लोग अक्सर जीवन में निवेश करना बहुत देर से शुरू करते हैं, भले ही यह उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। नई-नई नौकरी करने वालों के लिए अपने भविष्य की योजना बनाने की जगह अपने रहन-सहन में बढ़ोतरी करना ज़्यादा आम बात है। दूसरे शब्दों में, वे जीवन में बाद तक भी निवेश करना शुरू नहीं करते हैं।
भले ही निवेश करना आप कभी भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन जल्दी शुरुआत करने के कई फायदे हैं। साथ ही, जीवन में देर की बजाय जल्दी निवेश करना शुरू करने से युवा निवेशकों को ज़्यादा बचत करने में मदद मिल सकती है क्योंकि नौकरी के शुरुआती दौर में उन पर ज़िम्मेदारियाँ बहुत कम होती हैं।
चलिए कम उम्र में निवेश करना शुरू करने के पाँच मुख्य कारणों पर नज़र डालते हैं:
- पावर ऑफ कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) का लाभ उठाएं
कम उम्र में निवेश करने का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह होता है कि आपके पास काफ़ी समय होता है। कंपाउंडिंग की मदद से, समय के साथ आपके निवेश के बढ़ने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है। जब आपका रिटर्न कंपाउंड होता है, तो आपको अपने निवेश पर जो ब्याज मिलता है, ज़्यादा रिटर्न पाने करने के लिए उसे दोबारा निवेश किया जाता है।
चलिए एक उदाहरण देखते हैं:
मान लीजिए कि 25 साल की उम्र में, पहली तनख्वाह मिलने पर आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान शुरू करते हैं। आप सालाना 10% के औसत रिटर्न पर 1000 रुपये की एसआईपी राशि से शुरुआत करते हैं।
इस उम्र में |
आपने इतने सालों के लिए निवेश किया है |
निवेशित राशि (रुपए) |
कुल अर्जित कॉर्पस (रुपए) |
35 |
10 साल |
1.2 लाख |
2.05 लाख |
45 |
20 साल |
2.4 लाख |
7.59 लाख |
55 |
30 साल |
3.6 लाख |
22.6 लाख |
60 |
35 साल |
4.2 लाख |
37.97 लाख |
*यह एक उदाहरण मात्र है। तालिका में दिखाए गए प्रतिफल शुद्ध रूप से काल्पनिक और उदाहरण के प्रयोजन के लिए ही हैं। म्यूचुअल फंड प्रतिफल की निश्चित दर का प्रस्ताव नहीं करते हैं।
जैसा कि आप देख सकते हैं, 1,000 रुपये का निवेश भी आपको समय के साथ पर्याप्त धन राशि बनाने में मदद कर सकता है।
यहाँ, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा एकमुश्त निवेश पर भी लागू होता है।
- आपकी जोखिम लेने की क्षमता में सुधार होता है
इसमें कोई दो राय नहीं है कि जोखिम का मुनाफ़े के साथ सीधा संबंध होता है। लंबी अवधि का निवेश आपको अपने जोखिम को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। जब आप कम उम्र के होते हैं, तो आपके पास अपेक्षाकृत जोखिम भरा निवेश करने का विकल्प होता है और उम्र बढ़ने के साथ उस जोखिम को कम करने का विकल्प होता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, ईएमआई, बच्चों की शिक्षा, लोन आदि जैसी बढ़ती जिम्मेदारियों की वजह से आपको बड़ा जोखिम लेने में कठिनाई हो सकती है। कम उम्र में निवेश करने से आपको जोखिम कम करने और बिना किसी आर्थिक तनाव के धन राशि बनाने का मौका मिलता है।
- घाटे से निपटना आसान होता है
जब आप जल्दी शुरुआत करते हैं, तो आपके पास समय होता है। गलत जानकारी पर लिए गए फैसलों या बाज़ार के उतार-चढ़ाव के कारण नुकसान हो सकता है। यदि जरूरी हो तो आप अपने निवेश करने के तरीकों के बारे में आप दोबारा सोच सकते हैं और नुकसान को कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, बाजार में उतार-चढ़ाव के मामले में, आप म्यूचुअल फंड में एसआईपी के साथ इसे बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं। जब आप एसआईपी द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू करते हैं, तो आप दरअसल बाजार में मंदी के दौरान ज़्यादा यूनिट और तेज़ी के दौरान कम यूनिट खरीदकर अपने निवेश की लागत को औसत कर रहे होते हैं। इसे रुपया लागत औसत / रुपी कॉस्ट एवरेजिंग के नाम से जाना जाता है। अगर आप जल्दी निवेश करना शुरू करते हैं, तो रुपया लागत औसत आपको अपने नुकसान को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद कर सकती है।
- सोच-समझकर निर्णय ले सकते हैं
जब आपके पास ज़्यादा समय होता है, तो आप अलग-अलग निवेश विकल्पों की तुलना कर सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर, अपने पोर्टफोलियो में फेर-बदल भी कर सकते हैं, जिससे आपके निवेशों के जोखिमों को कम करने और रिटर्न को बढ़ाने का समय मिलता है। साथ ही, कम उम्र में निवेश करने से आपको जाँचने परखने के लिए ज़्यादा समय के साथ बाजार की बारीकियों को समझने में मदद मिलती है और जीवन में बाद में निवेश करने का आपका तनाव या डर कम हो जाता है।
- रिटायरमेंट के गोल को जल्दी पूरा कर सकते हैं
अगर आप कम उम्र में और सही निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं तो आप अपना रिटायरमेंट गोल जल्दी से पूरा कर सकते हैं।
मान लीजिए कि आप जल्दी रिटायर होने के लिए 1 करोड़ रुपये तक की धनराशि तक पहुंचना चाहते हैं।
आपने 25 साल की उम्र में निवेश करना शुरू किया था |
आपने 35 साल की उम्र में निवेश करना शुरू किया था |
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एसआईपी राशि (रुपए) |
10,100 |
एसआईपी राशि (रुपए) |
10,100 |
रिटर्न की अनुमानित दर |
12% |
रिटर्न की अनुमानित दर |
12% |
निवेशित राशि (रुपए) |
24.24 लाख |
निवेशित राशि (रुपए) |
12.12 लाख |
45 साल की उम्र में फाइनल कॉर्पस (रुपए) |
1 करोड़ |
45 साल की उम्र में फाइनल कॉर्पस (रुपए) |
23.5 लाख |
*यह एक उदाहरण मात्र है। तालिका में दिखाए गए प्रतिफल शुद्ध रूप से काल्पनिक और उदाहरण के प्रयोजन के लिए ही हैं। म्यूचुअल फंड प्रतिफल की निश्चित दर का प्रस्ताव नहीं करते हैं।
जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिखाया गया है, कम उम्र में निवेश करने से आपको अपनी लक्ष्य राशि तक तेज़ी से पहुँचने में मदद मिल सकती है और जल्दी रिटायरमेंट लेने (या कोई दूसरा गोल) पूरा करने में भी मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
कम उम्र में निवेश करना शुरू करने के कई फायदे हैं। एक युवा निवेशक के तौर पर, आप बाजार में बिताए समय का फायदा उठा सकते हैं, जो आपके आर्थिक लक्ष्यों को तेज़ी से पूरा करते हुए जोखिम को प्रबंधित करने और आपातकालीन राशि बनाने में मदद करता है। इस तरह, अगर आप अपने निवेश के मुनाफ़ों को बढ़ाना चाहते हैं, तो कम उम्र में निवेश करना बिल्कुल सही है।
अस्वीकरण:
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।