डायरेक्ट योजना/रेगुलर योजना क्या है?

प्रत्यक्ष योजना/नियमित योजना क्या है?

सब म्यूच्यूअल फंड स्कीमें योजनाओं में दो विकल्प प्रदान करती हैं- प्रत्यक्ष और नियमित| प्रत्यक्ष योजना में, निवेशक AMC के साथ सीधे निवेश करता है जिसमें लेन-देन की प्रक्रिया में कोई वितरक शामिल नहीं होता| नियमित योजना में, निवेशक किसी मध्यस्थ जैसे वितरक, ब्रोकर या बैंकर की मदद से निवेश करता है और इन्हें AMC वितरण शुल्क देती है, जो योजना पर आवेशित कर दिया जाता है|

अतः, प्रत्यक्ष योजना का व्यय अनुपात कम रहता है क्योंकि कोई वितरण शुल्क इसमें निहित नहीं है जबकि नियमित योजना का व्यय अनुपात थोडा अधिक होता है क्योंकि इसमें वितरक को दिया जाने वाला कमीशन भी शामिल रहता ह

म्यूच्यूअल फंड स्कीमों के प्रबंधन में लागत और व्यय एक अपरिहार्य हिस्सा है, फंड प्रबंधन खर्च, बिक्री और वितरण खर्च, अभिरक्षक और रजिस्ट्रार शुल्क/ फी आदि| ये समस्त व्यय, फंड के व्यय अनुपात द्वारा उठाये जाते हैं| ये समस्त व्यय, नियामक SEBI द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर रहते हैं|

अतः,अगर निवेशक प्रत्यक्ष योजना के अंतर्गत सीधे निवेश करता है, उसे व्यय में कटौती के चलते मामूली ऊंचे प्रतिफल मिल सकते हैं लेकिन उसके पास वितरण या उनसे सम्बंधित सेवाओं की सुविधायें भी नहीं रहती जो किसी मध्यस्थ के रहते उसे मिलती हैं|

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