म्युचुअल फंड्स को ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स और क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स में बांटा जा सकता है। लेकिन दोनों में क्या अंतर है? आइए पता करते हैं।
1) वे क्या हैं
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स क्या होते हैं?
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स निवेश की एक श्रेणी है जिसमें निवेशक किसी भी समय यूनिट को खरीद और बेच सकते हैं। न्यू फंड ऑफर समाप्त होने के बाद, फंड कुछ दिनों के भीतर निवेश स्वीकार करना शुरू कर देता है। इसलिए निवेशक किसी भी समय योजना सूचना दस्तावेज के अनुसार योजना की यूनिटों में निवेश कर सकते हैं।
क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स क्या होते हैं?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) क्लोज़-एंडेड फ़ंड्स को ऐसे म्यूचुअल फ़ंड्स के रूप में पारिभाषित करता है जिनकी मैच्योरिटी की फ़िक्स्ड तारीख या फ़िक्स्ड अवधि है। ये म्युचुअल फंड्स योजना शुरू/लॉन्च होने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होते हैं और निवेश अवधि के अंत में इन्हें रिडीम किया जा सकता है।
2) ये कैसे काम करते हैं?
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स
सभी म्युचुअल फंड्स पहले न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) के जरिए बाजार में उतारे जाते हैं। आमतौर पर, एनएफओ अधिकतम 15 दिनों के लिए खुला रहता है। एनएफओ आने के बाद आप ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में निवेश शुरू कर सकते हैं।
जब आप ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको नेट एसेट वैल्यू पर यूनिट्स को खरीदना या बेचना चाहिए। एनएवी (NAV) उन सभी प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य है जिनमें फंड निवेश किया गया है। प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य के आधार पर एनएवी में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव होता है। इन म्युचुअल फंड्स की यूनिटों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है और न ही कोई मैच्योरिटी अवधि है।
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स का प्रबंधन पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है, जो फंड के उद्देश्यों और ऑफर डॉक्यूमेंट्स के आधार पर निवेश का फैसला लेते हैं। आप इन फंड्स में योजना सूचना दस्तावेज के अनुसार सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (एसआईपी), एकमुश्त या सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान्स (एसटीपी) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स
न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) द्वारा शुरू की गई एक नई योजना के लिए एक फर्स्ट टाइम सब्सक्रिप्शन ऑफर है। क्लोज-एंडेड फंड्स के लिए भी ऐसा ही है। एक बार एनएफओ शुरू हो जाने के बाद, निवेशक एक निर्धारित मूल्य पर म्यूचुअल फंड की यूनिटें खरीद सकते हैं। एनएफओ समाप्त होने के बाद नए निवेशक फंड में निवेश नहीं कर सकते हैं। हालांकि, एएमसी निवेशकों को निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कर सकता है।
एक निवेशक के रूप में, आप मैच्योरिटी तक निवेश को होल्ड करने का विकल्प चुन सकते हैं, जब फंड लिक्विडेट होगा, और आपको एनएवी का भुगतान किया जाएगा। वैकल्पिक तौर पर, यदि आपको पैसे की तत्काल आवश्यकता है, तो आप योजना सूचना दस्तावेज़ के अनुसार अपनी यूनिटों को सेकंडरी मार्केट में बेच सकते हैं। क्लोज-एंडेड फंड्स, फंड मैनेजरों को (निवेशकों द्वारा) फंड निकाले जाने के डर के बिना पैसा आवंटित करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
3) इनके क्या फायदे हैं?
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स के लाभ
यदि आप ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, तो यहां वे फायदे बताए गए हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए:
1. लिक्विडिटी
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स लिक्विड होते हैं क्योंकि आप किसी भी वर्किंग-डे पर यूनिट खरीद और बेच सकते हैं। आप अपने निवेश को कब निकाल सकते हैं, इस पर कोई रोक नहीं है।
2. पारदर्शिता
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स अपने रिकॉर्ड के साथ अत्यधिक पारदर्शी होते हैं। अन्य बातों के अलावा, आप देख सकते हैं कि वे किन प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, उनका पिछला प्रदर्शन इतिहास और फंड मैनेजर का प्रदर्शन कैसा रहा है। इससे आपके लिए निवेश संबंधी निर्णय लेना आसान हो जाता है। हालांकि, चूंकि पिछला प्रदर्शन भविष्य के प्रदर्शन की कोई गारंटी नहीं है, इसलिए अपने निवेश की नियमित रूप से समीक्षा करना और उन पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है।
3. सिस्टेमेटिक विकल्प
आप ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स में एकमुश्त राशि, एसआईपी या एसटीपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। ये विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करना आपके लिए सुविधाजनक बनाते हैं।
4. पेशेवर प्रबंधन
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, जो उन्हें उन लोगों के लिए आदर्श बनाते हैं जो सक्रिय रूप से अपने स्वयं के पोर्टफोलियो का प्रबंधन नहीं कर सकते हैं। फंड मैनेजर बाजार का हाल, रिसर्च और स्कीम ऑफर डॉक्यमेंट के आधार पर निवेश निर्णय लेते हैं, जिससे आप हर समय बाजार पर नजर रखने की परेशानी से बच सकते हैं।
क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स के लाभ
जबकि ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स आसान लिक्विडिटी, पारदर्शिता और निवेश में सुविधा जैसे लाभ प्रदान करते हैं, क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स के भी फायदे हैं।
1. स्थिरता
क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स को अधिक स्थिर माना जाता है क्योंकि एनएफओ समाप्त होने के बाद उन्हें लिक्विडेट नहीं किया जा सकता है। यह सुविधा फंड मैनेजरों को एक स्थिर एसेट बेस प्रदान करती है, जिससे वे उचित निवेश रणनीतियाँ बना सकते हैं। लिक्विडिटी को बनाए रखना भी आसान है क्योंकि मैच्योरटी तक या तो पैसा निकाला ही नहीं जा सकता या फिर कम से कम पैसा निकाला जा सकता है।
2. बहुत पैसा निकलने से रक्षा
क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स का एक और फायदा यह है कि फंड के मूल्य में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होता है क्योंकि लॉक-इन अवधि के दौरान कोई इन फ्लो या आउट फ्लो नहीं होता है। इसे सकारात्मक रूप में देखें- कि बहुत कम पैसा निकलने की संभावना के कारण फंड मैनेजर अपनी निवेश रणनीतियों पर कायम रह सकते हैं
3. पेशेवर तौर पर प्रबंधित
क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड भी पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं। लॉक-इन अवधि को देखते हुए, फंड मैनेजर्स निवेश रणनीतियों को तैयार कर सकते हैं जो लिक्विडिटी के प्रबंधन के बजाय फंड के प्रदर्शन को बढ़ाते हैं। विषय और स्पष्टीकरण के बीच अंतर।
ओपन-एंडेड और क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स के बीच कैसे चुनाव करें?
ओपन-एंडेड और क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड्स के बीच चुनाव करते समय, आपको कई चीजों पर विचार करना होगा:
1. लिक्विडिटी
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स अधिक लिक्विड होते हैं क्योंकि आप जब चाहें यूनिट खरीद और बेच सकते हैं। क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स को एक्सचेंज पर बेचा जा सकता है, लेकिन हो सकता है कि ओपन एंडेड म्युचुअल फंड्स जितनी लिक्विडिटी न हो।
2. फीस
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स की कीमत अधिक हो सकती है और इसकी फीस भी अधिक हो सकती है। क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में आमतौर पर कम फीस होती है। यदि यह आपके लिए एक कारक है, तो निवेश करने से पहले फीस की तुलना जरूर कर लें।
3. निवेश का दायरा
ओपन-एंडेड म्युचुअल फंड्स के लिए निवेश का दायरा पूरी तरह से निवेशक की पसंद और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकते हैं जिनके पास खास लक्ष्य हैं और उन्हें अल्पावधि में बेच सकते हैं।
4. छूट
आप ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में एकमुश्त निवेश या एसआईपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। हालांकि, चूंकि क्लोज-एंडेड म्युचुअल फंड्स में सीमित निवेश सुविधा है, आप एसआईपी के माध्यम से उनमें निवेश नहीं कर सकते हैं। केवल एकमुश्त निवेश की अनुमति है।
इसलिए, यदि आप निवेश में अधिक छूट, अधिक लिक्विडटी चाहते हैं तो ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड्स आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। हमेशा की तरह, सुनिश्चित करें कि आपने किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले अपना रिसर्च किया है, अपने निवेश उद्देश्यों और रिस्क प्रोफाइल को समझा है। स्कीम के रिस्क-ओ-मीटर देख लें, जो आपको बताता है कि बाजार में अन्य योजनाओं की तुलना में म्युचुअल फंड निवेश कितना जोखिम भरा है। बेंचमार्क रिस्क-ओ-मीटर की आपके द्वारा विचार किए जा रहे निवेश के साथ तुलना करना भी सहायक होगा। इससे आपको अधिक जानकारी के आधार पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
भले ही आप ओपन-एंडेड निवेश करें या फिर क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में निवेश करें, सुनिश्चित करें कि आपने योजना से संबंधित सभी ऑफर डॉक्यूमेंट्स को पढ़ा है। यदि आप कोई स्पष्टीकरण चाहते हैं तो अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
अस्वीकरण
म्यूचुअल फंड योजनाओं की अलग-अलग श्रेणियों के बारे में AMFI वेबसाइट पर प्रसारित सूचना, म्यूचुअल फंड्स के बारे में जागरूकता पैदा करने और एक वित्तीय उत्पाद के तौर पर उसके बारे में जानकारी देने के लिए है, न कि बिक्री को बढ़ावा देने या फिर व्यवसाय के आग्रह के लिए है।
यहाँ दी गई जानकारी AMFI द्वारा सार्वजनिक रूप से, आंतरिक स्रोतों और विश्वसनीय माने जाने वाले अन्य तीसरे पक्ष के स्रोतों की दी गई जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। हालाँकि, AMFI ऐसी जानकारी की सटीकता की की और ना ही इसके भरोसेमंद होने की कोई गारंटी दे सकता है, या वारंटी दे सकता है कि ऐसी जानकारी नहीं बदली जाएगी।
यहाँ दी गई जानकारी व्यक्तिगत निवेशक के उद्देश्यों, जोखिम लेने की क्षमता या वित्तीय ज़रूरतों या परिस्थितियों या यहाँ वर्णित म्यूचुअल फंड्स उत्पादों की उपयुक्तता को ध्यान में नहीं रखती है। इसलिए, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस संबंध में निवेश सलाह के लिए अपने पेशेवर निवेश सलाहकार/कंसलटेंट/कर सलाहकार से परामर्श करें।
म्यूचुअल फंड योजना कोई डिपॉजिट उत्पाद नहीं है और यह म्यूचुअल फंड या उसके AMC द्वारा गारंटीकृत या बीमाकृत नहीं है। अंतर्निहित निवेशों की प्रकृति के कारण, म्यूचुअल फंड उत्पाद के रिटर्न या संभावित रिटर्न की गारंटी नहीं दी जा सकती है। जब पिछला प्रदर्शन दर्शाया जाता है, वह सिर्फ और सिर्फ संदर्भ उद्देश्यों के लिए होता है और भविष्य के रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है।
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।