म्यूचुअल फंड्स और इंडेक्स फंड्स कई शेयरों में निवेश करके विविधता प्रदान करते हैं। यद्यपि म्यूचुअल फंड्स में उनके कथित निवेश के उद्देश्य के अनुरूप रिटर्न जनरेट करने के लिए शेयरों का चुनाव करने का लचीलापन होता है, वहीं इंडेक्स फंड्स किसी विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। इसलिए इंडेक्स फंड्स उन्हीं शेयरों में निवेश करते हैं जो उनके इंडेक्स में शामिल हैं। चूँकि इंडेक्स फंड्स शेयरों का चुनाव करने में सक्रिय निर्णय नहीं लेते, इसलिए उन्हें निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स कहा जाता है।
इंडेक्स फंड्स औसत बाज़ार रिटर्न देते हैं जबकि सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंड्स का लक्ष्य अपने पोर्टफोलियो के लिए शेयरों का चुनाव करने के बारे सक्रिय निर्णय लेकर अल्फ़ा (उनके बेंचमार्क के मुकाबले अतिरिक्त रिटर्न) जनेरट करना होता है। अपेक्षित अधिक रिटर्न अधिक जोखिम की कीमत पर आता है जबकि इसकी तुलना में इंडेक्स फंड्स केवल एक इंडेक्स को फ़ॉलो करते हैं और अपने इंडेक्स के अनुरूप रिटर्न जनरेट करते हैं।
सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स में अधिक प्रबंधन शुल्क और ज़्यादा एक्सपेंस रेशो होती है क्योंकि उन्हें फंड मैनेजर्स को नियुक्त करने के लिए बहुत ज़्यादा फीस देनी होती है। सक्रिय कारोबार की वजह से इन फंड्स को ट्रांज़ैक्शन का ज़्यादा खर्च आता है जबकि इंडेक्स फंड्स के पोर्टफोलियो में कम ट्रांज़ैक्शन्स होती हैं। यह इंडेक्स फंड्स को म्यूचुअल फंड्स से ज़्यादा टैक्स कुशल भी बनाता है। मुनाफ़ा कमाने के लिए पोर्टफोलियो में से सिक्योरिटीज़ (प्रतिभूतियाँ) बेचने पर सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स कैपिटल गेन्स जनरेट करते हैं। जब निवेशकों तक यह लाभ पहुँचाया जाता है, तब उनकी कैपिटल गेन्स टैक्स की देनदारी बढ़ जाती है।