अपने निवेश का पुनर्संतुलन करने के स्टेप्स:
> अपनी एसेट एलोकेशन निर्धारित करें
सबसे पहले, यह तय करें कि आप अपना पैसा अलग-अलग प्रकार के निवेशों जैसे इक्विटी और डेब्ट में कैसे विभाजित करना चाहते हैं। अपने फाइनेंशियल गोल्स, रिस्क सहनशीलता, और निवेश को कितने समय तक बनाए रखने की योजना है, इस पर विचार करें।
> अपनी वर्तमान एलोकेशन की समीक्षा करें
अगला कदम है अपनी वर्तमान एसेट एलोकेशन की समीक्षा करना और इसकी तुलना अपने लक्ष्य के साथ करना। यदि इसमें अंतर हैं, तो अपने पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन करने का समय आ गया है।
> क्या खरीदना या बेचना है, इसका निर्णय करें।
म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन करते समय, अपनी वर्तमान एसेट एलोकेशन को अपने टारगेट एलोकेशन से तुलना करें। यदि वे अलग हैं, तो उन एसेट क्लासेस में से उन फंड्स को बेचें, जो बहुत अधिक हो गए हैं, और उन क्लासेस में खरीदें जो कम हो गए हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपका लक्ष्य 50:50 इक्विटी और डेट का है, तो इस संतुलन को पाने के लिए आप कुछ इक्विटी बेच सकते हैं या अधिक डेट खरीद सकते हैं। यदि मार्केट गिर जाता है और आपकी डेट एलोकेशन बढ़ जाती है, तो अधिक इक्विटी खरीदें या कुछ डेट बेचें ताकि पुनर्संतुलन हो सके।
> टॉलरेंस बैंड्स स्थापित करें
अपने पोर्टफोलियो में प्रत्येक निवेश प्रकार के लिए टॉलरेंस बैंड्स (सीमा) निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, यदि आपका लक्ष्य इक्विटी या डेट फंड्स में 50% है और आप 4% की सीमा रखते हैं, तो आप तब पुनर्संतुलन करेंगे, जब इक्विटी या डेट फंड्स 54% से ऊपर या 46% से नीचे चले जाएं।
> रणनीतिक पुनर्संतुलन दृष्टिकोण अपनाएं
सभी चीजों को एक साथ एडजस्ट करने के बजाय, समय के साथ धीरे-धीरे बदलाव करें। इससे मार्केट के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। जब किसी एसेट क्लास की कीमत में बड़ी गिरावट आए, तो इस मौके का फायदा उठाते हुए उसमें और अधिक निवेश करें।
> टैक्स प्रभावों को समझें
म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन करते समय टैक्स प्रभावों को समझना बेहद ज़रूरी है, ताकि अप्रत्याशित टैक्स देनदारियों से बचा जा सके और टैक्स-एफिशियंट स्ट्रैटेजीज़ के माध्यम से अपने कुल रिटर्न को बढ़ाया जा सके। इससे आप अपने निवेश के मुनाफे का अधिक हिस्सा बनाए रख सकते हैं।
> नियमित पोर्टफोलियो मॉनिटरिंग
अपने पोर्टफोलियो को नियमित रूप से मॉनिटर करें, ताकि यह आपके निवेश लक्ष्यों और रिस्क सहनशीलता के अनुरूप बना रहे। समय-समय पर, जैसे कि सालाना या अर्ध-सालाना, पुनर्संतुलन करें।
अपने निवेश मिश्रण को नियमित रूप से एडजस्ट करना आपके पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने की कुंजी है। इससे आपका रिस्क नियंत्रण में रहता है और रिटर्न भी बढ़ सकता है। पुनर्संतुलन करते समय संभावित टैक्स प्रभावों का ध्यान रखना जरूरी है।
अस्वीकरण
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।