म्यूच्यूअल फंड्स निवेश पूँजीगत लाभ कर का विषय हैं जिसकी अदायगी म्यूच्यूअल फंड्स होल्डिंग्स (ईकाइयों) को बेचकर या छुड़ाकर उससे अर्जित लाभ पर की जाती है| यह लाभ योजना के NAV के खरीदने और बेचने के दिन और उनके मूल्यों के अंतर से अर्जित है( बिक्री मूल्य - खरीद मूल्य) पूँजीगत लाभ को उसके धारण अवधि के आधार पर पुनः वर्गीकृत किया जाता है| उन इक्विटी फंड्स के लिए (फंड्स जिसमे इक्विटी अनाश्रयता>=६५%), जिनका धारण काल एक साल या अधिक है, उन्हें लम्बी अवधि का माना जाएगा और जिनपर लम्बी अवधि पूँजीगत लाभ कर (LTCG) लागू होंगे|
१०% LTCG कर उन इक्विटी फंड्स पर लागू होगा जिनका एक वित्तीय वर्ष के अंतर्गत संचित पूँजी लाभ १ लाख रूपए से अधिक हुआ है| अपना वित्तीय नियोजन करते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि १ लाख तक आपके द्वारा अर्जित लाभ कर मुक्त हैं| ये उन सभी निवेशों पर लागू होता है जिन्हें ३१ जनवरी २०१८ के बाद किया कया| इक्विटी फंड्स में एक साल की कम अवधि की होल्डिंग्स पर अर्जित लाभ लघु अवधि पूँजी लाभ (STCG) के अंतर्गत होगी और कर देयगी १५% रहेगी|
लम्बी अवधि को हम गैर इक्विटी फंड्स (डेब्ट फंड्स)के परिपेक्ष में, ३ साल या उससे अधिक का समय मानकर चलेंगे, ऐसी होल्डिंग्स जिनकी पूंजीगत लाभ की गणना उनकी सूचीबद्धता के साथ होती है मसलन मुद्रास्फीति को ध्यान में रख खरीद मूल्य को ऊपरी स्तर पर समायोजित रखने का कार्य, तत्पश्चात गणनानुसार जिनकी LTCG के अंतर्गत २०% कर देयगी आंकी जाती है | तीन साल की कम अवधि के होल्डिंग्स पर STCG कर लागू होता है, ये कर एक व्यक्ति के उच्चतम आमदनी कर स्लैब जिसके अंतर्गत वो आता है, उसके अनुरूप होता है|