क्या बैंक म्यूचुअल फंड्स प्रस्तावित करते हैं ?

क्या बैंक म्यूच्यूअल फंड्स प्रस्तावित करते हैं ?

बैंक मूलतः बचत और ऋण के कार्य से जुड़े हैं और दूसरी तरफ म्यूच्यूअल फंड्स निवेश का कार्य करते हैं| जब आप अपना धन बैंक के बचत खाते या FD में रखते हैं, आप बचत कर रहे हैं जबकि जब आप म्यूच्यूअल फंड्स में अपना धन लगाते हैं, आप निवेश कर रहे हैं| बैंकिंग और म्यूच्यूअल फंड्स दो बिलकुल अलग व्यापार और कार्य क्षेत्र हैं जिनकी संगठनात्मक विशिष्टता एक दूसरे से अलग है| बैंक्स RBI द्वारा शासित हैं जबकि म्यूच्यूअल फंड्स SEBI द्वारा संचालित होते हैं| अगर कोई कॉर्पोरेट (निगम) बैंकिंग और म्यूच्यूअल फंड्स के क्षत्र में आना चाहता है, उसे सम्बंधित नियामकों से दो अलग लाइसेंस परमिट की ज़रुरत होगी, और दो अलग कंपनियों के तौर पर वो कार्य और व्यापार कर पायेगा|

आपका ऐसे बैंकों से भी पला पडा होगा जो म्यूच्यूअल फंड्स का कार्य भी करते हैंइन दोनों का अपना कार्यक्षेत्र बिलकुल अलग है, दोनों अलग कंपनियां हैं जिनका कोई  आपसी कार्यात्मक सम्बन्ध नहीं है| बैंक के अपने अच्छे प्रदर्शन का ये कतई मतलब नहीं कि उसी नाम के म्यूच्यूअल फंड्स के प्रतिफल भी बढ़िया होंगे| दोनों बिलकुल असंबंधित क्षेत्र हैं|

आज ज़्यादातर बैंक विभिन्न वित्तीय उत्पाद का वितरण करते हैं जिनमें म्यूच्यूअल फंड्स एक है| बैंक उन म्यूच्यूअल फंड्स के लिए एक विक्रय चैनल (प्रणाली) के रूप में कार्य करते हैं जिनका उनके साथ वितरण को लेकर गठजोड़ हुआ है| इसलिए, जब आप म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश को लेकर बैंक के पास जाना चाहते हैं, इस बात का ख़याल ज़रूर रखें कि बैंक के पास म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के सारे विकल्प नहीं होते हैं जो आपको बाज़ार में उपलब्ध हैं|

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