित प्रतिफल की गणना करने में होता है| एक अवधि पर अर्जि अधिक पढ़ें

एनपीएस एवं म्युचुअल फ़ंड्स के बीच अंतर जानें

नेशनल पेंशन स्कीम (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली), अथवा एनपीएस, 2004 में भारत सरकार द्वारा पेश की गई एक रिटायरमेंट लाभ स्कीम है। वहीं म्यूचुअल फ़ंड, एक निवेश उपकरण है जो स्टॉक, बांड्स, अथवा अन्य सिक्योरिटीज़ के एक पोर्टफोलियो से बना होता है एवं इसका प्रबंधन एक पेशेवर फ़ंड मैनेजर द्वारा किया जाता है। < अधिक पढ़ें

क्या लॉन्ग टर्म का मतलब कम जोखिम है?

म्यूचुअल फंड के निवेशों के लिए उपयुक्त समय सीमा की जरूरत होती है। सही समय सीमा होने से न केवल अपेक्षित, निवेश रिटर्न (लाभ) हासिल करने के बेहतर अवसर मिलते हैं बल्कि निवेश में जोखिम भी कम हो जाता है। अधिक पढ़ें

मैं कितनी जल्दी म्यूचुअल फंड से अपनी राशी निकाल सकता/सकती हूँ?

म्यूच्यूअल सबसे तरल परिसंपत्तियों में से एक हैं, अर्थात, इसको राशि में तब्दील करना सबसे आसान है| ऑफलाइन साधन के ज़रिये अगर फंड्स छुडाने हैं, इकाई धारक के लिए ज़रूरी है वो प्रतिदान आवेदन पर मय अपने हस्ताक्षर के, AMC या रजिस्ट्रार के निर्धारित दफ्तर पर जमा करा दे| इसमें विस्तृत विवरण जैसे इकाई धारक का नाम, फोलियो नंबर, स्कीम का नाम और छुडाने वाले इकाइयों की संख्या देना होता है| भुनाए गए इकाइयों से अधिक पढ़ें

पैसे को तिजोरी में नहीं रखा जाता। निवेश किया जाता है!

म्यूचुअल फंड में, पैसा लॉक नहीं होता है। इसका निवेश होता है। जब म्यूचुअल फंड में निवेश की बारी आती है तो सबसे आम सवाल होता है - 'क्या मेरा पैसा लॉक हो जाएगा?' दो तथ्यों को नोट करना महत्वपूर्ण है: अधिक पढ़ें

लोड क्या होता है?

हम जब लम्बी दूरी के सफ़र पर निकलते हैं, किसी पुल पर या मार्ग के प्रवेश पर टोल पर एक निश्चित रकम का भुगतान करना परता है, कभी निकलते वक़्त भी| बहुधा, टोल कंपनियों को एक निश्चित अवधि तक ही शुल्क लागू करने का अधिकार होता है जब तक निर्माण लागत की वसूली नहीं हो जाती है| उस अवधि के पश्चात टोल कंपनी को यात्रियों से शुल्क वसूलने की अनुमति नहीं है| अधिक पढ़ें

मैं अपना निवेश कैसे निकाल सकता/सकती हूँ?

किसी ओपन ऐंड योजना में निवेश को किसी भी समय रिडीम किया जा सकता है। जब तक कि यह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एमसी में निवेश न हो, जिसमें निवेश की तारीख से 3 वर्षों की लॉकिंग अवधि होती है, रिडम्पशन के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होते हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड डिविडेंड़ क्या होता है?

किसी भी स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड्स से अर्जित आय का वितरण लाभांश कहलाता है| पोर्टफोलियो में शामिल सिक्योरिटीज को बेचकर जब फंड मुनाफा कमाती है, म्यूच्यूअल फंड स्कीमें तब लाभांश का वितरण करती हैं| अधिक पढ़ें

क्या एग्जिट लोड वाले फंड्स में निवेश का कोई लाभ है?

आइये बैलेन्स्ड फंड पर विचार करें, जिसका लक्ष्य इक्विटी वाले भाग से वृद्धि व पूंजीगत लाभ देना और डेब्ट वाले हिस्से से आय व स्थिरता देना है। इस योजना में फिर भी काफी जोखिम होता है, क्योंकि इसका इक्विटी वाला हिस्सा 60% तक हो सकता है। यह केवल उन निवेशकों को अनुशंसित किया जाता है जिनके पास अच्छी जोखिम सहन शक्ति व लंबी समयावधि है। अधिक पढ़ें

मैं म्यूचुअल फंड कैसे चुनूँ?

कल्पना करें कि आप अपने ट्रेवल एजेंट से ये सवाल कर रहे हैं - ‘मैं अपने यातायात के साधन का चयन कैसे करूं?’ जो पहली बात वो कहेगा/कहेगी, ‘ये इस बात पर निर्भर है कि आपको जाना कहाँ है?’ गर मुझे पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी है, ऑटो रिक्शा सर्वोत्तम विकल्प हो सकता है जबकि नई दिल्ली से कोची की यात्रा हेतु हवाई जहाज़ बढ़िया विकल्प होगा। छोटी दूरियों के लिए हवाई जहाज़ उपलब्ध नहीं और लम्बी दूरी के लिए ऑटो रि अधिक पढ़ें

गोल्ड ईटीएफ़ क्या है, और आप इसमें कैसे निवेश करते हैं?

गोल्ड ईटीएफ़ एक एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड है, जिसका उद्देश्य घरेलू फ़िज़िकल सोने की कीमत पर नज़र रखना है। यह एक निष्क्रिय निवेश साधन है, जो सोने की मौजूदा कीमतों के अनुसार सोने के बुलियन में निवेश करता है। इसलिए, सरल शब्दों में, गोल्ड ईटीएफ़ फ़िज़िकल सोने (कागज़ी या डीमटेरियलाइज़्ड रूप में) का प्र अधिक पढ़ें

निवेशक का रिस्क प्रोफाइल और उपयुक्त म्यूचुअल फंड्स योजनाएं

जब निवेश की बात आती है, तो लोगों के फाइनेंशियल गोल और रिस्क लेने की क्षमताएं अलग-अलग होती हैं। आपके निवेश का चुनाव आपके दीर्घकालिक और अल्पकालिक लक्ष्यों पर निर्भर करता है। ये फ़ैक्टर्स आपके निवेश विकल्पों और नज़रिए को बहुत ज़्यादा प्रभावित करते हैं। रिस्क-ओ-मीटर एक टूल की तरह काम करता है, जो उपयुक्त योजना चुनने में मदद करता है। नए रिस्क-ओ-मीटर को समझना अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना आपके लिए पहले से ही सुविधाजनक है। इनमें निवेश करना आसान है, ये लचीले हैं और निवेशक, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से कम से कम 500 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं। ऐसे कुछ तरीके भी हैं, जिनके माध्यम से कोई भी म्यूचुअल फ़ंड में अधिक पढ़ें

कम उम्र में निवेश शुरू करने के पांच कारण

लोग अक्सर जीवन में निवेश करना बहुत देर से शुरू करते हैं, भले ही यह उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। नई-नई नौकरी करने वालों के लिए अपने भविष्य की योजना बनाने की जगह अपने रहन-सहन में बढ़ोतरी करना ज़्यादा आम बात है। दूसरे शब्दों में, वे जीवन में बाद तक भी निवेश करना शुरू नहीं करते हैं। अधिक पढ़ें

क्या कुछ विशेष फंड हैं जो दीर्घ अवधि में संपत्ति (वेल्थ) का निर्माण करते हैं?

संपत्ति (वेल्थ) क्या है? यह क्या प्रयोजन (हित) पूरा करती है? अनेक लोग इन प्रश्नों के उत्तर में कहेंगे - “अपने सपनों का जीवन जीना”, या “धन के बारे में चिंतित न होना”, या “वित्तीय रूप से स्वतंत्र होना”। समृद्ध होने का अर्थ है, व्यक्ति के उत्तरदायित्वों और सपनों के लिए खर्च करने हेतु पर्याप्त धन का होना। अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड्स ऐसे लोगों के लिए सही हैं जो शेयर बाज़ार में निवेश नहीं करना चाहते?

कुछ लोग स्वयं को सुरक्षित रखते हुए जाने पहचाने विकल्प ही चुनते हैं| मान लें आप एक नए रेस्टोरेंट में हैं और मेनू (खाद्य तालिका) में कई अनोखे व्यंजन शामिल हैं| आप उसी व्यंजन का चुनाव करते हैं जिसके स्वाद से आप परिचित हैं, किसी नए व्यंजन को चुनकर आप बाद में पछताने से बचना चाहते हैं| आप कुसकुस पनीर सलाद की जगह पनीर या काठी रोल मंगाते हैं जिसके आप आदी हैं लेकिन साथ ही आप एक नए रेस्टोरेंट की सेवाएं, अधिक पढ़ें

सुरक्षित भविष्य के लिए क्या एफ़डी (FD) और आरडी (RD) काफी नहीं हैं?

रेकरिंग डिपॉजिट्स (आवर्ती जमा) या RD और फिक्स्ड डिपॉजिट्स (सावधि जमा) या FD हमारे देश के कुछ बेहद लोकप्रिय बचत के साधन हैं| ये सुरक्षित हैं और प्रतिफल दर की गारंटी की आश्वस्ति प्रदान करते हैं| अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड बचत खाते या फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ़डी/FD) की तरह एक निश्चित रिटर्न क्यों नहीं देते?

म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो पर मिले प्रतिफल कई बातों की कार्यप्रणाली पर निर्भर है मसलन, निवेश के विविध वीथी जहां निवेश हुआ है, भिन्न बाज़ारों की अपनी गति, फंड प्रबंधक टीम की अपनी सक्षमता और निवेश की अवधि| अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड्स संपत्ति निर्माण में मदद कर सकते हैं?

संपत्ति निर्माण के रास्ते पर चलने वाले लोगों के साथ अपने पैसों का निवेश कर, व्यापार व कॉमर्स हमें संपत्ति निर्माण में सक्षम बनाते हैं। विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में निवेश करके हम उद्यमियों के व्यवसायों में निवेशक हो सकते हैं। जब उद्यमी और मैनेजर अपने व्यापारों को कुशलता से,लाभ पैदा करते हुए चलाते हैं तो शेयरधारकों को लाभ होता है। इस संबंध में, म् अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन को कौन से फ़ैक्टर्स प्रभावित करते हैं?

हर म्यूच्यूअल फंड स्कीम का एक ध्येय होता है और उसका प्रबंधन पदांकित फंड प्रबंधक करता है, जिसका उद्देश्य ये सुनिश्चित करना होता है कि फंड का प्रदर्शन इष्टतम हो जिससे लक्ष्य प्राप्त हो सके। अधिक पढ़ें

मुद्रास्फीति (इंफ्लेशन) क्या है?

सरल शब्दों में कहें तो, एक निश्चित अवधि में मूल्यों की उपलब्ध मुद्रा के सापेक्ष वृद्धि मुद्रा स्फीति या महंगाई कहलाती है| सम्बंधित रूप में कहें तो, पहले की तुलना में रूपए की क्रय क्षमता आज बहुत कम है|  अधिक पढ़ें

क्या ऐसे फंड हैं जो क्वॉर्टरली पेआउट देते हैं?

अपने मासिक घरेलु खर्चों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अगर आप एक नियमित आय का प्रबंध चाहते हैं, आपको म्यूच्यूअल फंड के सिस्टेमेटिक विथड्रावल (SWP) प्लान पर विचार करना चाहिए| आपको सिर्फ इतना करना है कि किसी उपयुक्त योजना में एकमुश्त राशि निवेशित कर दें और साल भर बाद SWP की शुरुआत कर दें, जिसपर लघु अवधि अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में लिक्विडिटी क्या है?

वित्तीय बाजारों में निवेश करना कई व्यक्तियों के लिए एक लाभकारी निर्णय हो सकता है, लेकिन यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उन विभिन्न अवधारणाओं को समझें जो आपके निवेश विकल्पों को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण अवधारणा है लिक्विडिटी।   अधिक पढ़ें

आप अपने बच्चे की शिक्षा की योजना बनाने के लिए म्यूचुअल फ़ंड का उपयोग कैसे करते हैं?

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे कोई भी व्यक्ति अपने बच्चे के शैक्षिक खर्चों के लिए बचत कर सकता है। मुद्रास्फीति की दर को ध्यान में रखते हुए, निवेश एक शैक्षिक निधि के रूप में राशि जमा करने के लिए बचत से भी बेहतर विकल्प है। म्यूचुअल फ़ंड निवेश का एक ऐसा साधन है, जो आपके बच्चे की शिक्षा के लिए योजना बनाने में आपकी मदद कर सकता है। म्यूचुअल फंड के माध्यम से, आप इक्विटी बाजार में अधिक पढ़ें

मिड कैप फंड्स क्या होते हैं?

बाज़ार पूंजीकरण एक स्टॉक के सम्पूर्ण बाज़ार पूंजीकरण का औसत है जो सारे मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज / बाज़ार में सूचीबद्ध है या सिर्फ उस एक स्टॉक बाज़ार का  सम्पूर्ण बाज़ार पूंजीकरण है जहां वो सूचीबद्ध है|  अधिक पढ़ें

अल्पकालिक लक्ष्यों के म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करना

आमतौर पर म्यूचुअल फ़ंड्स को दीर्घकालीन संपत्ति बनाने के उपकरणों के रूप में देखा जाता है, परन्तु म्यूचुअल फ़ंड्स के कुछ ऐसे प्रकार भी हैं, जो अल्पावधिक लक्ष्यों के लिए भी उपयुक्त होते हैं। अल्पावधिक लक्ष्यों के लिए म्यूचुअल फ़ंड्स वे निवेश उपकरण हैं, जो अपेक्षकृत थोड़े कम टाइम होराइज़न वाले वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाये गए हैं। अधिक पढ़ें

क्या गोल सिर्फ लॉन्ग टर्म के लिए होने चाहिए या शॉर्ट टर्म भी चलेंगे?

नरेन्द्र, अपने सपनों के घर को खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा जमा करना चाहता है। उसने किन्ही म्यूचुअल फंड योजनाओं में SIP शुरु की। हालांकि यह बहुत छोटी राशि थी लेकिन उसके लिए यह आसान था। उसे सुखद आश्चर्य हुआ जब उसकी कंपनी ने कुछ स्टार कर्मचारियों को बड़ा नगद पुरस्कार दिया, और वह उनमें से एक था। अधिक पढ़ें

कोई म्यूचुअल फंड के परफ़ोर्मेंस को कैसे ट्रैक कर सकता है?

आजके डिजिटल और सूचना युग में, निवेश पोर्टफोलियो के प्रदर्शन पर निगरानी रखना अपेक्षाकृत आसान हो गया है| हालांकि आपकी वित्तीय यात्रा में म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स या निवेश सलाहकार जैसे फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की जगह कोई नहीं ले सकता है, फिर भी निवेशकों के लिए सबसे अच्छा यह है कि वे खुद अपने निवेश के बारे में थोड़ी जानकारी रखें। चिंता न करें, आपको विस्तृत स्प्रेडशीट और रेखांकनों के दिमागी कसरतों अधिक पढ़ें

आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए क्या सुरक्षित निवेश काफी नहीं हैं?

कुछ तथ्य हमेशा ज़हन में रख लेने चाहिए, मसलन, रोज़मर्रा के खर्चे और विविध आर्थिक लक्ष्यो की लागत एक अवधि के बाद बढ़ जाती है| अगर मुद्रास्फीति ६% सालाना है, आपके लक्ष्य की लागत १२ वर्षों में करीबन दुगनी हो जायेगी| वहीं, मुद्रास्फीति गर ७% है, लागत कमोबेश दस साल में दुगनी होगी| अधिक पढ़ें

प्रत्येक लक्ष्य के लिए एक योजना

जी हाँ, आपके जीवन के लक्ष्यों की योजना में सहायता के लिए म्यूचुअल फंड आदर्श हैं! · श्री राजपूत 15-20 वर्षों में रिटायर होने के बाद, अंततः शहर से निकल कर पहाड़ पर एक फार्महाउस में रहने की योजना रखते हैं। · श्रीमती पटेल को कोई रिटायरमेंट लाभ नहीं मिला। हालांकि उनके पास बचत है, लेकिन अब उनको अपने नियमित खर्चों के लिए निवेश से नियमित आय की जरूरत है। अधिक पढ़ें

रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए कौन सा बेहतर विकल्प है: म्यूचुअल फंड्स या इनश्योरेंस(बीमा)?

पेंशन योजना रिटायरमेंट के दौरान सालाना आय का निश्चित सोर्स देती है। मगर, इमरजेंसी के वक़्त वे तुरंत नगद राशि नहीं देती हैं और किसी बदलाव और निवेश के तरीके के मामले में सीमित विकल्प देती हैं। पेंशन योजना के लिए दी गई प्रीमियम(किश्त) पर टैक्स में छूट मिलती है। म्यूचुअल फंड में निवेश से आपको तब तक टैक्स में छूट नहीं मिलती जब तक आप ELSS फंड में निवेश नहीं करते, लेकिन वे आपको आपकी ज़रूरत अनुसार एक रिट अधिक पढ़ें

लम्बी अवधि के लिए निवेश के लिए कौन सा म्यूचुअल फंड चुनें?

लम्बी अवधि के निवेश का मुख्य ध्येय (लक्ष्य) भविष्य में आने वाले खर्चों जैसे कॉलेज की पढ़ाई, घर, और सेवानिवृत/ रिटायरमेंट को पूरा करना है इसलिए एक ऐसे फण्ड का चुनाव ज़रूरी है जो पूँजी / संपत्ति सृजन में सहायता करते हैं| लम्बी अवधि के लक्ष्य १० या उससे अधिक की समय काल को लेकर होते हैं इसलिए इनके लिए इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम्स( >=६५% इक्विटी आवंटन) लम्बी अवधि के निवेश के लिए बढ़िया चुनाव साबित होते अधिक पढ़ें

अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सही एसआईपी राशि चुनें

एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान), म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने का एक व्यवस्थित तरीका है। इस प्लान में, कोई निवेशक एक तय अंतराल (दैनिक, साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक) पर म्यूचुअल फ़ंड स्कीम (अपनी पसंद की) में एक तय राशि निवेश कर सकता है। एसआईपी के साथ, निवेशक को राशि तय करने अधिक पढ़ें

मेरे वित्तीय गोल की योजना बनाने के लिए क्या मुझे कोई बाहरी/एक्सटर्नल मदद मिल सकती है?

“मेरा बेटा 9वीं कक्षा में है। मुझे पक्का नहीं है कि उसकी रुचि क्या है या वह किस तरह की शिक्षा अपनाएगा। वह विज्ञान, वाणिज्य या कला में से क्या चुनेगा? क्या कोई मेरी सहायता कर सकता है?” बहुत से माता-पिता को यह चिंता होती है और यहीं पर व्यक्ति किसी ऐसे शिक्षक या कैरियर सलाहकार तक पहुंचता है जिसने युवाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन कर रखा है। अधिक पढ़ें

यूएलआईपी(ULIP) किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है?

ULIP इकाईबद्ध बीमा योजना का नाम है| यह एक ऐसी जीवन बीमा पॉलिसी है जिसका एक निवेश अवयव भी है जो विभिन्न वित्तीय बाज़ारों में निवेशित होता है| निवेशित अवयव जिस प्रकार का प्रतिफल उत्पन्न करता है, वो पॉलिसी का मूल्य निर्धारित करता है| हालांकि, पॉलिसी धारक की मृत्यु पर मिलने वाली बीमाकृत राशि बाज़ार के कार्य अधिकार की देन हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है- मिलने वाली न्यूनतम राशि अप्रभावित रह सकती है| दूसरे शब्दो अधिक पढ़ें

मिड-टर्म निवेश के लिए मुझे कौनसा म्यूचुअल फंड चुनना चाहिए?

४-६ वर्ष की अवधि को अगर हम बचत और निवेश निर्णय हेतु मध्यावधि मान कर चलते हैं, हमारा ध्येय यहाँ पूँजी में मूल्य वृद्धि होना चाहिए| कॉर्पोरेट बांड फंड्स और सकर (हाइब्रिड) फंड्स पूँजी वृद्धि के लिए सबसे उपयुक्त पाए गए हैं क्योंकि कि इक्विटी फंड्स की तुलना में ये कम अस्थिर है, इक्विटी फंड्स जो संपत्ति निर्माण अधिक पढ़ें

क्या भिन्न-भिन्न प्रकार के लक्ष्यों के लिए अलग-अलग फंड्स होते हैं?

बाज़ार में अनेक म्यूचुअल फंड योजनाओं के साथ कोई भी आसानी से यह विचार कर सकता है कि कौन सी योजना सर्वश्रेष्ठ हो सकती है। लेकिन, “सर्वश्रेष्ठ” का अर्थ समझना अधिक महत्वपूर्ण है। अधिक पढ़ें

मैं अपने वित्तीय लक्ष्य किस तरह से पूरे करुं?

सबसे पहले तो अपने निवेश सम्बंधित ज़रूरतों के लिए सही योजना के चुनाव की आवश्यकता है। इसे इस तरह से देखिये :- आप यात्रा के लिए परिवहन के साधन के चयन पर किस तरह से निर्णय लेते हैं? आप पैदल जाना चाहें, ऑटो रिक्शा लें या रेल गाडी या हवाई जहाज, यह सब कुछ उस यात्रा के लिए आपके पास उपलब्ध बजट व यात्रा समय पर निर्भर करता है। अधिक पढ़ें

क्या म्यूच्यूअल फंड्स पासबुक जारी करते हैं?

कुछ छोटी बचत योजनायें और बैंक जहां पासबुक जारी करते हैं, वहीं म्यूच्यूअल फंड्स पासबुक की जगह खाता विवरण जारी करते हैं, पासबुक का मुख्य उद्देश्य बैंक के तमाम लेन-देन की गतिविधियों पर नज़र रखना है: जमा, निकासी, ब्याज जमा इत्यादि, वहीं म्यूच्यूअल फंड्स योजनाओं में भी मिलते–जुलते लेन-देन हो सकते हैं: खरीदी, राशि की वापसी, स्विच (बदली) लाभांश का पुनर्निवेश आदि| अधिक पढ़ें

ईएलएसएस (ELSS) -टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड

ELSS इक्विटी बद्ध बचत स्कीम/योजना का नाम है, जो किसी व्यक्ति या HUF को आयकर एक्ट १९६१ के धारा ८०C के तहत १.५ लाख तक की आमदनी पर छूट प्रदान करता है| इस प्रकार, अगर किसी निवेशक को ५०,०००/- ELSS में निवेश करने हैं, तब ये राशि उसके समूचे कर योग्य आमदनी से घटा दी जायेगी जिससे कर भार कम हो जाएगा| अधिक पढ़ें

क्या हर महीने एसआईपी(SIP) की रकम में बदलाव करना संभव है?

म्यूच्यूअल फंड्स का SIP बहुत कुछ मैराथन दौड़ने जैसा ही है| मैराथन धावक सारे वर्ष इसकी तैय्यारी करते हैं और अपने लक्ष्य को, जैसे वो आगे बढ़ते जाते हैं, हर साल कुछ और ऊंचा करते जाते हैं| इसकी शुरुआत एक महत्वाकांक्षी दौड़ से होती है जो आगे चलकर आधा मैराथन और अंततः पूरा मैराथन में परिवर्तित हो जाती है| ऐसा ही SIP के साथ भी होता है| अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड के साथ मैं किस तरह के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकता/सकती हूँ?

म्यूचुअल फंड की सबसे बेहतरीन बात यह है कि आपके वित्तीय लक्ष्य चाहे कुछ भी हों, उनके लिए आप एक उपयुक्त योजना खोज सकते हैं। तो यदि अपने रिटायरमेंट या बच्चे की भविष्य की शिक्षा के लिए योजना बनाने के लिए आपका कोई दीर्घकालीन वित्तीय लक्ष्य है, तो इक्विटी फंड पर विचार करना एक विकल्प हो सकता है। यदि आपका लक्ष्य नियमित आय पैदा करना है, तो नियत आय फंड पर विचार कर सकते हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में टैक्स के नियम और प्रभाव क्या हैं?

म्यूच्यूअल फंड्स निवेश पूँजीगत लाभ कर का विषय हैं जिसकी अदायगी म्यूच्यूअल फंड्स होल्डिंग्स (ईकाइयों) को बेचकर या छुड़ाकर उससे अर्जित लाभ पर की जाती है| यह लाभ योजना के NAV के खरीदने और बेचने के दिन और उनके मूल्यों के अंतर से अर्जित है(  बिक्री मूल्य - खरीद मूल्य) पूँजीगत लाभ को उसके धारण अवधि के आधार पर पुनः वर्गीकृत किया जाता है| उन इक्विटी फंड्स के लिए (फंड्स जिसमे इक्विटी अनाश्रयता>=६५%), अधिक पढ़ें

अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन कैसे करें?

सालों तक निवेश करने के बाद, यह जानना बेहद ज़रूरी है कि अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन कब और कैसे करना चाहिए ताकि आपका वित्तीय स्वास्थ्य सही बना रहे। बाजार के अनिश्चित होने की स्थिति में भी, पुनर्संतुलन यह सुनिश्चित करता है कि आपके निवेश आपके लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के अनुरूप बने रहें।  अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड में रोज़ निवेश करना चाहिए?

बचपन से ही हम सब कछुए और खरगोश की कहानी सुनते आये हैं – धीमी, सधी और स्थिर चाल ही जीत दिलाती है| यह नैतिक उक्ति जीवन के हर क्षेत्र में प्रासंगिक और सही साबित हुई है, निवेश क्षेत्र में भी| इसलिए SIP निवेशकों में लोकप्रिय हो पाए हैं जिसके अंतर्गत नियमित बचत और निवेश होता रहता है जो लम्बी अवधि में संपत्ति सृजन में सहायक होते हैं| अधिक पढ़ें

बेहतर निवेश क्या है, NFO या मौजूदा फंड्स?

निवेश करने का कोई भी समय सही होता है। जब म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की बात आती है, तो निवेशक अक्सर इस दुविधा में पड़ जाते हैं: क्या उन्हें न्यू फंड ऑफर (NFOs) में निवेश करना चाहिए या मौजूदा म्यूचुअल फंड्स में बने रहना चाहिए? प्रत्येक विकल्प के अंतर और संभावित लाभों को समझना, आपको एक अधिक सुविज्ञ निर्णय लेने में मदद कर सकता है।  अधिक पढ़ें

रिटायर्ड लोगों का म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना समझदारी है?

आम तौर पर सेवानिवृत्त व्यक्ति का अपना निवेश और बचत बैंक FDs, PPFs, स्वर्ण, अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) बीमा, पेंशन योजना आदि में सुरक्षित रहता है| आवश्यकता के समय इन्हें तुरंत धनराशि में परिवर्तित करना मुश्किल होता है| चिकित्सा या किसी और तरह के आपातकाल स्थिति में ये अनुचित तनाव की सृष्टि करता है| म्यूच्यूअल फंड्स सेवानिवृत्त  लोगों को ज़रुरत के मुताबिक तरलता का विकल्प देते हैं, इन्हें भुनाना आसा अधिक पढ़ें

मैं अपने निवेशों पर नियमित रूप से कैसे निगरानी रख सकता/सकती हूँ?

निवेशक अक्सर सोचते हैं कि अपने निवेश की प्रगति की निगरानी कैसे करें। यह किसी क्रिकेट मैच में एक लक्ष्य का पीछा करने जैसा है। किसी क्रिकेट मैच में बाद में बैटिंग करने वाली टीम को समीकरण पता होता है- कितने रन, कितने विकेट और कितने ओवर। अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए निवेश करने के लिए भी कुछ ऐसा ही होता है। वित्तीय लक्ष्यों को टारगेट स्कोर मानिए- अधिक पढ़ें

क्या छोटे निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड्स एक आदर्श निवेश है?

हाँ! छोटी बचत या छोटी शुरुआत वाले निवेशक के लिए भी म्यूचुअल फंड आदर्श निवेश साधन सिद्ध होते हैं। लगभग हर व्यक्ति जिसका एक बचत बैंक (एसबी) खाता है, म्यूचुअल फंड स्‍कीमों में निवेश करना शुरू कर सकता है। हर महीने ₹ 500* तक की राशि के साथ भी, म्युचुअल फंड नियमित निवेश की आदत को बढ़ावा देते हैं। अधिक पढ़ें

स्टेप अप SIP क्या है?

आप कितना निवेश कर सकते हैं, यह अक्सर आपकी आय, आपके व्यक्तिगत जीवन में आपकी स्थिति, और आपके मासिक खर्चों में होने वाले बदलावों पर निर्भर करता है। महंगाई के साथ बने रहने और अपने लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आपके निवेश भी बढ़ें।   अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के कौनसे अलग-अलग तरीके हैं?

म्यूच्यूअल फंड स्कीम में निवेश आरम्भ करने के कई तरीके हैं| निवेशक आवेदन पत्र को विधिवत पूर्ण कर, एक चेक या बैंक ड्राफ्ट के साथ शाखा दफ्तर या नामांकित इन्वेस्टर सर्विस सेंटर्स (ISC) जो म्यूच्यूअल फंड्स के होते हैं, के पास या म्यूच्यूअल फंड्स के ही रजिस्ट्रार और ट्रान्सफर एजेंट्स के पास दाखिल कर, निवेश आरम्भ कर सकते हैं| अधिक पढ़ें

निवेश करना बचत करने से बेहतर क्यों है?

कल्पना करें एक ५० ओवर के मैच में # ६ बल्लेबाज़ बल्लेबाज़ी करने ५ वें ओवर में ही आता है| उसका काम पहले सुनिश्चित करना है कि अपना विकेट न गँवाए और फिर रन बनाने में ध्यान केन्द्रित करे|   अधिक पढ़ें

सिर्फ ₹ 500 से शुरुआत कर सकते हैं!

आप हर माह केवल ₹.500 से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं! लोगों को लगता है कि अर्थपूर्ण लाभ के लिए, म्यूचुअल फंड में बड़ी राशि का निवेश जरूरी है। दरअसल आप ₹. 500 प्रति माह की छोटी सी राशि के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं और अपनी आय के बढ़ने के साथ-साथ अपने निवेश को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में मेरे निवेश के प्रमाण स्वरुप कौन से दस्तावेज़ मुहैया कराए जाते हैं?

एक बार म्यूच्यूअल फंड योजना में निवेश के पश्चात् सारे विवरण जैसे लेन-देन की तिथि, निवेशित राशि, यूनिट / इकाइयों का खरीद मूल्य और कितने यूनिट्स / इकाई आपको आवंटित हुए, आपको खाता विवरण द्वारा प्राप्त हो जाता है| अधिक पढ़ें

क्या मै ₹. 500 से शुरु करके इसे बढ़ा सकता हूँ?

हाँ, आप ऐसा कर सकते हैं। संपत्ति निर्माण का लोकप्रिय निवेश सिद्धांत ‘जल्दी शुरु करें।,नियमित निवेश करें, दीर्घ अवधि के लिए निवेश करें’ है। चाहे निवेश रु. 500 का ही हो, यात्रा शुरु करना महत्वपूर्ण है। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड की योजनाओं में निवेश करना कैसे शुरू करें?

अब म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति अतिरिक्त दस्तावेज़ों के बिना कई फंड्स में निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना KYC पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक् अधिक पढ़ें

क्या एनआरआई(NRI) भारत में म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं?

हाँ, प्रवासी भारतीय, NRI और भारतीय मूल का निवासी (PIO) भारतीय म्यूच्यूअल फंड्स में पूर्ण प्रत्यावर्तन या गैर प्रत्यावर्तन के आधार पर निवेश कर सकता है| अधिक पढ़ें

एसआईपी (सिप/SIP) क्या है?

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित एक ऐसा निवेश का जरिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल में म्यूच्यूअल फंड्स के किसी स्कीम में – जैसे मासिक या त्रैमासिक, बजाय एक मुश्त रकम की अदायगी के, निवेश कर सकता है| यह किश्त ५०० रुपये प्रति माह की मामूली रकम भी हो सकती है जो बहुत कुछ रेकरिंग डिपाजिट (आवर्ती जमा) से मिलती-जुलती है| ये इसलिए अधिक पढ़ें

कैसे चुनूँ कि एसआईपी(SIP) करूँ या एकमुश्त?

SIP बनाम एकमुश्त (एक बार) निवेश? ये सर्वथा इस बात पर निर्भर है कि आप अपने लक्ष्य, निवेश हेतु सोची गयी राशि और म्यूच्यूअल फंड्स की पद्धति, इन तीनों से भली भाँति अवगत हैं| अगर आप पर्याप्त पूँजी संचय और लक्ष्य प्राप्ति के लिए नियमित निवेश के पक्षधर हैं, आप SIP के ज़रिये उपयुक्त इक्विटी योजना में अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड्स काफी समय से मौजूद हैं?

दुनिया में विभिन्न पारंपरिक प्रारूपों में काफी समय से सामूहिक तथा एकीकृत निवेश मौजूद हैं।  म्यूचुअल फंड, जैसा कि हम जानते हैं, 1924 में मेसाचुएट्स इन्वेस्टर्स ट्रस्ट के निर्माण के साथ अस्तित्व में आए।   म्यूचुअल फंड उद्योग की वृद्धि के साथ तीन व्यापक रुझान शामिल थे: अधिक पढ़ें

एसआईपी(SIP) को शुरू/बंद कैसे करें? एक किश्त भरना चूक जाने पर क्या होगा?

किसी भी म्यूच्यूअल फंड में निवेश से पहले आपको KYC की प्रक्रिया पूरी करनी होती है| यह नाम और पते के सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेजों के जमा होने से पूरी होती है| SIP के आरम्भ और ख़त्म करने की प्रक्रिया अत्यंत सरल एवं आसान है| SIP आरम्भ करने की प्र अधिक पढ़ें

तो क्या मैं अपनी 8 महीने बाद की छुट्टियों के लिए, अभी निवेश कर सकता/सकती हूँ?

म्यूचुअल फंड (MF) निवेश के आर्टिकल आमतौर पर लंबी अवधि के गोल को पूरा करने की बात करते हैं। इसलिए बेशक, निवेशक मानते हैं कि म्यूचुअल फंड कम अवधि के लक्ष्यों को पाने में मदद नहीं कर सकते हैं। आइए इस अफवाह को ट्रैवल जंकी (सफ़र करने के दीवाने), रमेश के उदाहरण से खत्म करते हैं। अधिक पढ़ें

मैं एक कंपनी के फंड से दूसरी कंपनी के फंड में कैसे स्विच करूँ?

निवेशक बेहतर वित्तीय योजना बनाने की खातिर एक ही फंड हाउस के एक खुले स्कीम से दूसरे स्कीम में स्विच करते रहते हैं| एक ही फंड हाउस में स्विच करने के लिए मूल स्कीम से जिस स्कीम में स्विच करना है, उस स्कीम का नाम और जितनी इकाईओं को या रकम को स्विच करना है, स्विच फॉर्म में ये सारी जानकारी भर दें| अधिक पढ़ें

क्या मैं म्यूचुअल फंड की एक स्कीम से दूसरी में निवेश को स्विच कर सकता/सकती हूँ?

जब कभी आप म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते हैं, तो प्लान (नियमित/प्रत्यक्ष), विकल्प (ग्रोथ/डिविडेंड) या एक ही फंड हाउस में स्कीम बदलने को बिक्री (रिडेंप्शन) माना जाएगा। चूंकि किसी भी तरह का बदलाव संभव है, लेकिन रिडेंप्शन (बीच में पैसा निकालना) की तरह ही इन बदलावों पर एक्जिट लोड और कैपिटल ग अधिक पढ़ें

गोल्ड फंड में क्यों निवेश करें जब गोल्ड में निवेश कर सकते हैं तो?

गोल्ड ETF वह एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है जो घरेलु भौतिक गोल्ड (स्वर्ण) के मूल्य पर निगरानी रखती है| ये निष्क्रिय निवेश उपकरण हैं जो स्वर्ण के मूल्यों पर आधारित हैं और गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं| भारत में, स्वर्ण आम तौर पर आभूषणों के रूप में धरण किये जाते हैं, जिसका एक बनायी और अपव्यय कारक होता है (बिल मूल्य के १०% से भी ज्यादा) गोल्ड फंड में निवेश में इन कारकों का अस्तित्व नहीं होता| अधिक पढ़ें

आपकी पसंद के हिसाब से लॉन्ग और शॉर्ट टर्म निवेश योजनाएं

म्यूचुअल फंड लघु अवधि के लिए आदर्श हैं या दीर्घ अवधि के लिए? "म्यूचुअल फंड, लघु अवधि के लिए अच्छे बचत साधन हो सकते हैं।" “अपने म्यूचुअल फंड निवेशों को लेकर आपका धैर्यवान होना ज़रूरी है। परिणाम देने में समय लगता है।” अधिक पढ़ें

पांच वर्षीय अवधि के लिए बेहतरीन म्यूचुअल योजनाएं कौन सी हैं?

ये सर्वप्रथम जान लिया जाए, उपरोक्त प्रश्न का सटीक उत्तर क्या होगा| निवेशकों के साथ पारस्परिक विचार–विमर्श के बाद हमने ये अनुभव किया कि ज़्यादातर मामलों में, एक दबी-छुपी अनभिव्यक्त ज़रुरत है ये मालूम करने की कि एक निश्चित अवधि में, किस योजना के अंतर्गत किया गया निवेश सर्वाधिक लाभदायक सिद्ध होगा| अधिक पढ़ें

निवेश आरम्भ करने के बाद भी क्या मैं निवेश की अवधि में फेर – बदल कर सकता/सकती हूँ?

SIP के ज़रिये म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश निवेशक को बहुत लचीलापन प्रदान करते हैं|  निवेशक निवेशित राशि पर, अवधिकाल पर और निवेश की आवृत्ति पर (साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक आदि) अपनी पकड़ जमाये रख सकता है| एक बार SIP आरम्भ करने पर, क्या आप अपने शुरुआती चुनाव का, अवधि के अंत तक पालन करने को बाध्य या वचनबद्ध होते हैं? अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड, निवेशक के फंड्स के एसेट एलोकेशन को बदल सकता है?

एक म्यूच्यूअल फंड स्कीम इनफार्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के तहत विविध परिसंपत्ति वर्ग में निवेश करता है| आम तौर पर किसी योजना/स्कीम के प्रस्तावित परिसंपत्ति आवंटन के उदाहरण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं: एक इक्विटी फंड ८०% से १००% इक्विटी फंड में निवेश कर सकता है| अधिक पढ़ें

लिक्विड फंड्स क्या होते हैं?

विडियो देखने के बाद जो बात गौर तलब है वो यह कि सभी स्थितियों में छोटी अवधि के लिए रकम निष्क्रिय पड़ी है| कुछ हालातों में, ठीक किस वक़्त रकम निकालना है, इसकी जानकारी नहीं होती| एक निवेशक भला क्या करे? रकम को कहाँ रखा जाए? अधिक पढ़ें

सिस्टेमैटिक विड्रॉल प्लान (एसडब्ल्यूपी/SWP) क्या होता है?

नियमित आय की दृष्टि से कुछ लोग म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करते हैं और लाभांश प्राप्ति के विकल्प पर भी नज़र होती है| चुनांचे, बहुधा ऐसी योजनायें, खासकर डेब्ट से ताल्लुक रखने वाली, आपको मासिक या त्रैमासिक लाभांश का विकल्प देती है| ये जान लेना ज़रूरी है कि ये लाभांश योजनाओं से मिली वृद्धि से ही वितरित किए जाते हैं जिनकी हर महीने कोई गारंटी नहीं है, यद्यपि समरूप लाभांश की, फंड गृह की हमेशा कोशिश रह अधिक पढ़ें

IDCW योजनाएं: म्यूचुअल फंड्स में आय और पूंजी वितरण को सरल बनाना

1 अप्रैल 2021 से, सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने डिविडेंड विकल्प का नाम बदलकर IDCW विकल्प कर दिया है। IDCW का मतलब है आय वितरण एवं पूंजी निकासी। इस विकल्प में आपके पूंजी और योजना के तहत अर्जित आय का एक हिस्सा आपको डिविडेंड के रूप में वापस दिया जाता है, यानी आपके निवेश का एक हिस्सा आपको लौटाया जाता है।  आय वितरण एवं पूंजी निकासी (IDCW) कैसे काम करता है:  अधिक पढ़ें

डेट फंड्स कितने प्रकार के होते हैं?

डेब्ट फंड उन निवेशकों के लिए हैं जो पूंजी की सुरक्षा चाहते हैं या निवेश से नियमित आय चाहते हैं और/या छोटी अवधियों के लिए धन को रखना चाहते हैं।  डेब्ट फंड भी कई प्रकार के होते हैं। अधिक पढ़ें

क्या विभिन्न प्रकार के इक्विटी फंड उपलब्ध हैं?

निवेशकों की भिन्न-भिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के इक्विटी फंड की जरूरत होती है। इन सभी का व्यापक उद्देश्य लंबी अवधि में लाभ पैदा करना होता है। अधिक पढ़ें

डायरेक्ट योजना/रेगुलर योजना क्या है?

सब म्यूच्यूअल फंड स्कीमें योजनाओं में दो विकल्प प्रदान करती हैं- प्रत्यक्ष और नियमित| प्रत्यक्ष योजना में, निवेशक AMC के साथ सीधे निवेश करता है जिसमें लेन-देन की प्रक्रिया में कोई वितरक शामिल नहीं होता| नियमित योजना में, निवेशक किसी मध्यस्थ जैसे वितरक, ब्रोकर या बैंकर की मदद से निवेश करता है और इन्हें AMC वितरण शुल्क देती है, जो योजना पर आवेशित कर दिया जाता है| अधिक पढ़ें

क्या कोई एक म्यूचुअल फंड योजना से कई एसेट क्लास में निवेश कर सकता/सकती है?

एकल परिसंपत्ति श्रेणी में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड योजनाएं विशेषज्ञ बॉलर या बैट्समैन जैसी होती हैं। जहां पर कुछ अन्य योजनाएं जिनको हाइब्रिड फंड कहते हैं, एक से अधिक परिसंपत्ति श्रेणियों में निवेश करते हैं जैसे कुछ इक्विटी व डेब्ट दोनो में निवेश करते हैं । कुछ लोग इक्विटी और डेब्ट के अलावा सोने में निवेश कर सकते हैं। अधिक पढ़ें

इक्विटी फंड्स क्या होते हैं?

इक्विटी फंड म्यूच्यूअल फंड की वो स्कीम है, जो खासकर शेयर्स/कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करती है| इन्हें ग्रोथ फंड (वृद्धि फंड) भी कहते हैं| इक्विटी फंड्स सक्रिय या निष्क्रिय होते हैं| सक्रिय फंड में, फंड मेनेजर बाज़ार की जांच कर, कंपनियों पर शोध कर उनके प्रदर्शन को परख, सबसे बेहतर विकल्पों को चुनता है| अधिक पढ़ें

डेब्ट फंड्स क्या होते हैं?

डेब्ट फंड ऐसा म्यूच्यूअल फंड स्कीम है जो निश्चित आय उपकरणों में निवेश करता है, जैसे कॉर्पोरेट और सरकारी बांड, कॉर्पोरेट डेब्ट सिक्योरिटीज और मुद्रा बाज़ार उपकरण आदि जो पूँजी में मूल्य वृद्धि प्रस्तावित करते हैं| डेब्ट फंड्स, आय फंड और बांड फंड के नाम से भी जाने जाते हैं| अधिक पढ़ें

एसेट क्लास के अलावा म्यूचुअल फंड्स योजनाओं को और किस तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है ?

विविधता जीवन का स्वाद है। । कुछ विविधता बस इसलिए होती है कि परिस्थिति को इसकी जरूरत होती है। तो जब आप खाना खाते हैं, आपको संतुलन बनाना होता है। आहार शरीर की कुछ जरूरी पोषण देते हैं: आपको ऊर्जा चाहिए, आपको सहनशक्ति की जरूरत है, आपको ताकत की आवश्यकता है, आपको अच्छी नज़र की जरूरत है - आपको यह सब आहार से मिलने वाले महत्वपूर्ण पोषकों वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन आदि से हासिल होता है। साथ ही अधिक पढ़ें

हाइब्रिड फंड क्या होता है?

हमारे भोजन का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे पास वक़्त कितना है, प्रयोजन क्या है और हमारा मिज़ाज कैसा है| अगर जल्दबाज़ी में हैं जैसे दफ्तर में या बस या रेल यात्रा के पहले, तो संमिश्रन भोजन/कॉम्बो मील सही होगा और यदि ऐसा कोई चर्चित/लोकप्रिय मील हम जानते हैं, हम बिना मेनू देखे उसे ले लेंगे| फुर्सत से किये गए भोजन में मेनू से हम अपने मर्ज़ी और चाहत से कई तरह के व्यंजन शामिल करते हैं| अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड में ब्याज की दर क्या होती है?

 जगत में मुफ्त कुछ भी नहीं है| हर वो शय या सेवा जिसका हम प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से  उपभोग करते हैं, उसका भुगतान करते हैं| उदाहरण स्वरुप, एक पार्किंग की जगह का एक निश्चित समयावधि के उपभोग के एवज में शुल्क दिया जाता है| कूरियर से सामान भेजते वक़्त सामान के वज़न का और प्राप्तकर्ता तक तयशुदा दूरी का, एक निश्चित शुल्क देना पड़ता है| जब आप किसी से उधार लेते हैं, देनदार आपसे उधार की निश्चित राशि और समया अधिक पढ़ें

यदि मैं समय से पहले पैसे विड्रॉ कर लूँ तो क्या पेनल्टी लगेगी?

प्रत्येक ओपन एंडेड योजना लगभग पूरी स्वतंत्रता के साथ तरलता का प्रस्ताव करती है, अर्थात रिडम्पशन के लिए समय या राशि पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है। हालांकि, कुछ योजनाएं समय से पहले निकासी भार हो सकता है। अधिक पढ़ें

डायरेक्ट प्लान रेगुलर प्लान से अलग कैसे है?

मान लीजिए आप छुट्टियों में मालदीव जाने का प्लान कर रहे हैं और आपको उस जगह के बारे में ज़्यादा पता नहीं है। आप अपनी ट्रिप कैसे प्लान करेंगे? अधिक पढ़ें

इंडेक्स फंड्स की सीमाएं क्या हैं?

अपनी निष्क्रिय प्रबंधन शैली की वजह से इंडेक्स फंड्स के तीन प्रमुख नुकसान हैं। वे बाज़ार में गिरावट का प्रबंधन करने हेतु फंड मैनेजर को लचीलापन प्रदान नहीं करते। अगर फंड द्वारा अनुकरण (नकल) किया जा रहा इंडेक्स प्रतिकूल आर्थिक या बाज़ार की स्थिति की वजह से नकारात्मक रिटर्न दे रहा है, तो एक सक्रिय फंड मैनेजर के पास बेहतर ढंग से गिरावट का प्रबंधन करने के लिए शेयरों का च अधिक पढ़ें

ईटीएफ़(ETF) में निवेश करने के जोखिम क्या हैं?

ETFs कम लागत में डाइवर्सिफिकेशन के मुनाफ़े देते हैं। इन मुनाफों के बावजूद, हर किसी को ऐसे निवेश में शामिल जोखिमों पर ध्यान देना चाहिए। पहली बात, मार्केट में कई तरह के ETFs मौजूद हैं जिनमें अंतर्राष्ट्रीय और असाधारण ETFs शामिल हैं। इसलिए इन ETFs से जुड़े राजनैतिक जोखिम या लिक्विडिटी के जोखिम से बचने के लिए आपकी ज़रूरत के मुताबिक सही ETF चुनना महत्वपूर्ण है। ETFs की बुनियादी होल्डिंग्स के अनुसार उ अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड से रिटायरमेंट कॉर्पस (सेवानिवृत्ति के बाद के लिए रकम) कैसे बनाएं?

ज़्यादातर लोगों को इसका एहसास नहीं होता कि रिटायरमेंट के बाद उनकी ज़िंदगी कामकाजी ज़िंदगी जितनी ही लंबी हो सकती है और उन्हें कम से कम 25-30 साल तक और रहने के लिए बहुत ज़्यादा रकम की ज़रूरत होगी। उचित वित्तीय योजना के बिना, हो सकता है सभी खर्चों और आपातकालीन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आपकी बचत पर्याप्त न हो। लेकिन रिटायरमेंट के बाद 25-30 साल तक अपनी ज़िंदगी बिताने के लिए आप रकम कैसे बना सकते ह अधिक पढ़ें

मल्टी कैप फंड्स क्या होते हैं?

क्या आपने कभी म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी ढूंढते हुए XYZ मल्टी कैप फंड जैसे फंड के नाम देखे हैं और सोचा है कि ये ज़्यादा मशहूर लार्ज-कैप फंड से अलग कैसे हैं? जैसा नाम से ही पता चलता है, एक मल्टीकैप फंड लार्ज, मिड और स्मॉल कैप वाली कंपनियों में निवेश करता है और इस प्रकार अपने पोर्टफोलियो में मार्केट कैप में डाइवर्सिफिकेशन दिखाता है। अधिक पढ़ें

7 कारण रिटायरमेंट प्लानिंग जल्दी क्यों शुरू करनी चाहिए

जल्दी रिटायरमेंट की योजना बनाना एक घर बनाने की तरह है। रिटायरमेंट प्लानिंग सफल हो, इसके लिए ठोस वित्तीय आधार एक घर के लिए ठोस वित्तीय आधार जितना ही महत्वपूर्ण होता है। अधिक पढ़ें

भारत में म्यूचुअल फंड्स को कौन नियंत्रित करता है?

म्यूचुअल फंड्स आजकल का पसंदीदा निवेश विकल्प है। इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि भारत में म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री को कौन नियंत्रित करता है। भारत में म्यूचुअल फ़ंड के सभी पहलुओं को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड या सेबी नियंत्रित करता है। इसने म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री में स्पष्टता, निष्पक्षता और निवेशक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम और कानून बनाए हैं। अधिक पढ़ें

किसी को म्यूचुअल फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए?

लोगों को म्यूचुअल फंड में नहीं बल्कि उनके माध्यम से निवेश करना चाहिए। इसे समझने के लिए, हम अपनी जरूरतों के अनुसार विभिन्न निवेश मार्गों में निवेश करते हैं जैसे पूंजी वृद्धि के लिए हम इक्विटी शेयरों में निवेश करते हैं, पूंजी सुरक्षा व नियमित आय के लिए हम नियत आय उत्पादों में निवेश करते हैं। अधिक पढ़ें

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है?

पूरी तरह से स्कीम के पोर्टफोलियो से जुड़ी निवेश गतिविधियों से म्यूचुअल फंड को होने वाले लाभ में से डिविडेंड का भुगतान किया जाता है और ट्रस्टी के निर्णय के अनुसार ऐसा किया जाता है। अगर गिरते हुए बाज़ार में स्कीम को नुकसान होता है, तो ट्रस्टी डिविडेंड का भुगतान करने की घोषणा न करने का निर्णय ले सकते हैं। चूँकि डिविडेंड एक लाभ या आय होती है, इसलिए उसे कराधीन माना जाता है और डिविडेंड लगने वाले टैक् अधिक पढ़ें

किसी को किन्हीं दो स्कीम्स के प्रदर्शन की तुलना कैसे करनी चाहिए

जब आप कार खरीदना चाहते हैं, तब आप मॉडल्स को कैसे शॉर्टलिस्ट करते हैं? क्या आप पहले सबसे नए मॉडल्स को चुनते हैं या कार की किस्म तय करते हैं? अगर आप अभी भी अनिश्चित हैं, तो किसी डीलर के पास जाएं और आपसे पूछा जाने वाला पहला सवाल यह होगा कि आप किस तरह की कार चाहते हैं, उदाहरण के लिए SUV, हैचबैक, सेडान?  अधिक पढ़ें

गोल्ड ईटीएफ (ETFs) और गोल्ड फंड के फायदे

गोल्ड ETF 99.5% शुद्धता वाले गोल्ड बुलियन (सोने की ईंट) में निवेश करते हैं जो भौतिक धातु में निवेश करने के समान है। अगर आप लंबी-अवधि के लिए सोना एकत्रित करने के बारे में सोच रहे हैं, तो भौतिक रूप में उसे रखने या गोल्ड फंड में निवेश करने के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश करना ज़्यादा समझदारी वाला विकल्प है।    अधिक पढ़ें

इंडेक्स फंड्स दूसरे म्यूचुअल फंड्स से कैसे अलग होते हैं?

म्यूचुअल फंड्स और इंडेक्स फंड्स कई शेयरों में निवेश करके विविधता प्रदान करते हैं। यद्यपि म्यूचुअल फंड्स में उनके कथित निवेश के उद्देश्य के अनुरूप रिटर्न जनरेट करने के लिए शेयरों का चुनाव करने का लचीलापन होता है, वहीं इंडेक्स फंड्स किसी विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। इसलिए इंडेक्स फंड्स उन्हीं शेयरों में निवेश अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?

दातर लोग रिटायरमेंट के करीब आने तक अपने रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोचते। पूरी ज़िंदगी एक के बाद दूसरी ज़रूरतों को पूरा करने में खर्च हो जाती है, गाड़ी खरीदने से लेकर, घर खरीदने, परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की पढाई से लेकर उनकी शादी तक। जब ये ज़िम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं, हम रिटायरमेंट जो कि बस आने ही वाला है, के लिए कितने पैसे बचे हैं देखना शुरू कर देते हैं। इसी समय लोग अपने जीवन भर की बचत को क अधिक पढ़ें

डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करना चाहिए

कुछ लोगों को म्यूचुअल फंड्स आसान लग सकते हैं जबकि दूसरों को उन्हें समझना मुश्किल लग सकता है। हो सकता है नए निवेशक पूरी तरह यह न समझ सकें कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है और वह किस किस्म के जोखिमों का सामना करता है। चूँकि आज बाज़ार में हज़ारों म्यूचुअल फंड स्कीम्स उपलब्ध हैं, इसलिए उन निवेशकों को ऐसे कुछ फंड्स चुनने में मुश्किल हो सकती है जो उ अधिक पढ़ें

मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है?

अगर आप सोच रहे हैं कि मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड क्या होते हैं, तो आप अक्टूबर 2017 में जारी हुआ SEBI का प्रोडक्ट कैटिगराइजेशन सर्कुलर देख सकते हैं जो जून 2018 में लागू हुआ था। इस सर्कुलर ने मल्टीकैप फंड्स को अपने एसेट का 65% लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप के शेयरों में इक अधिक पढ़ें

लॉक-इन अवधि का क्या मतलब होता है?

कुछ टाइप के म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो आपके निवेश पर 'लॉक-इन अवधि' लगाते हैं। इनमें इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS), डेट फंड्स के फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स (FMP) और क्लोज्ड एंडेड म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं। लॉक-इन अवधि वह न्यूनतम अवधि होती है जिसके लिए निवेशकों को निवेशित रहना चाहिए। निवेशक उस अवधि में म्यूचुअल फंड यूनिट्स को ना तो रीडीम कर सकते हैं ना ही बेच अधिक पढ़ें

भारत में म्यूचुअल फंड्स का विस्तृत इतिहास

म्यूचुअल फंड्स उन निवेशकों से धन जुटाते हैं, जो एक समान निवेश उद्देश्य रखते हैं। इस संचित धन को फिर बांड्स, स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज़ जैसे डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) द्वारा निवेश किया जाता है। AMC का उद्देश्य, जोखिम और लाभ को प्रबंधित करते हुए, निवेशकों के लिए मुनाफा उत्पन्न करना है। लेकिन म्यूचुअल फंड्स का इतिहास क्या है?   अधिक पढ़ें

अगर दो से ज़्यादा किश्तें भरना चूक जाएं, तो म्यूचुअल फंड्स क्या करेंगे?

म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश आप नियमित निवेश या फिर एक मुश्त निवेश के ज़रिये कर सकते हैं| पहले विकल्प में निवेश की प्रायिकता आप स्वयं निर्धारित कर सकते हैं| SIP की सहायता से आप दैनिक/ साप्ताहिक/ मासिक की प्रायिकता का चुनाव कर निवेश को स्वचालित कर सकते हैं| अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) स्कीम्स से कैसे अलग हैं?

हालांकि म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) दोनों ही पेशेवर फंड मैनेजर्स के द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले एक पूल्ड इंवेस्टमेंट व्हीकल के माध्यम से निवेशकों को शेयर और बॉन्ड्स में अपना पैसा निवेश करने की सुविधा देते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग निवेश विकल्प हैं और इनके उद्देश्य भिन्न हैं तथा ये दोनों दो अलग-अलग तरह के निवेशकों के लिए हैं। अधिक पढ़ें

CAS/सीएएस (कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट) क्या होता है?

जैसे किसी स्कूल की रिपोर्ट कार्ड, अकादमिक वर्ष के दौरान अलग-अलग शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने वाले विभिन्न विषयों की अलग-अलग परीक्षाओं में किसी बच्चे के अंक दिखाती है, उसी तरह संयुक्त अकाउंट स्टेटमेंट (CAS) एक भौतिक विवरण होता है जो एक महीने के दौरान निवेशक द्वारा अलग-अलग अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड में नामांकन (नॉमिनेशन) महत्वपूर्ण क्यों है और इसके लिए क्या प्रक्रिया है?

ज़िंदगी में आपके कई लक्ष्य और सपने हो सकते हैं। उन सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आप अपनी कड़ी मेहनत की कमाई को निवेश करते हैं। आप अपने प्रियजनों को उनके सपनों को पाने में मदद करने के लिए भी निवेश कर सकते हैं – ज़िंदगी के साथ भी और ज़िंदगी के बाद भी। अधिक पढ़ें

नए निवेशक को किस फंड में निवेश करना चाहिए?

बहुत से लोग म्युचुअल फ़ंड में निवेश करना चाहते हैं ताकि लंबी समय अवधि में उन्हें दूसरी असेट क्लास की तुलना में संभावित बेहतर मुनाफा मिले, पर वे नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें। क्योंकि म्युचुअल फंड में रिस्क होता है, इसलिए ज़्यादातर संभावित निवेशक इसमें अपनी मेहनत की कमाई लगाने से घबराते हैं। वे लगातार यह पता लगाते रहते हैं कि उन्हें किस फंड अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में देरी की कीमत/कम्पाउंडिंग (चक्रवृद्धि) का प्रभाव

जब आप लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको मिलने वाली रिटर्न्स पर कम्पाउंडिंग (चक्रवृद्धि) प्रभाव होता है। हालांकि, अगर आप कुछ सालों बाद देर से निवेश करते हैं, तो आपको उसमें नुकसान होगा। कम्पाउंडिंग (चक्रवृद्ध अधिक पढ़ें

अनियमित/अनरेगुलेटेड जमा योजनाएं क्या होती हैं?

ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें भोले-भाले निवेशकों को निवेश योजनाओं में फुसलाकर शामिल किया गया है, जो बाजार में उपलब्ध योजनाओं की तुलना में बिना किसी जोखिम के ज़्यादा रिटर्न देने का वादा करती हैं। ऐसी अनियमित/अनरेगुलेटेड निवेश योजनाओं को पोंज़ी स्कीम कहा जाता है और इनमें बहुत ज़्यादा जोखिम होता है। अनियमित/अनरेगुलेटेड जमा योजनाएं किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूहों या बिज़नेस के लिए किसी कंपनी द्वारा श अधिक पढ़ें

सेक्टोरल म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

सेक्टोरल फंड्स इक्विटी म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो एक खास इंडस्ट्री, जैसे टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, एनर्जी, फाइनेंशियल सर्विसेस या किसी अन्य सेक्टर में काम करने वाले बिजनेस पर फोकस रखते हैं। वे उस सेक्टर के शेयरों में कम से कम 80% फंड्स का निवेश करते हैं, और जब सेक्टर अच्छा परफ़ॉर्म करता है तो अच्छा रिटर्न देते हैं। मगर खासतौर पर सेक्टर में निवेश करने के कारण यह निवेश अधिक जोखिम भरा होता है। अधिक पढ़ें

निवेश में देरी की कीमत

मान लीजिए कि आपके पास सर्दियों के मौसम में एयर कंडीशनर (एसी) है जोकि खराब है। आप मान लेते हैं कि फिलहाल आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी और इसकी मरम्मत न कराएं। लेकिन जब गर्मियां आती हैं और गर्मी को सहना मुश्किल हो जाता है, तो आपको एसी की मरम्मत जरूर करानी ही पड़ती है। दुर्भाग्य से, यह पीक डिमांड टाइम होता है, और मरम्मत तकनीशियन को ढूंढना मुश्किल हो जाता है। आखिरकार जब एक तकनीशियन आता है, तो वह आपको अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स के लिए कैपिटल गेन स्टेटमेंट कैसे प्राप्त करें?

म्यूचुअल फंड कैपिटल गेन/लॉस स्टेटमेंट, एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो आपको एक विशेष अवधि में हुए मुनाफ़े या नुकसानों का सारांश देता है। यह स्टेटमेंट आपके निवेशों का आंकलन करने और टैक्स फाइलिंग के लिए बेहद जरूरी जानकारी प्रदान करता है। इसमें आमतौर पर निम्नलिखित जानकारियाँ शामिल होती हैं:  अधिक पढ़ें

डीडीटी (DDT) मेरे निवेश को कैसे प्रभावित करता है?

अप्रैल 2020 से पहले, निवेशकों के पास पहुँचने पर म्यूचुअल फंड डिविडेंड टैक्स-फ्री होते थे, यानि उन्हें अपने म्यूचुअल फंड निवेश से होने वाली डिविडेंड आय पर आयकर का भुगतान नहीं करना पड़ता था। शुद्ध वितरण योग्य अधिशेष राशि का हिसाब लगाने के  लिए फंड हाउस फंड की वितरण योग्य अधिशेष राशि (लाभ) में से डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (DDT) काट लेता था। फंड में डिविडेंड ऑप्शन का चुनाव करने वाले सभी निवेशको अधिक पढ़ें

अगर मैंने अच्छी खासी बचत करके रखी है तो मुझे रिटायरमेंट प्लान करने की ज़रूरत क्यों है?

अभी आपकी वर्तमान उम्र या फिनेंशिअल हालत चाहे जो भी हो, कल क्या होगा कहा नहीं जा सकता। जब आपको कल का ही नहीं पता, तो आप कैसे यक़ीन से कह सकते हैं कि जो आपने रिटायरमेंट के लिए बचा कर रखा है वो आपके आखिरी दिन तक रहेगा ही? ज़िंदगी जीने की उम्मीद और मेडिकल कॉस्ट दोनों ही बढ़ते जा रहे हैं और आपको नहीं पता कि आपके रिटायरमेंट का दौर 10 साल चलेगा या 30 साल। अधिक पढ़ें

निवेशकों को कितने प्रकार की रिस्क प्रोफाइल में क्लासिफाई(वर्गीकृत) किया जा सकता है?

जिस तरह रिस्क के आधार पर हमारे पास म्यूचुअल फंड की अलग-अलग स्कीम्स होती हैं, ठीक उसी तरह की श्रेणियों(कैटेगरीज) में निवेशकों को उनकी रिस्क प्रोफाइल के आधार पर रखा जाता है। निवेशकों को दो फैक्टर्स(कारणों) के आधार पर अग्रेसिव, मॉडरेट और कंज़र्वेटिव रिस्क प्रोफाइल में क्लासिफाई(वर्गीकृत) किया जा सकता है। किसी निवेशक की रिस्क प्रोफाइल उसके/उसकी रिस अधिक पढ़ें

इक्विटी फंड्स में विभिन्न प्रकार के जोखिम

बाज़ार का जोखिम इक्विटी फंड्स को प्रभावित करने वाला प्राथमिक जोखिम है। पूरे शेयर बाज़ार को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारणों से सिक्योरिटीज़ के मूल्य में कमी बाज़ार का जोखिम होता है। इसलिए बाज़ार के जोखिम को प्रणालीगत जोखिम भी कहा जाता है, यानि ऐसा जोखिम जिसे डाइवर्सिफाई नहीं किया जा सकता। अधिक पढ़ें

महिलाओं के लिए आर्थिक आत्म-निर्भरता क्यों ज़रूरी है?

पिछले दो दशकों में खासकर महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के बारे में बहुत कुछ लिखा और बोला गया है। लेकिन महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का क्या मतलब है? अधिक पढ़ें

स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

स्मॉल-कैप फंड्स वे म्यूचुअल फंड योजनाएं होती हैं जो अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 65% स्मॉल-कैप कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी सिक्योरिटीज़ में निवेश करती हैं। स्मॉल कैप कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइज़ेशन आमतौर पर 100 करोड़ रुपये से कम का होता है, और बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइज़ेशन) के लिहाज से टॉप 250 कंपनियों से नीचे की होती हैं, हालांकि उनकी परिभाषा मार्केट इंटरमीडियरीज (बाजार म अधिक पढ़ें

डायनेमिक बॉन्ड फंड्स क्या हैं?

डायनेमिक बॉन्ड फ़ंड, निवेश अवधि के प्रबंधन में उनके फ्लेक्सिबिलिटी के लिए जानने जाने वाले डेट फ़ंड की कैटेगरी से जुड़े हैं। उनका प्राथमिक उद्देश्य रिटर्न बढ़ाने के अवसरों के तौर पर अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों में बदलाव का फायदा उठाना है। फ़ंड मैनेजर फ़ंड के पोर्टफोलियो में बॉन्ड की अवधि को सही से समायोजित करके, प्रचलित ब्याज दर के रुझानों का जवाब देकर इसे प्राप्त करते हैं। डायनेमिक बॉन्ड फ़ंड में बाज अधिक पढ़ें

डिविडेंड से ग्रोथ फंड में स्विच करते समय निवेशकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

कल्पना कीजिए कि आपने फ्लाई इंडिया एयरलाइंस की बंगलुरु से चेन्नई की सुबह 8 बजे की फ्लाइट बुक की है। आपको एहसास होता है आपने गलत फ्लाइट बुक की है और आपको फिर से बुक करना होगा। आपको क्या लगता है कि फ्लाई इंडिया किस तरह के चार्ज लगाएगा? आपको अपना मन बदलने की पेनल्टी चुकानी होगी फिर चाहे वही एयरलाइन हो, यात्रा की वही तारीख हो, उसी जगह जाना हो और वही यात्री हो! अधिक पढ़ें

इंडेक्स फंड्स क्या होते हैं?

इंडेक्स फंड्स ऐसे निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स होते हैं जो बाज़ार के लोकप्रिय इंडेक्सों का अनुकरण (नकल) करते हैं। फंड मैनेजर फंड का पोर्टफोलियो बनाने के लिए उद्योगों और शेयरों का चुनाव करने में सक्रिय भूमिका नहीं निभाता बल्कि केवल उन सभी शेयरों में निवेश करता है जो अनुकरण (नकल) किए जाने वाले इंडेक्स में शामिल हैं। फंड में शेयरों की हिस्सेदारी इंडेक्स में प्रत्ये अधिक पढ़ें

रिटायरमेंट के लिए फिनांशियल प्लानिंग शुरू करने की सही उम्र क्या है?

अपना रिटायरमेंट प्लान करने और निवेश करने का सबसे अच्छा समय आज और अभी से शुरू करना है चाहे आपकी उम्र और आर्थिक स्थिति जो भी हो। जितनी जल्दी आप एक गोल(लक्ष्य) के लिए निवेश करना शुरू करते हैं, आपके पैसों को बढ़ने का उतना ही समय मिलता है। मान लीजिए, आप इस वक़्त 30 साल के हैं और अगले 30 वर्षों तक के लिए मासिक 2000 रूपए की SIP शुरू करते हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में अस्थिरता से किसी को परेशान क्यों नहीं होना चाहिए?

किसी लंबी ड्राइव के दौरान, आप अपनी स्पीड के बारे में चिंता करते हैं या अपनी मंज़िल और वहाँ पहुँचने के तरीके के बारे में? अधिक पढ़ें

क्या मुझे लक्ष्य के बिना म्यूचुअल फंड्स में निवेश शुरू करना चाहिए?

म्यूचुअल फंड्स एक निर्धारित समय अवधि में आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद करते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि आपको केवल तभी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए जब आपके मन में कोई विशेष लक्ष्य हो अन्यथा नहीं? नहीं! अधिक पढ़ें

निवेश में नए ज़माने के डिजिटल ट्रेंड्स: वे कैसे काम करते हैं

टेक्नोलॉजी में तरक्की के कारण फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में कई बदलाव हुए हैं। आजकल, आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से भुगतान, खरीदारी और यहाँ तक कि निवेश भी कर सकते हैं।  अधिक पढ़ें

फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स के बारे में आपको निम्नलिखित जानकारी होना आवश्यक है।

फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स, एक ही निवेश द्वारा लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड में एक्सेस देते हैं। ये इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाएं ओपन-एंडेड हैं और अलग-अलग सेक्टर्स में अलग-अलग बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों को चुनने में फंड मैनेजर को फ्लेक्सिबिलिटी देती हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फ़ंड को कैसे रिडीम करें?

निवेश की दुनिया में, फ्लेक्सिबिलिटी ज़रूरी है, और ऐसा समय आता है जब किसी निवेशक को अपने म्यूचुअल फ़ंड होल्डिंग्स को कैश में बदलने की ज़रूरत होती है। निवेशक अपने म्यूचुअल फ़ंड होल्डिंग्स को निजी वित्तीय ज़रूरतों या निवेशक जिस मकसद के लिए निवेश कर रहा है जैसे टैक्स क्रेडिट, रिटायरमेंट आदि के लिए, बेचने का विकल्प चुन सकता है। अधिक पढ़ें

मनी मार्केट फ़ंड क्या है?

मनी मार्केट फ़ंड्स, म्युचुअल फ़ंड्स का एक ऐसा प्रकार है, जो मुख्य तौर पर उन मनी मार्केट उपकरणों में निवेश करता है, जिनकी परिपक्वता (मेच्योरिटी) 1 वर्ष या उससे कम है। मनी मार्केट का तात्पर्य उस वित्तीय बाज़ार से है, जो बहुत ही अल्पावधिक निश्चित आय उपकरणों में व्यापार करते हैं। मनी मार्केट के विशिष्ट प्रतिभागी, बैंक, संस्थागत निवेशक, कॉर्पोरेशन, अन्य वित्तीय संस्थाएं, इ अधिक पढ़ें

वित्तीय बाज़ारों में केवाईसी(KYC) को क्यों लाया गया?

KYC को प्रस्तावित करने के मुख्य कारणों में से एक था धोखाधड़ी, कर चोरी और काले धन को वैध बनाने वाले मामलों को सीमित/प्रतिबंधित करना| इनको सठीक करने के लिए ये ज़रूरी था की किसी भी लेन-देन के कारोबार का मूलस्रोत और गंतव्य मालूम किये जाएँ| यहाँ KYC को सशक्त किया गया, बैंक खाते और निवेश के क्षेत्र में इस प्रक्रिया को अनिवार्य और सख्त बनाया गया| अधिक पढ़ें

एक बेहतर विकल्प कौन सा है: ग्रोथ या डिविडेंड?

अगर कोई आपसे पूछे कि मुझे कौन सी कार खरीदनी चाहिए, एक एसयूवी या एक प्रीमियम हैचबैक, तो इस पर आप क्या सलाह देंगे? आप शायद पूछेंगे कि आपका कार खरीदने का मुख्य कारण क्या है? क्या आप अपने परिवार के साथ कहीं दूर जाना चाहते हैं या आपको शहर की सड़कों पर नियमित ड्राइविंग के लिए चाहिए? अधिक पढ़ें

निवेश करने के लिए बेहतर विकल्प कौन सा है: ETF(ईटीएफ़) या इंडेक्स फंड्स?

इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और ETF निष्क्रिय निवेश के साधन हैं जो एक अंतर्निहित बेंचमार्क इंडेक्स में निवेश करते हैं। इंडेक्स फंड्स म्यूचुअल फंड्स की तरह काम करते हैं जबकि ETF में शेयरों की तरह अधिक पढ़ें

अगर म्यूचुअल फंड जोखिम को डाइवर्सिफाई करते हैं तो उन्हें जोखिम भरा क्यों माना जाता है?

म्यूचुअल फंड्स ऐसी सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं, भले ही इक्विटी हो या डेट, बाज़ार में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ जिनके मूल्य में बदलाव होता है। यह उन्हें जोखिम भरा बनाता है क्योंकि किसी फंड की NAV उस फंड के पोर्टफोलियो में मौजूद अलग-अलग सिक्योरिटीज़ के मूल्य पर निर्भर करती है। लेकिन चूँकि म्यूचुअल फंड्स विभिन्न सेक्टरों की सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं, इसलिए उनमें बाज़ार का यह जोखिम अलग-अलग हो अधिक पढ़ें

एफ़एमपी(FMP) क्या होते हैं और मुझे उनमें निवेश क्यों करना चाहिए?

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स (FMPs) तय मैच्योरिटी अवधि वाले क्लोज़-एंडेड डेट फंड्स होते हैं जो कुछ हद तक फिक्सड डिपॉज़िट्स की तरह होते हैं। लेकिन FMPs फिक्सड डिपॉज़िट्स से अलग होते हैं क्योंकि वे मार्केटेबल डेट सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं जैसे सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपॉज़िट्स (CDs), कमर्शियल पेपर्स (CPs), दूसरे मनी मार्केट इन्स्ट्रुमेंट्स, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, प्रतिष्ठित कंपनियों के नॉन-कन्वर्टिबल डिब अधिक पढ़ें

निवेश करते समय अफवाहों से कैसे निपटें?

आप कितनी बार ऐसे परिचित लोगों से मिलते हैं जिन्होंने शेयर बाजार में अपना पैसा गंवा दिया होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि बाजार में अगले पल क्या होगा या फिर जिन्होंने पैसा कमाया क्योंकि उन्हें पता था कि बाजार कहाँ जा रहा था? अधिक पढ़ें

आपको लार्ज कैप फंड में निवेश क्यों करने पर विचार करना चाहिए?

लार्ज-कैप फंड भारत की टॉप 100 कंपनियों में उनके मार्केट कैप या बाजार पूंजीकरण के आधार पर निवेश करते हैं। जब आप इन फंड्स में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा फंड मैनेजरों काफ़ी बड़े मार्केट कैप वाली मशहूर कंपनियों में एलोकेट करते हैं। लार्ज कैप कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से जुड़े बॉन्ड्स में 80% निवेश करने के साथ, निवेशक मजबूत वित्तीय स्थिति वाली मार्केट की टॉप, स्थिर कंपनियों के एक हिस्से के अप अधिक पढ़ें

एसआईपी बनाम एसटीपी - अंतर को जानें

सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) इस मायने में बराबर हैं कि वे एक फ़िक्स्ड फ्रिक्वेन्सी पर नियमित निवेश करने में मदद करते हैं। हालांकि, उन दोनों का काम अलग-अलग होता है। हम एसआईपी और एसटीपी के बीच अंतर और दोनों को एक-एक करके समझ सकते हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड में कितने समय तक निवेशित रहना पड़ता है?

किसी निवेश मार्ग को चुनने से पहले सबसे महत्वपूर्ण विचारों में से एक अपेक्षित “समय सीमा” है, अर्थात दिन, माह या वर्षों में वह समय जिसके लिए कोई निवेशक निवेश का इरादा करता है। और यह क्यों जरूरी है? अधिक पढ़ें

डेट फंड्स का प्रदर्शन किन बातों से प्रभावित होता है?

डेट फंड्स हमारे पैसे को ब्याज देने वाली उन सिक्योरिटीज (प्रतिभूतियों), जैसे कि बॉन्ड्स और मनी मार्केट इन्स्ट्रुमेंट, में निवेश करते हैं जो नियमित ब्याज का भुगतान करने का वादा करती हैं।ये ब्याज भुगतान फंड द्वारा प्राप्त होते हैं ; जो बदले में फंड के एक निवेशक के रूप में हमें मिलने वाले कुल रिटर्न में योगदान देता है।जब बाज़ार में ब्याज दरों में परिवर्तन होता है, तो बॉन्ड्स और मनी मार्केट इन्स्ट्रु अधिक पढ़ें

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड प्लेटफ़ॉर्म्स निवेश करने के लिए कितने सुरक्षित हैं?

ऐसी कई फिनटेक कंपनियाँ हैं जो मुफ़्त या फीस लेकर डायरेक्ट म्यूचुअल फंड निवेश प्लेटफ़ॉर्म पेश करती हैं। इनमें से ज़्यादातर प्लेटफ़ॉर्म्स SEBI के साथ रजिस्टर्ड है इस लिए अच्छी तरह से विनियमित और SEBI द्वारा अनिवार्य किए गए सुरक्षा एवं गोपनीयता दिशानिर्देशों द्वारा नियंत्रित हैं। आजकल तो फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी हैक किया जा सकता है और वैसे ही म्यूचुअल फंड के प्लेटफॉर्म को भी। हालांकि, इसकी संभ अधिक पढ़ें

ओवरनाइट फंड्स क्या होते हैं?

ओवरनाइट फंड्स सभी म्यूचुअल फंड्स में सबसे सुरक्षित माने जाते हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड्स में नए हैं, और पूरी तरह से आगे बढ़ने से पहले उन्हें आज़माना चाहते हैं, तो ओवरनाइट फंड्स आपके लिए हैं।  अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के बीच कैसे चुनें?

जब आप डिस्ट्रिब्यूटर जैसे किसी मध्यस्थ के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं। मध्यस्थ के माध्यम से निवेश करने के कुछ फ़ायदे होते हैं। आपका डिस्ट्रिब्यूटर आपकी छोटी और लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए उचित स्कीमों का चुनाव करने में आपकी मदद कर सकता है। अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो फ़ॉर्म भरने के अलावा, डिस्ट्रिब्यूटर KYC, SIP/SWP/STP शुरू अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने का सबसे आसान तरीका क्या है?

जैसे बैंक अकाउंट खोलने के लिए शुरुआत में कुछ कागज़ी कार्रवाई करने की ज़रूरत होती है और फिर आप आसान तरीके से उसकी सभी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना भी समान अनुभव देता है। आपके म्यूचुअल फंड के सफ़र को शुरू करने की मूलभूत आवश्यकता सत्यापन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करके आपका KYC पूरा करना है। KYC पूरा होने पर, आप किसी भी समय किसी भी म्यूचुअल फंड में कितनी भी रकम निवेश अधिक पढ़ें

SIP और म्यूचुअल फंड के बीच क्या फर्क है?

ब्रेकडाउन: म्यूचुअल फंड और SIPs म्यूचुअल फंड एक वित्तीय उत्पाद है, जबकि SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का एक तरीका होता है। जब आप निवेश के लिए SIP चुनते हैं, तब भी आप म्यूचुअल फंड योजना में ही निवेश कर रहे होते हैं। चलिए देखते हैं कि म्यूचुअल फंड्स और SIPs में निवेश करने से आपको भविष्य में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने में कैसे मदद मिल सकती है अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फ़ंड में टोटल रिटर्न इंडेक्स (टीआरआई) क्या है?

टोटल रिटर्न इंडेक्स (टीआरआई), इक्विटी इंडेक्स का आंकलन करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  किसी इंडेक्स का टोटल रिटर्न वेरिएंट (टीआरआई) उन सभी डिविडेंड/ब्याज भुगतानों को ध्यान में रखता है, जो कैपिटल गेन के अलावा इंडेक्स बनाने वाले घटकों से पैदा होते हैं। इसलिए, टीआरआई एक बेंचमार्क के रूप में म्यूचुअल फ़ंड स्कीम के मुक़ाबले ज़्यादा सही है। अधिक पढ़ें

इक्विटी और डेट फंड में क्या अंतर है?

“क्या सारे म्यूच्यूअल फंड एक से नहीं हैं? आखिरकार, म्यूच्यूअल फंड ही तो हैं, नहीं?” गोकुल का प्रश्न है| उसका मित्र जो म्यूच्यूअल फंड वितरक है, मुस्कुरा देता है| ऐसे जुमलों से उसका बहुत बार वास्ता पड़ चुका है| अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड्स में ऑनलाइन निवेश करना सुरक्षित है?

आपको अपना पहला हवाई जहाज़ उड़ान का अनुभव याद है? क्या एक अजीब मतली सा अनुभव, एक घबराहट सी नहीं हुई थी? जहाज़ जब आसमान में ३०,००० फुट  की ऊंचाई पर पहुँचा, आप कुर्सी की पेटी कसे हुए, एक काबिल विमान चालाक और मैत्रीपूर्ण रवैय्या लिए सहायक कर्मचारियों के हवाले खुद को कर आश्वस्त नहीं हो गए थे? अधिक पढ़ें

डेट फंड में शामिल रिस्क को जानें

आपने अपने दोस्त को उसके स्टार्ट-अप के लिये 5 लाख रुपए 8% ब्याज पर उधार दिये हैं (7% के वर्तमान बैंक दर से अधिक). हालांकि, आप उसे सालों से जानते हैं लेकिन फिर भी आपने जोखिम लिया है कि शायद वो आपका पैसा समय पर नहीं लौटाए या वापस ही न दे पाये। इसके अलावा, बैंक दर बढ़कर 8.5% हो सकता है जबकि आप तो 8% पर ही अटके हुये हैं।  अधिक पढ़ें

निवेशक के स्टेटस को नाबालिग से बालिग में बदलने की प्रक्रिया क्या है?

नाबालिग व्यक्ति अपने माता-पिता/अभिभावकों के माध्यम से म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। इस मामले में नाबालिग व्यक्ति पहला और एकमात्र खाता धारक होता है और एक वास्तविक अभिभावक (पिता/माता) या कानूनी अभिभावक (अदालत की ओर से नियुक्त) उसका प्रतिनिधित्व करता है। वास्तविक अभिभावक द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया नाबालिग व्यक्ति 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर बालिग अधिक पढ़ें

इंडेक्स फंड्स और उनसे जुड़े जोखिम

इंडेक्स फंड्स पेसिव तौर पर मैनेज किए जाने वाले म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो किसी ख़ास मशहूर इंडेक्स को बस कॉपी कर लेते हैं जैसे सेंसेक्स या निफ्टी। हालांकि सक्रिय तौर पर संचालित फंडों की तुलना में इंडेक्स फंड्स में अपेक्षाकृत कम मार्केट रिस्क होता है, मगर फंड मैनेजर के पास बाजार के उतार-चढ़ाव को मैनेज करने की सीमित क्षमता होती है क्योंकि फंड के अधिक पढ़ें

आपको ESG फंड्स के बारे में निम्नलिखित बातें जाननी चाहिए

ESG का मतलब है एनवायरमेंटल, सोशल और गवर्नेंस। इस फंड के पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा एनवायरमेंट, सोशल और गवर्नेंस प्रैक्टिस के लिए असेस की गई कंपनियों के शेयर और बॉन्ड से बना है। ऐसे निवेशों में निवेश करके, आप सक्रिय रूप से लगातार विकास की ओर अग्रसर और ज़िम्मेदार व्यावसायिक आचरण को बढ़ावा देते हैं। ESG का वर्णन अधिक पढ़ें

एसआईपी के क्या फायदे हैं?

एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) से निवेशक म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते है। मुख्य रूप से, एसआईपी या व्यवस्थित निवेश योजनाएं नियमित रूप से छोटी मात्रा में निवेश करना है। एसआईपी के मुख्य लाभ हैं: अधिक पढ़ें

फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए?

एक फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंड, (म्युचुअल फंड का एक प्रकार) फंड्स के एसेट आवंटन एवं सेबी के अनुमत दिशानिर्देशों एवं सीमाओं के अनुसार कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, सरकारी बॉन्ड्स, मनी मार्केट उपकरण एवं अन्य डेट सिक्योरिटीज़ जैसे फिक्स्ड इनकम एसेट्स में निवेश करता है।  इनका उद्देश्य ब्याज एवं पूंजी की वद्धि के माध्यम से रिटर्न्स अर्जित करना है। इस फ्लेक्सिबिलिटी की वजह से यह विल्क अधिक पढ़ें

किसी स्कीम को चुनने में निवेश सलाहकार या म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर की क्या भूमिका होती है?

सामान्यतः, जब लोग स्वतः स्कीम का चयन करते हैं, उस स्कीम के प्रदर्शन को मद्देनज़र रख करते हैं| इस बात पर तवज्जो नहीं होती कि पिछले प्रदर्शन उसी तरह जारी नहीं भी रह सकते हैं| निहित गुन्वत्ताओं द्वारा जैसे स्कीम का उद्देश्य, निवेशजगत, फंड द्वारा लिए गए जोखिम आदि, स्कीम विशेष की कार्यप्रणाली को जांचने में सहायक होते हैं| इन सबके लिए निवेशक को वक़्त और कोशिश दोनों लगाने पड़ते हैं| अलावा इसके, एक निवेशक अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड के यूनिट्स रिडीम करने पर क्या खर्च आता है?

ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में कुछ समय बाद निवेशक बिना किसी खर्च के अपने यूनिट्स रिडीम कर सकते हैं। अगर कोई निवेशक इस निर्धारित अवधि से पहले अपने यूनिट्स रिडीम करना चाहता है, तो एग्ज़िट लोड लगता है। अगर निवेशक फंड में निर्दिष्ट अवधि पूरी करने से पहले अपना निवेश बेचते हैं तो म्यूचुअल फंड्स एग्ज़िट लोड लगा सकते हैं। यह छोटी अवधि के निवेशकों को ऐसे फंड्स में निवेश करने अधिक पढ़ें

ओवरनाइट फंड्स लिक्विड फंड्स से अलग कैसे होते हैं?

सारे डेट फंड्स में ओवरनाइट फंड्स अपनी समय सीमा और जोखिम प्रोफाइल के कारण लिक्विड फंड्स से एक कदम नीचे आते हैं। ओवरनाइट फंड्स अगले दिन मैच्योर होने वाली डेट सेक्यूरिटीज़ में निवेश करते हैं। लिक्विड फंड्स 91 दिनों के अंदर मैच्योर होने वाली डेट सेक्य अधिक पढ़ें

क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं?

यह एक गलत धारणा है कि डेट फंड में कोई रिस्क (जोखिम) नहीं होता क्योंकि वे इक्विटीज़ में निवेश नहीं करते। यह बात सच है कि इक्विटी फंड्स के मुकाबले डेट फंड्स में कम जोखिम होता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि डेट फंड्स आपको गारंटी देते हैं कि आपकी रकम को कभी कोई घाटा नहीं होगा। स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले इक्विटी फंड्स के मुकाबले डेट फंड्स डेट और मनी मार्केट की सिक्योरिटीज़ में निवेश करते है अधिक पढ़ें

ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन्स के बीच क्या अंतर है?

कुछ निवेशक म्यूचुअल फंड्स में इसलिए निवेश करते हैं क्योंकि वे लंबी अवधि में पैसे बनाना चाहते हैं। वे अपने करियर की शुरुआत में ही निवेश करना शुरू कर देते हैं। फिर ऐसे निवेशक होते हैं जो रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के करीब होते हैं या जिनके पास निवेश करने के लिए रिटायरमेंट की रकम होती है जो सेवानिवृत्ति के दौरान उनकी आय के स्रोतों की पूरक हो सकती है। इन दोनों विपरीत निवेश-संबंधी ज़रूरतों को पूरा कर अधिक पढ़ें

अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स के बारे में निम्नलिखित बातें जानना आपके लिए आवश्यक है।

अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स, 3 से 6 महीने की मैकाले अवधी वाली अल्पावधिक डेब्ट सेक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं। वे, बाजार जोखिमों के अधीन, कम जोख़िम को ध्यान में रखते हुए लिक्विड फंड्स से थोड़े अधिक रिटर्न्स देते हैं। उनका मुख्या उद्देश्य, अल्पावधि में रिटर्न्स उत्पन्न करना एवं बदलती ब्याज दरों की वजह से होने वाली पूंजीगत हानियों की जोखिम को कम करना है। दीर्घकालिक बॉन्ड अथवा इक्विटी फंड्स की तु अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड्स में न्यू फ़ंड ऑफ़र (एनएफ़ओ) क्या है?

म्यूचुअल फ़ंड की दुनिया में, आपने अक्सर एनएफ़ओ शब्द सुना होगा, जिसका मतलब न्यू फ़ंड ऑफ़र होता है। इसे किसी कंपनी द्वारा बाजार में कोई नया प्रॉडक्ट लॉन्च करने जैसा समझें। इस मामले में, "प्रोडक्ट" एक म्यूचुअल फ़ंड स्कीम है, और एक एनएफ़ओ किसी नई स्कीम की यूनिट को पेश करता है।   अधिक पढ़ें

NAV कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

नेट एसेट वैल्यू (NAV) म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह म्यूचुअल फंड की प्रति-यूनिट वैल्यू का प्रतिनिधित्व करता है और यह वह मूल्य है, जिस पर निवेशक म्यूचुअल फंड में प्रत्येक यूनिट खरीदते या बेचते हैं।  अधिक पढ़ें

क्या मुझे ईटीएफ़(ETF) में निवेश करना चाहिए?

ETF शेयर बाजार का अनुभव पाने के लिए सबसे कम लागत का ज़रिया है। वे लिक्विडिटी और रियल टाइम सेटलमेंट देते हैं क्योंकि वे एक्सचेंज पर लिस्टेड(सूचीबद्ध) हैं और उनमें शेयरों की तरह कारोबार होता है। ETFs कम जोखिम वाले विकल्प हैं क्योंकि वे आपके कुछ पसंदीदा शेयरों में निवेश करने के बजाय स्टॉक इंडेक्स का अनुकरण करते हैं और अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड में निवेशकों को किस तरह के रिस्क (जोख़िम) होते हैं?

म्यूचुअल फंड उन सेक्यूरिटीज़ में निवेश करते हैं जो अलग-अलग मार्केट में लेन-देन करते हैं जैसे स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड या दूसरी एसेट क्लासेस। किसी भी बिकाऊ सेक्युरिटी पर स्वाभाविक तौर पर बाज़ार (मार्केट) रिस्क का असर होता है, मतलब सेक्युरिटी की कीमत बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव के अधीन होती है। इंटरेस्ट रेट में बदलाव बॉन्ड की कीमत पर उल्टा असर डालता है और साथ ही डेट फंड के NAVs पर भी। इसलिए, डेट फंड अधिक पढ़ें

अस्थिर बाज़ार में एसआईपी(SIP) के माध्यम से निवेश करना जारी क्यों रखना चाहिए?

जब बाज़ार अस्थिर होते हैं तो कई निवेशक अपने निवेश के फैसले पर संदेह करने लगते हैं और अपनी SIPs बंद करने या अपने निवेश की रकम निकालने के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। जब आप अस्थिर बाज़ार में अपने निवेश को लाल निशान में देखते हैं तब चिंतित होना स्वाभाविक है। लेकिन ख़ास तौर पर बाज़ार में अस्थिरता के दौरान अपनी SIPs को जारी रखना समझदारी होगी क्योंकि मासिक निवेश की समान राशि के साथ आप ज़्यादा यून अधिक पढ़ें

गिल्ट फंड्स क्या होते हैं और क्या आपको इनमें निवेश करना चाहिए?

जब आप पैसा उधार देते हैं, तो यह जांच करना बेहद ज़रूरी होता है कि उधार लेने वाला कितना भरोसेमंद है। और विश्वसनीयता के मामले में कोई भी सरकार की बराबरी नहीं कर सकता है। जब आप गिल्ट फंड्स में निवेश करते हैं, तो आप निस्संदेह केंद्र या राज्य सरकार के बॉन्डस में निवेश कर रहे होते हैं। अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंडस् में ट्रेलिंग और रोलिंग रिटर्न क्या है?

म्यूचुअल फ़ंड के प्रदर्शन का मूल्यांकन, उसके रिटर्न या प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है, और म्यूचुअल फ़ंड के मूल्यांकन में इस्तेमाल किए जाने वाले दो सबसे ज़रूरी प्रदर्शन मेट्रिक्स हैं: (ए) ट्रेलिंग रिटर्न (बी) रोलिंग रिटर्न अधिक पढ़ें

SEBI को शिकायत कैसे दर्ज करें?

अगर आपको भारतीय सिक्योरिटी मार्केट से संबंधित कोई समस्या है, तो आप SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया) से संपर्क कर सकते हैं। SEBI, सूचीबद्ध कंपनियों, पंजीकृत इंटरमीडियरीज़, और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन्स से संबंधित मुद्दों और बाधाओं का समाधान करता है। वे SEBI एक्ट, 1992; सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956; डिपॉजिटरस एक्ट, 1996; और संबंधित नियमों और विनियमों के त अधिक पढ़ें

क्या किसी स्कीम की ज़्यादा या कम एनएवी(NAV) को आपके निवेश के फैसले को प्रभावित करना चाहिए?

जब आप एक ‘सामान्य’ पिज़्ज़ा के बजाय एक ‘बड़ा’ पिज़्ज़ा ऑर्डर करते हैं, तो क्या आप दोनों के स्वाद में कोई फ़र्क महसूस करते हैं? बेशक नहीं! अधिक पढ़ें

क्या मुझे म्यूचुअल फंड्स में अपनी बचत को जोख़िम में डालना चाहिए?

हर कोई बिना कोई जोखिम उठाए अच्छा मुनाफ़ा कमाना चाहता है। लेकिन क्या अपने पैसे निवेश किए बिना भी ऐसा मुनाफ़ा पाना संभव है? अधिक पढ़ें

आपको ईटीएफ़(ETF) में निवेश क्यों करना चाहिए?

अगर आप शेयरों में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपके पास  अपने पोर्टफोलियो के लिए उचित शेयरों को चुनने का समय और रिसर्च करने की क्षमता नहीं है, तो ETFs आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं! अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन के लिए कोई डैशबोर्ड है?

जब हम निवेश के बारे में सोचते हैं, तो यह पूछना स्वाभाविक है कि हम कितना रिटर्न कमाएंगे। जबकि फिक्सड डिपॉज़िट्स, और अन्य पारम्परिक बचत स्कीमों के लिए इसका सीधा जवाब है, लेकिन म्यूचुअल फंड्स के मामले में ऐसा नहीं है। पारम्परिक बचत उत्पाद रिटर्न के रेट की गारंटी देते हैं जिनसे हम परिचित हैं। इसलिए हमारी बचत को निवेश करने के लिए इनमें से किसी भी उ अधिक पढ़ें

रुपया लागत औसत क्या होता है?

जब आप शहर में वाहन चलाते हैं, तो कभी-कभी आपको सड़क खाली मिलती है और आपकी गति 80kmph तक हो सकती है जबकि अन्य जगहों पर ट्रैफ़िक या स्पीड ब्रेकर की वजह से आपको 20kmph तक अपनी रफ़्तार कम करनी पड़ती है। आख़िरकार, अंत में आपकी औसत गति 45kmph या 55kmph होती है जो इस पर निर्भर करती है कि आपको कितनी बार रफ़्तार कम करनी या बढ़ानी पड़ी। अधिक पढ़ें

इंडेक्स फंडस् में किसे निवेश करना चाहिए?

इंडेक्स फंड्स ऐसे म्यूचुअल फंड्स हैं, जिन्हें खास शेयर बाजार सूचकांकों (जैसे बीएसई सेंसेक्स, निफ्टी 50, निफ्टी मिडकैप इंडेक्स आदि) की परफॉर्मेंस ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।  इन फंड्स का लक्ष्य, एक सिक्योरिटीज़ पोर्टफोलियो रखकर खास बेंचमार्क सूचकांकों के निवेश रिटर्न को दोहराना है, जो सूचकांक के कम्पोज़िशन को बारीकी से दिखाता है। लेकिन इंडेक्स फ़ंड में किसे निवेश करना चाहिए?   अधिक पढ़ें

क्या म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए मुझे बड़ी धन राशि की जरूरत नहीं है?

लोग सोचते हैं कि म्यूचुअल फंड अभिजात्य निवेश हैं जो केवल अमीरों के लिए बने हैं। तथ्य यह है कि: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किसी व्यक्ति को बड़ी धन राशि की जरूरत नहीं है, आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के अंतर्गत रु.500 जैसी छोटी राशि से या रु.5,000 के कुल निवेश के साथ अधिकांश फंड में निवेश कर सकते है अधिक पढ़ें

ईटीएफ़(ETF) में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं?

सामान्य म्यूचुअल फंड्स की तुलना में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) कई फ़ायदे पेश करते हैं। पहली बार निवेश करने वाले उन लोगों के लिए वे निवेश का बढ़िया साधन हैं जिन्हें म्यूचुअल फंड्स में रकम गंवाने की चिंता होती है। ऐसा क्यों है? अधिक पढ़ें

क्या आपको म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करना चाहिए?

बाजार में मौजूद हज़ारों म्युचुअल फंड्स की स्कीमों में से कोई अपने पोर्टफोलियो के लिए 4-5 सबसे सही फंड्स कैसे चुनता/चुनती है?अगर आप म्यूचुअल फंड्स में नए हैं, तो डायरेक्ट प्लान के बजाय किसी सलाहकार/डिस्ट्रिब्यूटर की मदद से रेगुलर प्लान में निवेश करने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको यह जानने की ज़रूरत है कि अधिक पढ़ें

ईटीएफ़(ETF) में किसे निवेश करना चाहिए?

ETFs कम लागत में शेयर बाज़ार में पैसा निवेश करने की सुविधा देते हैं।वे लिक्विडिटी और रियल टाइम सेटलमेंट देते हैं क्योंकि वे एक्सचेंज पर लिस्ट किए जाते हैं और उनमें शेयरों की तरह कारोबार होता है। ETFs स्टॉक इंडेक्स का अनुकरण करते हैं, जिससे वे आपकी पसंद के कुछ शेयरों में निवेश के विपरीत डाइवर्सिफिकेशन पेश करते हैं। अधिक पढ़ें

किस प्रकार के इक्विटी फंड में सबसे कम और किसमें सबसे ज़्यादा जोखिम होता है?

म्युचुअल फंड्स में कैटिगराइजेशन और उनमें मौजूद पोर्टफोलियो के आधार पर कई तरह के जोखिमों की आशंका रहती है। इक्विटी म्युचुअल फंड्स में कई जोखिमों की आशंका रहती है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है बाजार जोखिम। एक कैटेगरी के तौर पर इक्विटी म्युचुअल फंड्स को 'उच्च जोखिम' निवेश उत्पाद माना जाता है। जबकि सारे इक्विटी फंड्स को बाजार जोखिमों का खतरा रहता है, जोखिम की डिग्री अलग-अलग फंड में अलग-अलग होती है और इक अधिक पढ़ें

लक्ष्य-आधारित निवेश: आपके प्रत्येक लक्ष्य के लिए एसआईपी(SIP) निवेश

हम सभी के जीवन में अलग-अलग लक्ष्य होते हैं। कभी-कभी वे तुरंत सामने आते हैं, कभी-कभी समय के साथ। उदाहरण के लिए, जब कोई काम करना शुरू करता है, तो हो सकता है कि उनके विचार में  महीने के आम खर्चों और कुछ अचानक खरीदारी के अलावा बहुत कुछ न हो। लेकिन फिर, धीरे-धीरे लक्ष्‍य सामने आने लगते हैं जैसे कि एक बाइक या कार, सप्ताह के अंत में घुमने जाना, विदेश घुमना, शादी, इत्यादि। अधिक पढ़ें

किसी म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करने के लिए आदर्श धनराशि कितनी होती है?

निवेश की शुरुआत करने के लिए आदर्श धनराशि को लेकर संभावित निवेशक के दिमाग में अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं। लोग म्यूचुअल फंड को बस एक और निवेश मार्ग के रूप में देखते हैं। क्या यह सही है? क्या म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, डिबेंचर या कंपनियों के शेयर की ही तरह निवेश का एक और साधन है? म्यूचुअल फंड निवेश का एक साधन मात्र नहीं है, बल्कि विभिन्न निवेश साधनों तक पहुंचने का एक वाहन है। अधिक पढ़ें

किसी व्यक्ति को ईटीएफ़(ETF) का चुनाव कैसे करना चाहिए?

अन्य निवेशों की ही तरह, ETF का चुनाव करना आपकी आवश्यक एसेट ऐलोकेशन, वित्तीय लक्ष्य, जोखिम की वरीयता और समय अवधि पर निर्भर करता है। ETF का चुनाव करना इस पर निर्भर करता है कि आप अपने पोर्टफोलियो में ETF को शामिल क अधिक पढ़ें

फ़ैक्ट-शीट क्या होती है?

फैक्ट-शीटसबसे विश्वसनीय गाइड होती है, एक ही बार में किसी स्कीम के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक निवेशक जिसे देख सकता है। क्या आपने देखा है किसी छात्र का मासिक रिपोर्ट कार्ड कैसा दिखता है? अधिक पढ़ें

मुझे ईएलएसएस(ELSS) में एसआईपी(SIP) के माध्यम से निवेश करना चाहिए या एकमुश्त?

ELSS में SIP के माध्यम से या एकमुश्त निवेश करने का चुनाव इस पर निर्भर करता है कि आप कब और क्यों निवेश कर रहे हैं। अगर आप वित्त वर्ष के अंत में टैक्स बचाने के बारे में सोच रहे हैं, तो एकमुश्त निवेश करना ही आपका एकमात्र विकल्प है। लेकिन अगर आप वित्त वर्ष की शुरुआत में निवेश कर रहे हैं, तो आप एकमुश्त या SIP के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। ELSS टैक्स लाभ देता है और इसमें इक्विटीज़ के बढ़ने की क्षमत अधिक पढ़ें

निवेशक को निवेश के लिए सही टाइप का इक्विटी फंड कैसे चुनना चाहिए?

अपने निवेश पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी फंड चुनना कपड़े चुनने जैसा है, मगर इस मामले में फैसला लेना ज़्यादा मुश्किल है। जिस तरह आप किसी शर्ट या ड्रेस को गौर से देखते हैं, उसकी फिटिंग कितनी अच्छी है, आरामदायक है या नहीं, क्या यह उस मौके के सही रहेगा/रहेगी या नहीं जिसके लिए आप खरीद रहे हैं, आसान शब्दों में, अपने पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड चुनने के लिए भी ऐसे ही नज़रिए की ज़रूरत होती है। अधिक पढ़ें

आर्बिट्रेज फंड्स क्या होते हैं?

आर्बिट्रेज फंड्स हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो अलग-अलग पूंजी बाजारों में एक ही अंतर्निहित एसेट के लिए क्रय-विक्रय(आर्बिट्रेज) के अवसरों का फायदा उठाना चाहते हैं। आर्बिट्रेज का मतलब है एक ही एसेट के मूल्य अंतर का लाभ उठाना, जैसे स्पॉट और फ्यूचर्स मार्केट में। अधिक पढ़ें

क्या इक्विटी और डेट फंड्स में जोखिम के अलग-अलग फ़ैक्टर्स होते हैं?

इक्विटी फंड्स कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं जबकि डेट फंड्स कंपनियों के बॉन्ड्स और मनी मार्केट इन्स्ट्रुमेंट्स (मुद्रा बाज़ार के साधनों) में निवेश करते हैं। चूँकि ये फंड्स हमारी रकम को अलग-अलग एसेट्स में निवेश करते हैं, वे अंतर्निहित एसेट क्लासेज़ (परिसंपत्ति वर्गों) पर असर करने वाले जोखिमों के कारकों से प्रभावित होत अधिक पढ़ें

ऐब्सलूट/पूर्ण रिटर्न क्या होता है?

क्या आपने लोगों को उनके रियल एस्टेट निवेश के बारे में बात करते हुए सुना है, “मैंने 2004 में 30 लाख का घर खरीदा था। आज उसकी कीमत 1.2 करोड़ हो चुकी है! 15 साल में यह 4 गुना बढ़ गया है।” यह पूर्ण रिटर्न का एक उदाहरण है। जब आप किसी निवेश के फाइनल वैल्यू की तुलना उस कीमत से करते हैं जिस पर आपने उसमें निवेश किया था, तो समय के साथ हुई वृद्धि पूर्ण रिटर्न का पैमाना है। अधिक पढ़ें

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए?

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स या इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स डाइवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ प्रदान करते हैं। इसलिए, ELSS फंड्स ऐसे किसी भी करदाता के लिए उपयुक्त हैं जो इक्विटी-संबंधी टैक्स सेविंग इन्स्ट्रुमेंट का जोखिम उठाने के लिए तैयार है। ELSS फंड्स वेतनभोगी वर्ग के लिए बेहतर हैं क्योंकि उनके पास आय का नियमित स्रोत होता है अधिक पढ़ें

किसी इक्विटी फंड में निवेश करने से पहले किन जानकारियों और जोखिम मानकों पर विचार किया जाना चाहिए?

अपने पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी फंड चुनने के लिए एक व्यवस्थित चुनाव प्रक्रिया की ज़रूरत होती है जिसमें दो फेज़ होते हैं। पहला फेज़ आपके बारे में है और यह आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूचुअल फंड की ज़रूरत या आपके वित्तीय गोल के साथ ही इसकी समय सीमा, इक्विटी फंड में निवेश के प्रकार और आपकी जोखिम लेने की क्षमता के असेसमेंट से अधिक पढ़ें

थीमैटिक फंड्स: अर्थ, ये कैसे काम करते हैं और कैसे निवेश करें?

मान लीजिए कि आप पर्यावरण की बहुत अधिक परवाह करते हैं, और एक ऐसी कंपनी में निवेश करते हैं जो पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रथाओं को नहीं मानती है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि वह आपके मूल्‍यों से मेल नहीं खाती है। इसलिए, अब आप एक ऐसे समाधान की तलाश कर रहे हैं जो न केवल आपके नैतिक मूल्यों के अनुरूप हो बल्कि संभावित लाभ अर्जित करने का अवसर भी प्रदान करता हो। अधिक पढ़ें

स्टॉक या बॉन्ड में सीधे निवेश न करके म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से निवेश क्यों करें?

स्टॉक या बॉन्ड में कभी-कभार निवेश कर सकते हैं लेकिन अपने निवेश के प्रबंधन के लिए म्यूचुअल फंड की सहायता लेना बेहतर विचार है। अधिक पढ़ें

भारत में म्यूचुअल फंड की स्वीकार्यता कितनी डाइवर्स है?

1964 में शुरु होने के बाद से म्यूचुअल फंड से प्रबंधित परिसंपत्ति का मूल्य बढ़ कर अब (31 जनवरी 2017 को) ₹17.37 लाख करोड़ हो गया है। इस प्रभावशाली वृद्धि का कारण मज़बूत भारतीय अर्थव्यवस्था, बेहतर विनियम, प्रतिष्ठित भारतीय और विदेशी संपत्ति प्रबंधक और भारतीय निवेशकों में पसंदीदा एसेट वर्ग के रूप में म्यूचुअल फंड की बढ़ती स्वीकार्यता है। अधिक पढ़ें

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तुलना में डेट फंड्स कम रिटर्न क्यों देते हैं?

म्यूचुअल फंड्स से रिटर्न्स इस पर निर्भर करते हैं कि वह किस प्रकार का निवेश करता है, और उस निवेश से किस तरह के जोखिम जुड़े हैं। केक का स्वाद समोसे से अलग होता है क्योंकि दोनों की सामग्री भिन्न होती है और उन्हें अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है। उसी प्रकार, इक्विटी और डेट फंड्स,  अपने पोर्टफोलियो की प्रतिभूतियां और उन प्रतिभूतियां द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले रिटर्न के आधार पर अलग-अलग प्रकार के रिट अधिक पढ़ें

मैं म्यूचुअल फंड्स में डायरेक्ट निवेश कैसे करूँ?

अगर आपका KYC पूरा हो चुका है तो आप म्यूचुअल फंड में सीधे ऑफलाइन या ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करने में असहज महसूस करते हैं, तो आप नज़दीकी शाखा में जाकर फंड में निवेश कर सकते हैं।   अधिक पढ़ें

सीएजीआर (CAGR) या सालाना रिटर्न क्या होता है?

कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) काफ़ी ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला रिटर्न मेट्रिक है क्योंकि यह वास्तव में किसी निवेश द्वारा कमाया गया साल-दर-साल का रिटर्न बताता है, जो पूर्ण रिटर्न के विपरीत होता है जो किसी निवेश पर रिटर्न कमाने में लगने वाले समय पर ध्यान दिए बिना पॉइंट-टू-पॉइंट रिटर्न बताता है। अधिक पढ़ें

ईएलएसएस(ELSS) में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं?

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स इक्विटी-संबंधी टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो इक्विटीज़ के बढ़ने की क्षमता पेश करने के साथ-साथ आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स की बचत करने में आपकी मदद करते हैं। इन दो फ़ायदों के अलावा, इनमें 3 साल  से कम लॉक-इन अवधि होती है जो आपको टैक्स-बचत वाले उत्पादों की श्रेणी में मिलने वाली सबसे कम लॉक-इन अवधि है। अधिक पढ़ें

लार्ज कैप और ब्लू-चिप फंड्स में क्या अंतर है?

म्यूचुअल फंड, उनके परफॉरमेंस, NAV और रैंकिंग के बारे में जानकारी ढूंढते वक़्त आपने अक्सर RST ब्लूचिप फंड या XYZ लार्ज-कैप फंड जैसे फंड के नाम देखे होंगे। 'ब्लूचिप फंड' और 'लार्ज-कैप फंड' को अदल-बदलकर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि ये दोनों उन इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को रेफर करते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में मौजूद लार्ज-कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। अधिक पढ़ें

पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के क्या फायदे हैं

"अपना सारा निवेश एक ही जगह न करें"।  निवेश करने का फैसला लेते समय रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन हासिल करना महत्वपूर्ण है। डायवर्सिफिकेशन (विविधीकरण) इस संतुलन को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति है, क्योंकि इसके द्वारा आप अपने निवेश को विभिन्न संपत्ति वर्गों और क्षेत्रों में बांट सकते हैं, जिससे किसी एक विशेष जोखिम के संबंध में आपका जोखिम कम हो जाता है। अधिक पढ़ें

दीर्घकालीन म्यूचुअल फ़ंड की रणनीति के बारे में अधिक जानें।

लंबे समय के लिए निवेश में संपत्ति को लंबे समय तक, आमतौर पर वर्षों या दशकों तक रखना शामिल होता है। यह तरीका फ़ायदेमंद है, क्योंकि यह प्रभावी रिटर्न के लिए चक्रवृद्धि का प्रभावी ढंग से उपयोग करता है, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचाता है, और अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के लिए स्थिरता देता है। अधिक पढ़ें

ग्रोथ फंड क्या है?

ग्रोथ फंड एक प्रकार की निवेश योजना है जो पूंजी वृद्धि के लिए बनाई जाती है। इसलिए, वे निवेशक जो लंबी अवधि में अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें ग्रोथ फंड एक दिलचस्प विकल्प लगता है। इस प्रकार के फंड्स आमतौर पर उन एसेट्स में निवेश करते हैं जिन्हें वृद्धि के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि इक्विटी शेयर, क्योंकि माना जाता है कि समय के साथ उनकी मूल्य में वृद्धि होगी। ग्रोथ फंड्स नियमित अंतराल पर अधिक पढ़ें

किसी व्यक्ति को किस उम्र में निवेश शुरू करना चाहिए?

अगर आप यह सोच रहे हैं कि अभी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना बहुत जल्दबाज़ी है या उसमें बहुत देर हो चुकी है, तो निश्चिंत रहें दरअसल निवेश शुरू करने की सही उम्र अभी है, वह पल जब आप निवेश करने का फैसला करते हैं। लेकिन आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, वह आपके लिए उतना बेहतर होगा क्योंकि म्यूचुअल फंड्स पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) द्वारा अधिक पढ़ें

ईटीएफ़(ETF) की सीमाएं क्या हैं?

ETF निष्क्रिय(पैसिव) निवेश के साधन होते हैं जो मुख्य इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और एक्सचेंज में शेयरों की तरह उनमें कारोबार होता है। लेकिन एक्सचेंज में किसी ब्रोकर के माध्यम से ETFs खरीदे या बेचे जाने चाहिए। ETFs में कारोबार करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है और आपको हर ट्रांज़ैक्शन के लिए ब्रोकर को कमीशन देनी होगी। अगर आप ETFs की रीयल-टाइम ट्रेडिंग का अधिक पढ़ें

म्यूचुअल फंड का ट्रैक रिकॉर्ड कैसे पता करें?

अब वो दिन नहीं रहे जब लोग अपने जीवन में बिना किसी पूर्व जानकारी के महत्वपूर्ण कदम उठाते थे, चाहे वह कार खरीदने या किसी से शादी करने की बात हो। लेकिन आज, बहुत आसानी से जानकारी उपलब्ध है। अगले भोजन के लिए क्या ऑर्डर करना है, इस तरह की छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी कुछ रिसर्च या तुलना के बाद फैसला लिया जाता है और म्यूचुअल फंड्स अधिक पढ़ें

क्या आपको नई टैक्स व्यवस्था के तहत ईएलएसएस(ELSS) में निवेश करना चाहिए?

1 अप्रैल 2020 से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था व्यक्तिगत और HUF करदाताओं को कुछ छूटों को छोड़ने पर टैक्स की कम दर और छूट प्राप्त करने पर टैक्स की अधिक दर (पुरानी टैक्स व्यवस्था) के बीच चुनाव करने का विकल्प प्रदान करती है। हो सकता है नई टैक्स व्यवस्था सभी के अनुकूल न हो। निर्णय लेने के लिए करदाताओं को पुरानी और नई व्यवस्था, दोनों के तहत होने वाली टैक्स बचत का मूल्यांकन करना होता है। अधिक पढ़ें

मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में क्या अंतर है?

अगर आप सोच रहे हैं कि क्या मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड एक ही चीज़ है, तो आपको पक्का अक्टूबर 2017 में जारी किया गया SEBI का प्रोडक्ट कैटिगराइजेशन सर्कुलर देखना चाहिए जो जून 2018 में लागू हुआ था। ये दो अलग-अलग प्रकार के इक्विटी म्यूचुअल फंड्स हैं  जो अलग-अलग तरह की कंपनियों में नि अधिक पढ़ें

ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स और क्‍लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स क्या होते हैं?

म्युचुअल फंड्स को ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स और क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स में बांटा जा सकता है। लेकिन दोनों में क्या अंतर है? आइए पता करते हैं। 1)    वे क्या हैं अधिक पढ़ें

आप अपने म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो को शुरुआत से कैसे बनाते हैं?

म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक फ्लेक्सिबल विकल्प है, क्योंकि वे परिसंपत्ति वर्ग, जोखिम, निवेश राशि और लिक्विडिटी के संदर्भ में व्यापक ऑफर करते हैं। लेकिन, शुरुआत करने वाले के लिए, म्यूचुअल फंड्स पोर्टफ़ोलियो बनाने में पहला कदम उठाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आप कुछ बुनियादी मार्गदर्शक सिद्धांतों के साथ अपने म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो को सेट कर सकते हैं।  अधिक पढ़ें

टारगेट मैच्योरिटी फंड्स क्या होते हैं?

म्यूचुअल फंड्स के प्रति बढ़ती जागरूकता और गारंटीकृत बचत उत्पादों में ब्याज दरों में कमी के साथ, जोखिम से बचने वाले कई निवेशक, जो फिक्स्ड डिपॉज़िट्स, PPF और NSC जैसे पारम्परिक उत्पादों में निवेश करते थे, कुछ अच्छे कारणों से डेट फंड्स की ओर चले गए हैं। डेट फंड्स ऐसे निवेशकों को ज़्यादा लोकप्रिय इक्विटी फंड्स की तुलना में कम अस्थिर तथा बेहतर रिटर्न देने की संभावना के साथ अपने फिक्स्ड डिपॉज़िट्स, P अधिक पढ़ें

टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं?

पिछले कुछ वर्षों में, निवेशक बेहतर टैक्स -एडजस्टेड रिटर्न की तलाश में फिक्स्ड डिपॉज़िट्स, PPF और पोस्ट ऑफ़िस सेविंग स्कीम्स जैसे पारम्परिक बचत उत्पादों को छोड़कर डेट फंड्स में जा रहे हैं। हालांकि, यह शिफ़्ट करने के दौरान रिटर्न्स की अनिश्चितता और अपनी मूल राशि गँवाने का जोखिम उन पर भारी पड़ता है। टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स (TMF) निष्क्रिय डेट फंड्स होते हैं जो FMP सहित अन्य डेट फंड्स की तुलना में अधिक पढ़ें

क्या डेट फंड्स फिक्सड डिपॉज़िट्स की तरह होते हैं?

जब आप अपनी रकम को बैंक में फिक्सड डिपॉज़ि‍ट (FD) में जमा करते हैं, तो बदले में बैंक एक निश्चित ब्याज का भुगतान करने का वादा करता है। यहाँ आप बैंक को रकम उधार देते हैं और बैंक आपकी रकम का कर्जदार होने के कारण, आपको एक निश्चित मियादी ब्याज देता है। डेट फंड्स डेट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जैसे सरका अधिक पढ़ें

टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश करने के नुकसान क्या हैं?

टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स (TMF) एक किस्म के ओपन-एंडेड डेट फंड्स होते हैं जो आपको मैच्योरिटी की निश्चित तारीख़ें प्रदान करते हैं। इन फंड्स के पोर्टफोलियो में ऐसे बॉन्ड्स होते हैं जिनकी समाप्ति तिथि फंड की लक्षित मैच्योरिटी की तारीख़ के साथ संरेखित (अलाइन) की जाती है। जबकि यह ब्याज दर के जोखिम को कम करने में मदद करता है और रिटर्न्स को ज़्यादा उम्मीद के मुताबिक बनाता है, इन फंड्स में निवेश करने से अधिक पढ़ें

डेट फंड के बारे में अधिक जानें।

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स शेयर खरीदते हैं जबकि डेट फंड्स अपने पोर्टफोलियो के लिए निश्चित आय वाली प्रतिभूतियाँ, जैसे बॉन्ड्स, खरीदते हैं। बॉन्ड्स जैसी प्रतिभूतियाँ कॉर्पोरेट्स द्वारा जारी की जाती हैं जैसे बिजली कंपनियाँ, बैंक, हाउसिंग फाइनैंस कंपनियाँ और सरकार। नई परियोजनाओं के लिए कर्ज़ लेने के बजाय वे जनता (निवेशकों) से पैसे जुटाने के लिए निर्धारित ब्याज दर वाले बॉन्ड्स जारी करत अधिक पढ़ें

टारगेट मैच्योरिटी फंड्स एफ़एमपी(FMP) से अलग कैसे होते हैं?

डेट म्यूचुअल फंड के निवेशक दो प्राथमिक जोखिमों की स्थिति का सामना करते हैं, ब्याज दर का जोखिम और क्रेडिट जोखिम| जबकि लंबी अवधि के G-Secs क्रेडिट जोखिम को अच्छी तरह से संबोधित करते हैं, उनमे उच्च ब्याज दर का जोखिम होता है| दूसरी ओर, छोटी अवधि के फंड्स या लिक्विड फंड्स ब्याज दर के जोखिम का बेहतर प्रबंधन प्रस्तुत करते हैं लेकि अधिक पढ़ें

डेट फंड्स हमारी रकम को कहाँ निवेश करते हैं?

डेट फंड्स निवेशकों से सामूहिक तौर पर एकत्रित की गई रकम को बैंकों, PSU, PFI (सार्वजनिक वित्तीय संस्थान), कॉर्पोरेट्स और सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड्स में निवेश करते हैं। आम तौर पर ये बॉन्ड्स मध्यम से लंबी अवधि के लिए होते हैं। जब कोई म्यूचुअल फंड ऐसे बॉन्ड्स में निवेश करता है, तो इन अधिक पढ़ें

क्या डेट फंड्स नियमित आय देते हैं?

डेट फंड फंड निवेशकों का पैसा ब्याज देने वाली सिक्योरिटीज जैसे कि बॉन्ड, कॉर्पोरेट डिपॉजिट, जी-सिक्योरिटीज, मनी मार्केट इन्स्ट्रुमेंट, आदि में निवेश करते हैं। ये बॉन्ड एक सर्टिफिकेट की तरह होते हैं जिसमें बॉन्ड जारीकर्ता की तरफ से एक इकरारनामा होता है कि वह बॉन्ड के निवेशकों को नियमित ब्याज (कूपन) का भुगतान करेगा। इस प्रकार, अधिक पढ़ें

डेट फंड के विभिन्न प्रकार कौन से हैं?

डेट फंड्स किस प्रकार की सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं और इन सिक्योरिटीज़ की मियाद (समय सीमा के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। फिक्स्ड इन्कम सिक्योरिटीज़ में कॉर्पोरेट्स, बैंकों और सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड्स, बड़े कॉर्पोरेट्स द्वारा जारी किए जाने वाले डिबेंचर्स, मुद्रा बाज़ार साधन जैसे वाणिज्यिक पत्र और बैंकों अधिक पढ़ें

फिक्स्ड इनकम म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?

फिक्स्ड इनकम फंड्स वे म्यूचुअल फ़ंड स्कीम हैं, जिनकी अंतर्निहित संपत्ति फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज़, जैसे - सरकारी सिक्योरिटीज़, डिबेंचर, कॉर्पोरेट बॉन्ड और अन्य मुद्रा बाजार उपकरण हैं। इन फंड्स को मोटे तौर पर डेट फंड्स के रूप में भी जाना जाता है। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स, अधिक पढ़ें

रिस्क-ओ-मीटर क्या होता है, और इसके विभिन्न लेवल कौनसे हैं?

रिस्क-ओ-मीटर, म्यूचुअल फंड के लिए सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) द्वारा शुरू किया गया एक मानकीकृत रिस्क मेज़रमेंट स्केल है। सभी म्यूचुअल फंड योजना दस्तावेजों में रिस्क-ओ-मीटर को शुरुआत में और बिल्कुल साफ़-साफ़ दिखाना होगा ताकि निवेशकों को उस खास फंड से जुड़े रिस्क का पता चल सके। अधिक पढ़ें

क्या डेट फंड्स मेरे फाइनेंशियल गोल के लिए सही हैं?

इक्विटी फंड की तुलना में डेट फंड कम लागत पर स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं। वे आपके निवेश पोर्टफोलियो को स्थिर रखने में मदद करते हैं क्योंकि वे फिक्स्ड इनकम मार्केट पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो इक्विटी फंड की तुलना में अधिक विश्वसनीय है। भविष्य के लिए हर किसी के अलग-अलग वित्तीय उद अधिक पढ़ें

ब्याज दर में परिवर्तन डेट फंड से मेरे रिटर्न को कैसे प्रभावित करते हैं?

डेट फंड्स फिक्स्ड इन्कम प्रतिभूतियों, जैसे कॉर्पोरेट या सरकारी बॉन्ड्स और मुद्रा बाज़ार के साधन में निवेश करते हैं। ये प्रतिभूतियाँ ब्याज उत्पन्न करने वाले साधन हैं जो नियमित अंतरालों पर निवेशकों को एक नियत(फिक्स्ड) ब्याज (कूपन दर) और मैच्योरिटी पर निवेश की गई राशि (मूलधन) का भुगतान करते हैं। इन प्रतिभूतियों की कीमतें, ब्याज दरों में परिवर्तनों से सीधे तौर पर प्रभावित हो अधिक पढ़ें