रिस्क-ओ-मीटर क्या होता है, और इसके विभिन्न लेवल कौनसे हैं?

रिस्क-ओ-मीटर क्या होता है, और इसके  विभिन्न लेवल कौनसे हैं?

रिस्क-ओ-मीटर, म्यूचुअल फंड के लिए सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) द्वारा शुरू किया गया एक मानकीकृत रिस्क मेज़रमेंट स्केल है। सभी म्यूचुअल फंड योजना दस्तावेजों में रिस्क-ओ-मीटर को शुरुआत में और बिल्कुल साफ़-साफ़ दिखाना होगा ताकि निवेशकों को उस खास फंड से जुड़े रिस्क का पता चल सके।

रिस्क-ओ-मीटर, रिस्क को छह अलग-अलग लेवल में वर्गीकृत करता है। इनमें लो, लो से मॉडरेट, मॉडरेट, मॉडरेटली हाई, हाई और वेरी हाई शामिल हैं। बाईं ओर दिए गए चित्र को देखें।

लो रिस्क: इस कैटेगरी के अंतर्गतआने वाले फंड्स में, उनकी मुख्य सिक्योरिटीज़ के कारण सबसे लो रिस्क होता है, जो उन्हें कुछ हद तक उन निवेशकों के लिए उपयुक्त बनाता है, जो अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैंl

लो से मॉडरेट रिस्क: ये उन निवेशकों के लिए हैं, जो मध्यम से लंबी अवधि में थोड़ा-बहुत रिटर्न पाने के लिए थोड़ा सा रिस्क लेने को तैयार हैं। ज़्यादातर अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन/बेहद कम अवधि वाले फंड्स इसी कैटेगरी में आते हैं।

मॉडरेट रिस्क: यह उन निवेशकों के लिए बिल्कुल सही हैं, जो थोड़ा सा रिस्क लेकर अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहते हैं। ज़्यादातर डाइनैमिक बॉन्ड फंड्स इसी कैटेगरी में आते हैं।

मॉडरेटली हाई रिस्क: ये फंड कुछ हद तक हाई लेवल का रिस्क रखते हैं और थोड़ा ज़्यादा रिस्क प्रोफ़ाइल रखने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त/सही हो सकते हैं। ये उन निवेशकों के लिए सही हैं, जो ज़्यादा ग्रोथ या मुनाफ़ा पाने की संभावना के बदले में थोड़ी अनिश्चितता और ज़्यादा अस्थिरता को स्वीकारने हेतु तैयार हैं।

हाई रिस्क: इस कैटेगरी के फंड्स खास तौर पर इक्विटी में निवेश करते हैं। वे संभावित मुनाफ़े के लिए हाई रिस्क लेने के लिए तैयार लोगों के लिए बिल्कुल सही हैं।

वेरी हाई रिस्क: वे बेहद ज़्यादा रिस्क से भरे फंड्स हैं, जो अस्थिर शेयरों या विदेशी म्यूचुअल फंड यूनिट्स में निवेश करते हैं। ये उन निवेशकों के लिए सही हैं, जो हाई रिस्क, हाई-मुनाफ़े वाले निवेश में निवेश करने की चाह रखते हैं।

अस्वीकरण

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।

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