सेक्टोरल फंड्स इक्विटी म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो एक खास इंडस्ट्री, जैसे टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, एनर्जी, फाइनेंशियल सर्विसेस या किसी अन्य सेक्टर में काम करने वाले बिजनेस पर फोकस रखते हैं। वे उस सेक्टर के शेयरों में कम से कम 80% फंड्स का निवेश करते हैं, और जब सेक्टर अच्छा परफ़ॉर्म करता है तो अच्छा रिटर्न देते हैं। मगर खासतौर पर सेक्टर में निवेश करने के कारण यह निवेश अधिक जोखिम भरा होता है।
सेक्टोरल फंड्स की विशेषताएं
सेक्टोरल फंड खासतौर पर सेक्टरों पर फोकस रखते हैं, यानि कि वे मुख्य रूप से उन सेक्टरों की कंपनियों में निवेश करते हैं। जब चुने गए सेक्टर अच्छा परफ़ॉर्म करते हैं तो इस फोकस के कारण ज़्यादा रिटर्न मिल सकता है। पर अगर वे सेक्टर ख़राब परफ़ॉर्म करते हैं तो जोखिम भी बढ़ जाता है। जिसके कारण इन फंडों से निश्चित रिटर्न के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है और चुने गए सेक्टरों के परफ़ोर्मेंस के आधार पर इसमें उतार-चढ़ाव हो सकता है।
सेक्टोरल म्यूचुअल फंड्स के लाभ
1. एक ही इंडस्ट्री के अंदर डाइवर्सिफिकेशन आपको एक खास सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों या एसेट्स में निवेश बढ़ाने देता है।
2. ज़्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है क्योंकि ये फंड्स किसी खास इंडस्ट्री में अच्छा परफ़ॉर्म करने वाली कंपनियों में निवेश करते हैं।
अगर आपको किसी खास इंडस्ट्री का भविष्य में बहुत अच्छा परफ़ॉर्म करने का पूरा विश्वास है और आप अपेक्षाकृत ज़्यादा जोखिम लेने को तैयार हैं, तो सेक्टोरल फंड्स में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
अस्वीकरण:
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।