क्या मुझे म्यूचुअल फंड्स में अपनी बचत को जोख़िम में डालना चाहिए?

क्या मुझे म्यूचुअल फंड्स में अपनी बचत को जोख़िम में डालना चाहिए?

हर कोई बिना कोई जोखिम उठाए अच्छा मुनाफ़ा कमाना चाहता है। लेकिन क्या अपने पैसे निवेश किए बिना भी ऐसा मुनाफ़ा पाना संभव है? अगर आप अपनी बचत निवेश कर रहे हैं, तो महंगाई से बेहतर मुनाफ़ा पाने के लिए आपको जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए । (यह जानने के लिए कि महंगाई आपकी बचत पर कैसे असर डालती है, यहाँ इस आर्टिकल को पढ़ें) यह निवेश आपके कुछ भावी (आने वाले) गोल्स जैसे बच्चों की शिक्षा, नया घर या रिटायरमेंट के लिए हो सकता है।

मगर, आपको फ़िक्र हो सकती है कि आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके अपनी मेहनत की कमाई को जोखिम में डाल रहे हैं, जबकि आप इसे फिक्स्ड डिपॉज़िट में डाल सकते थे। और यह एक वाजिब शंका है। म्यूचुअल फंड्स जोख़िम से भरे जाने जाते हैं। वे फिक्स्ड डिपॉज़िट जैसे मुनाफ़े की गारंटी नहीं देते हैं। लेकिन वे क्रिकेट के खेल की तरह होते हैं। जब इंडियन टीम मैदान पर उतरती है, तो हमको यह भी नहीं पता होता कि वे मैच जीतेंगे या नहीं। हारने का बड़ा जोख़िम होता है लेकिन उतना ही बड़ा जीतने का अवसर भी होता है।

जब तक टीम मैच खेलने का जोख़िम नहीं उठाती, वे जीत का स्वाद नहीं चख सकते। वही म्यूचुअल फंड्स के साथ भी होता है। जब तक आप इसमें अपने पैसे नहीं निवेश करते, तब तक आप म्यूचुअल फंड्स के दूसरे पहलु का अनुभव नहीं कर सकते मतलब एफडी, सोना, अचल संपत्ति आदि जैसे दूसरे विकल्पों के मुकाबले महंगाई के अनुसार ज़्यादा मुनाफ़ा देने की क्षमता।

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