रेकरिंग डिपॉजिट्स (आवर्ती जमा) या RD और फिक्स्ड डिपॉजिट्स (सावधि जमा) या FD हमारे देश के कुछ बेहद लोकप्रिय बचत के साधन हैं| ये सुरक्षित हैं और प्रतिफल दर की गारंटी की आश्वस्ति प्रदान करते हैं|
ये इस बात पर ज़्यादा निर्भर करता है कि एक निवेशक की भविष्य से क्या अपेक्षाएं हैं| अगर निवेशक अपनी लागत पूँजी की सुरक्षा चाहता है और साथ ही वाजिब नियत प्रतिफल दर भी अर्जित करना चाहता है, जो कर और मुद्रास्फीति से अछूते हों, तब ये कारगर साबित हो सकते हैं| लेकिन, अगर निवेशक मुद्रास्फिति और कर जैसे कारकों के होते हुए भी सकारात्मक लाभ अर्जित करने को इच्छुक है, तब शायद ये बहुत अच्छे साबित न हों|
अगर एक निवेशक के पास आरंभ करने के लिए वृहद् धन राशि है और उसे अपनी क्रय शक्ति को बेहतर करने की चिंता नहीं, ऐसी स्थिति में RD और FD उसके लिए सुरक्षित निवेश, उपयोगी बचत और आय सृजन का विकल्प हैं|
गर एक निवेशक अपने मूल धनराशि की सुरक्षा और उम्मीद के मुताबिक़ प्राप्त समयबद्ध आय को लेकर चिंतित है, FD उसके लिए आदर्श है|
सुरक्षित भविष्य के लिए क्या एफ़डी (FD) और आरडी (RD) काफी नहीं हैं?
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