KYC को प्रस्तावित करने के मुख्य कारणों में से एक था धोखाधड़ी, कर चोरी और काले धन को वैध बनाने वाले मामलों को सीमित/प्रतिबंधित करना| इनको सठीक करने के लिए ये ज़रूरी था की किसी भी लेन-देन के कारोबार का मूलस्रोत और गंतव्य मालूम किये जाएँ| यहाँ KYC को सशक्त किया गया, बैंक खाते और निवेश के क्षेत्र में इस प्रक्रिया को अनिवार्य और सख्त बनाया गया|
SEBI, सिक्यूरिटी बाज़ार विनियामक ने cKYC- कॉमन KYC के ज़रिये निवेशकों के लिए पूरे सिक्यूरिटी बाज़ार को बहुत आसान बना दिया है| एक बार यह प्रक्रिया पूरी होते ही, आप किसी भी सिक्यूरिटी उत्पाद की सिक्यूरिटी बाज़ार में खरीद –फरोख्त कर सकते हैं|
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