अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स, 3 से 6 महीने की मैकाले अवधी वाली अल्पावधिक डेब्ट सेक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं। वे, बाजार जोखिमों के अधीन, कम जोख़िम को ध्यान में रखते हुए लिक्विड फंड्स से थोड़े अधिक रिटर्न्स देते हैं। उनका मुख्या उद्देश्य, अल्पावधि में रिटर्न्स उत्पन्न करना एवं बदलती ब्याज दरों की वजह से होने वाली पूंजीगत हानियों की जोखिम को कम करना है। दीर्घकालिक बॉन्ड अथवा इक्विटी फंड्स की तुलना में, ये कम जोख़िम भरे माने जाते हैं, क्यूँकि ये कम अवधी वाली डेब्ट सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं।
अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स की विशेषताएं
1. अल्पावधिक डेब्ट सिक्योरिटीज़ में निवेश
अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स, वे अल्पावधिक म्यूच्यूअल फंड्स होते है जो कि मुख्यतः कमर्शियल पेपर्स, सर्टिफिकेट्स ऑफ़ डिपॉज़िट्स एवं 6 माह तक की मैकाले अवधी वाली अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसी, डेब्ट सिक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं।
2. अधिक लिक्विडिटी (तरलता)
ये फंड्स, अल्पावधिक फंड्स मैनेजमेंट के लिए आसानी से प्रवेश करने और बाहर जाने की सहूलियत प्रदान करते हैं। विशेष तौर पर, इनसे बाहर निकलना आसान होता है।
3. मॉडरेट रिटर्न्स
अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स का उद्देश्य, जोख़िम को कम रखते हुए लिक्विड (तरल) फंड्स की तुलना में बेहतर/अधिक रिटर्न्स देना है। यह कम जोख़िम एवं कम रिटर्न देने वाला प्रोडक्ट है।
अल्पावधि में अतिरिक्त कॅश को थोड़े समय के लिए निवेश करने हेतु, अल्ट्रा-शॉर्ट डेब्ट फंड्स बहुत उपयुक्त हैं।
अस्वीकरण:
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।