रिटायर्ड लोगों का म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना समझदारी है?

सेवानिवृत्त लोगों को म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए? zoom-icon

आम तौर पर सेवानिवृत्त व्यक्ति का अपना निवेश और बचत बैंक FDs, PPFs, स्वर्ण, अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) बीमा, पेंशन योजना आदि में सुरक्षित रहता है| आवश्यकता के समय इन्हें तुरंत धनराशि में परिवर्तित करना मुश्किल होता है| चिकित्सा या किसी और तरह के आपातकाल स्थिति में ये अनुचित तनाव की सृष्टि करता है| म्यूच्यूअल फंड्स सेवानिवृत्त  लोगों को ज़रुरत के मुताबिक तरलता का विकल्प देते हैं, इन्हें भुनाना आसान है और इनका कर प्रतिफल भी प्रभावशाली है|

 अधिकतर सेवानिवृत्त लोग म्यूच्यूअल फंड्स की अस्थिरता या उतार – चढ़ाव से घबराते हैं और इसलिए इससे दूर रहना ही श्रेयकर समझते हैं| उन्हें अपने सेवानिवृत्ति कोष का कुछ हिस्सा डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशित कर एक व्यवस्थित निकासी योजना/सिस्टेमेटिक विथड्रावल प्लान (SWP) को अपनाना चाहिए| इस प्रकार किये निवेश से उन्हें एक मासिक आमदनी प्राप्त होगी|  डेब्ट फंड्स इक्विटी फंड्स के अपेक्षाकृत सुरक्षित होते हैं क्यों कि ये बैंकों, कंपनियों, सरकारी संस्थानों और मुद्रा बाज़ार उपकरणों (बैंक CDs, T-बिल्स, वाणिज्यिक पत्र) द्वारा जारी बांड्स में निवेश करते हैं|

डेब्ट फंड्स का SWP निवेश बैंकों के FDs के बनिस्बत ज्यादा प्रभावशाली कर प्रतिफल प्रदान करते हैं| पेंशन योजना और FDs से अर्जित आमदनी पर करों की दर SWP योजना के अंतर्गत अर्जित आमदनी की तुलना में ज्यादा है| SWP की एक सुविधा ये भी है कि अपने ज़रुरत के मुताबिक आप इसको कभी भी बंद कर सकते हैं या निकासी राशि की मात्रा में बदलाव कर सकते हैं जो पेंशन प्लान में संभव नहीं है| इसीलिये, सेवानिवृत्त व्यक्ति को अपने वित्तीय योजना में म्यूच्यूअल फंड्स को भी शामिल करना चाहिए|

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