1964 में शुरु होने के बाद से म्यूचुअल फंड से प्रबंधित परिसंपत्ति का मूल्य बढ़ कर अब (31 जनवरी 2017 को) ₹17.37 लाख करोड़ हो गया है।
इस प्रभावशाली वृद्धि का कारण मज़बूत भारतीय अर्थव्यवस्था, बेहतर विनियम, प्रतिष्ठित भारतीय और विदेशी संपत्ति प्रबंधक और भारतीय निवेशकों में पसंदीदा एसेट वर्ग के रूप में म्यूचुअल फंड की बढ़ती स्वीकार्यता है।
यह ध्यान देना दिलचस्प है कि प्रत्येक वैयक्तिक रिटेल निवेशक में औसत निवेश ₹68,086 है जो बढ़ते भारतीय मध्यम वर्ग द्वारा इस एसेट वर्ग की स्वीकार्यता का संकेत हैं।
भारत में आज 42 एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) हैं जो तेज़ी से आकांक्षाएं बढ़ाने वाले इस देश में म्यूचुअल फंड तथा वित्तीय नियोजने के संदेश के विस्तार व इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायता करती है।
सिस्टमेटिक निवेश योजनाओं के माध्यम से हर माह लगभग ₹4000 करोड़ का निवेश होता है, जो कि भारत में म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता का एक और संकेत है।
भारत के शीर्ष 15 शहरों के पास कुल म्यूचुअल फंड एसेट का 83% है। यह उद्योग भारत के छोटे शहरों व कस्बों में, म्यूचुअल फंड की जागरूकता व स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
(सभी डेटा एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया द्वारा प्रदत्त)।