सिस्टेमेटिक रिस्क वह जोखिम है जो पूरे बाजार या उसके एक बड़े हिस्से को प्रभावित करता है। इसे मार्केट रिस्क/बाजार जोखिम के नाम से भी जाना जाता है। यह जोखिम पूरे बाज़ार में मौजूद है, जो आर्थिक, सामाजिक-राजनीतिक और बाज़ार से जुड़ी घटनाओं जैसे कारकों के मिश्रण से बनता है। हालांकि ऐसी घटना की संभावना कम है, पर आपको निवेश करते समय इस पर विचार करना चाहिए क्योंकि यह उन कारकों से जुड़ी अनिश्चितता को उजागर करता है जिनका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
सिस्टेमेटिक रिस्क के प्रकार
1) मार्केट रिस्क
बाजार मार्केट रिस्क का मतलब सामान्य बाजार स्थितियों में निवेश के परफ़ोर्मेंस पर संभावित प्रभाव से है, जिसमें बाजार की अस्थिरता, निवेशक की भावना और सप्लाई/डिमांड के रुझान शामिल हैं। ये सामान्य बाज़ार कारक अलग-अलग प्रकार के निवेशों के परफ़ोर्मेंस पर प्रभाव डाल सकते हैं।
2) इंटरेस्ट रेट रिस्क
ब्याज दर इंटरेस्ट रेट रिस्क का मतलब इस संभावना से है कि ब्याज दर में आए बदलाव से निवेश की परफ़ोर्मेंस प्रभावित होगी। जैसे, ब्याज दरों के बढ़ने पर बॉन्ड जैसे फिक्स्ड-इनकम वाले प्रोडक्ट्स की वैल्यू अक्सर कम हो जाती है या बढ़ जाती है।
3) महंगाई का रिस्क
महंगाई में तेज़ी आने से ब्याज दरें बढ़ सकती हैं और इक्विटी और बॉन्ड मार्केट में मंदी आ सकती है और उन्हें कम दामों पर बेचना पड़ सकता है।
4) राजनीतिक रिस्क
राजनीतिक रिस्क वह संभावना है जो सरकारी नीति में अचानक आए बदलाव या राजनीतिक अशांति से आता है। इसका असर निवेश के परफ़ोर्मेंस पर पड़ेगा।
5) मुद्रा रिस्क
विदेश में निवेश करने में जोखिम होता है। विदेशी मुद्रा बाज़ार में आई अस्थिरता के कारण आपके निवेश की वैल्यू में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
अस्वीकरण:
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।